मुंबई : फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' ने अपनी रिलीज का एक साल पूरा कर लिया है, और इस मौके पर इसके निर्माता संदीप सिंह का कहना है कि इस परियोजना की शुरू से लेकर अंत तक की पूरी अवधि तक सीखने की एक गजब की प्रक्रिया रही.
फिल्म में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक चाय विक्रेता से लेकर राष्ट्र प्रमुख बनने के सफर को दर्शाया गया है.
फिल्म को इसकी कहानी और रिलीज को लेकर कई विवादों का सामना करना पड़ा, क्योंकि साल 2019 में लोक सभा चुनाव के आसपास इसे रिलीज किया जाना था. चुनाव आयोग द्वारा उस दौरान चुनाव के खत्म न होने तक इसकी रिलीज को रोक दिया गया, क्योंकि इससे चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन होने का खतरा बना रहता.
संदीप ने आईएएनएस को बताया, "मुझे लगता है कि 'पीएम नरेंद्र मोदी' की रिलीज के दौरान मुझे जिन भी चीजों का सामना करना पड़ा, उनसे मुझे कई अनुभव प्राप्त हुए. फिल्म की आलोचनाओं व सोशल मीडिया पर इसे लेकर बने मीम्स के अलावा मुझे विपक्षी दल, अदालत, सीबीएफसी से आपत्तियों का भी सामना करना पड़ा."
उन्होंने आगे कहा, "हमने 35 दिनों के अंदर फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली थी और वह भी देशके कई अलग-अलग हिस्सों में. हर किसी में इस फिल्म को लेकर एक डर बना हुआ थाऔर इसी के चलते राजनेता भी इसके खिलाफ थे. हर विपक्षी दल ने यही सोचा कि अगर फिल्म रिलीज होती है, तो वह चुनाव हार जाएंगे. मोदी जी ने उनके समर्थनमें मुझे इस फिल्म को बनाने के लिए नहीं कहा था. हमने इसे बनाने का निर्णय लिया क्योंकि किसी इंसान का यह एक सफर बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक रहा. आज लोग दिवंगत जयललिता (तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री) पर बायोपिक बना रहे हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है, लेकिन दुनिया को हमारी फिल्मों से दिक्कत होती है. सच तो यह है कि मोदी जी पर कई फिल्मकारों ने बायोपिक बनाने की कोशिश की है, केवल हम इसे बना पाने, रिलीज कर पाने और चारों ओर हलचल पैदा कर पाने में समर्थ हो पाए हैं."
उमंग कुमार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में विवेक ओबेरॉय शीर्षक भूमिका में हैं और उनके अलावा मनोज जोशी, दर्शन कुमार, बोमन ईरानी, जरीना वहाब सहित कई और भी कलाकार हैं.
इनपुट-आईएएनएस