मुंबई : सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से ही सोशल मीडिया पर भाई-भतीजावाद को लेकर चर्चा हो रही है. फैंस का कहना है कि नेपोटिज्म की वजह से ही अच्छे एक्टर्स को काम नहीं मिलता और वह अवसाद के शिकार होते हैं.
सभी सेलेब्स इस मामले पर अपनी राय रख रहे हैं. इसी कड़ी में अपने जमाने की शानदार अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के बेटे और एक्टर सैफ अली खान ने भी नेपोटिज्म को लेकर बयान दिया है.
सैफ ने कहा है कि भारत में परिवारवाद, पक्षपात और कैंप कई तरह के विषय मौजूद हैं. यहां तक कि मैं भी भाई-भतीजावाद का शिकार हो चुका हूं, लेकिन कोई भी इस बारे में नहीं बोलता. मुझे खुशी है कि फिल्म संस्थानों के और लोग भी सामने आए हैं.
एक एंटरटेनमेंट पोर्टल के साथ बातचीत में सैफ अली खान ने कहा कि नेपोटिज्म, मैं कहूंगा, एक ऐसी चीज है जिसका शिकार मैं भी हो चुका हूं. लेकिन कोई इसके बारे में पहले बात ही नहीं करना चाहता था. बिजनेस ऐसे ही चलता है. हालांकि मैं इस बारे में किसी का नाम नहीं लेना चाहता कि कौन इसे फैला रहा है या फिर इसे सपोर्ट कर रहा है.
सैफ कहते हैं कि मुझे आज भी याद है किसी के पिता ने फिल्ममेकर को फोन करके मेरे लिए कहा था कि उसे मत लो. वह हीरो के लिए सही नहीं. सबके साथ होता है और मेरे साथ भी हुआ. बॉलीवुड इंडस्ट्री में हर लेवल का नेपोटिज्म है. फेवरेटिज्म से लेकर यह तक है कि जो जिसके साथ काम करने में आरामदायक महसूस करता है वह उसी के साथ काम करता है और उसे ही कास्ट भी किया जाता है.
सैफ खुश हैं कि नए लोग फिल्मी दुनिया में कदम रख रहे हैं और घर-घर में अपने काम से पहचान बना रहे हैं. बाकी लोगों के लिए एक्टिंग का शानदार लेवल सेट कर रहे हैं. इसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी और पंकज त्रिपाठी जेसे नाम शामिल रहेंगे.
सैफ आगे कहते हैं कि टैलेंट और स्किल्स जिसके अंदर है उसे आपको रिप्लेस नहीं करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो यह सिर्फ नेपोटिज्म के अंतर्गत ही आता है. आप इसपर जितनी भी सफाई दे दें, कोई नहीं समझता.
Read More: 'बेल बॉटम' में अक्षय कुमार के अपोजिट नजर आएंगी वाणी कपूर
मालूम हो कि सैफ दिवगंत एक्टर सुशांत की जल्द ही रिलीज होने वाली फिल्म दिल बेचारा के एक गाने में कैमियो करते नजर आएंगे.
गाने की शूटिंग को याद करते हुए एक्टर ने कहा था सुशांत बहुत प्रतिभाशाली और बुद्धिमान इंसान थे.