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KBC-13 : पंकज त्रिपाठी के घर में नहीं होती थी माचिस भी, पड़ोसी से आग मांगकर जलाते थे चूल्हा

केबीसी 13 में पहुंचे अभिनेता पंकज त्रिपाठी और प्रतीक गांधी शो में खेल के साथ-साथ अपने संघर्ष के बारे में भी बिग बी को बताया. बिग बी भी दोनों कलाकारों को अंदर से खूब टटोलते दिख रहे हैं. बिग बी ने जब पंकज त्रिपाठी और प्रतीक गांधी से पूछा कि वे कितने जमीन से जुड़े हैं और कितने प्रकृति के करीब और उनके घर और गांव का कैसा वातवरण रहा है, तो यकीन मानिए पंकज त्रिपाठी की कहानी सुनकर पत्थर की आंखों में भी पानी आ आएगा.

केबीसी 13
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Published : Oct 1, 2021, 2:14 PM IST

हैदराबाद : टीवी का लोकप्रिय क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति' घर-घर मशहूर है. शो में छोटे गांव और कस्बे से आने वाले कलाकार जब अपने संघर्ष की कहानी सुनाते हैं, तो दर्शकों का गला रूंध जाता है और शो के होस्ट बिग बी की भी आंखें आसुंओं से भर जाती है. पर्दे पर दिखने के वाले कई कलाकार ऐसे हैं, जिनकी कामयाबी के पीछे कड़ा संघर्ष और भयंकर गरीबी में बचपन बीतने जैसी कहानी छिपी होती है. ऐसी ही एक कहानी है बॉलीवुड के उम्दा कलाकार पंकज त्रिपाठी की.

केबीसी 13 में पहुंचे अभिनेता पंकज त्रिपाठी और प्रतीक गांधी शो में खेल के साथ-साथ अपने संघर्ष के बारे में भी बिग बी को बताया. बिग बी भी दोनों कलाकारों को अंदर से खूब टटोलते दिख रहे हैं. बिग बी ने जब पंकज त्रिपाठी और प्रतीक गांधी से पूछा कि वे कितने जमीन से जुड़े हैं और कितने प्रकृति के करीब और उनके घर और गांव का कैसा वातवरण रहा है, तो यकीन मानिए पंकज त्रिपाठी की कहानी सुनकर पत्थर की आंखों में भी पानी आ आएगा.

रुला देगी पंकज त्रिपाठी की कहानी

पंकज त्रिपाठी ने अपनी गरीबी के दिनों को याद करते हुए बताया, 'मेरा इलाका इतना पिछड़ा हुआ था कि माचिस हर घर में नहीं हुआ करती थी, चूल्हा जलाने के लिए दूसरे के घर से आग लेकर आता था और फिर घर में कुछ खाना बन जाया करता था, मेरे घर से आठ किलोमीटर दूर एक रेलवे स्टेशन से है, जिसके इंजन की आवाज सुनाई देती और हम सोने चल देते थे, हम इतना साधारण और प्रकृति के करीब थे, चांद-सितारे हमारे दोस्त हुआ करते थे, यही कारण है मैं वो सहजता आज भी बरकरार रखता हूं, उसे जाने नहीं देता हू.' वाकई में पंकज की ये बातें हर उस इंसान को आगे बढ़ने का जज्बा जरूर देंगी जो दिन-रात संघर्ष से जूझ रहे हैं.

पंकज त्रिपाठी का वर्कफ्रंट

शो में पकंज त्रिपाठी ने बताया कि फिल्म 'गैंग ऑफ वासेपुर' (2012) से लोग उन्हें पहचानने लगे थे, लेकिन अगले छह महीने तक भी कहीं काम नहीं मिला था. 45 वर्षीय पंकज त्रिपाठी फिल्म 'गैंग ऑफ वासेपुर' से पहले रन (2004), अपहरण (2005), ओमकारा (2006), धर्म (2007), मिथ्या और शौर्य (2008), चिंटू जी, बारह आना (2009), वाल्मिकी की बंदूक, रावण, आक्रोश (2010), चिल्लर पार्टी (2011) अग्निपथ (2012) में काम कर चुके थे, जिनसे उन्हें कोई पहचान नहीं मिली थी.

पिछली बार पंकज त्रिपाठी एक्ट्रेस कृति सेनन अभिनीत फिल्म 'मिमी' (2021) में दिखे थे. फिल्म में पंकज के अभिनय की खूब तारीफ हुई थी. पंकज अब रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टारर अपकमिंग फिल्म '83' में दिखाई देंगे.

ये भी पढे़ं : अमिताभ बच्चन का मॉडल लुक देख खा जाएंगे धोखा, बिग बी ने शेयर की फोटोज, देखें

हैदराबाद : टीवी का लोकप्रिय क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति' घर-घर मशहूर है. शो में छोटे गांव और कस्बे से आने वाले कलाकार जब अपने संघर्ष की कहानी सुनाते हैं, तो दर्शकों का गला रूंध जाता है और शो के होस्ट बिग बी की भी आंखें आसुंओं से भर जाती है. पर्दे पर दिखने के वाले कई कलाकार ऐसे हैं, जिनकी कामयाबी के पीछे कड़ा संघर्ष और भयंकर गरीबी में बचपन बीतने जैसी कहानी छिपी होती है. ऐसी ही एक कहानी है बॉलीवुड के उम्दा कलाकार पंकज त्रिपाठी की.

केबीसी 13 में पहुंचे अभिनेता पंकज त्रिपाठी और प्रतीक गांधी शो में खेल के साथ-साथ अपने संघर्ष के बारे में भी बिग बी को बताया. बिग बी भी दोनों कलाकारों को अंदर से खूब टटोलते दिख रहे हैं. बिग बी ने जब पंकज त्रिपाठी और प्रतीक गांधी से पूछा कि वे कितने जमीन से जुड़े हैं और कितने प्रकृति के करीब और उनके घर और गांव का कैसा वातवरण रहा है, तो यकीन मानिए पंकज त्रिपाठी की कहानी सुनकर पत्थर की आंखों में भी पानी आ आएगा.

रुला देगी पंकज त्रिपाठी की कहानी

पंकज त्रिपाठी ने अपनी गरीबी के दिनों को याद करते हुए बताया, 'मेरा इलाका इतना पिछड़ा हुआ था कि माचिस हर घर में नहीं हुआ करती थी, चूल्हा जलाने के लिए दूसरे के घर से आग लेकर आता था और फिर घर में कुछ खाना बन जाया करता था, मेरे घर से आठ किलोमीटर दूर एक रेलवे स्टेशन से है, जिसके इंजन की आवाज सुनाई देती और हम सोने चल देते थे, हम इतना साधारण और प्रकृति के करीब थे, चांद-सितारे हमारे दोस्त हुआ करते थे, यही कारण है मैं वो सहजता आज भी बरकरार रखता हूं, उसे जाने नहीं देता हू.' वाकई में पंकज की ये बातें हर उस इंसान को आगे बढ़ने का जज्बा जरूर देंगी जो दिन-रात संघर्ष से जूझ रहे हैं.

पंकज त्रिपाठी का वर्कफ्रंट

शो में पकंज त्रिपाठी ने बताया कि फिल्म 'गैंग ऑफ वासेपुर' (2012) से लोग उन्हें पहचानने लगे थे, लेकिन अगले छह महीने तक भी कहीं काम नहीं मिला था. 45 वर्षीय पंकज त्रिपाठी फिल्म 'गैंग ऑफ वासेपुर' से पहले रन (2004), अपहरण (2005), ओमकारा (2006), धर्म (2007), मिथ्या और शौर्य (2008), चिंटू जी, बारह आना (2009), वाल्मिकी की बंदूक, रावण, आक्रोश (2010), चिल्लर पार्टी (2011) अग्निपथ (2012) में काम कर चुके थे, जिनसे उन्हें कोई पहचान नहीं मिली थी.

पिछली बार पंकज त्रिपाठी एक्ट्रेस कृति सेनन अभिनीत फिल्म 'मिमी' (2021) में दिखे थे. फिल्म में पंकज के अभिनय की खूब तारीफ हुई थी. पंकज अब रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टारर अपकमिंग फिल्म '83' में दिखाई देंगे.

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