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श्रीदेवी से जुड़ी हर बात बचपन की याद दिलाती है : करण जौहर - Sridevi was a personal obsession and mission

श्रीदेवी के फिल्मी करियर और उनकी जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर आधारित पुस्तक 'श्रीदेवी : द इटर्नल स्क्रीन गॉडेस' के विमोचन के दौरान करण जौहर ने खुद को अभिनेत्री का सबसे बड़ा फैन बताया. साथ ही यह भी बताया कि श्रीदेवी से जुड़ी हर छोटी सी याद उन्हें उनके पूरे बचपन की याद दिलाती है.

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Courtesy: IANS
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Published : Dec 23, 2019, 11:22 PM IST

Updated : Dec 24, 2019, 7:37 PM IST

मुंबई : सेल्यूलाइड के सबसे बड़े सितारों में से एक का जश्न मनाते हुए, हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों की सबसे मशहूर अभिनेत्रियों में से एक श्रीदेवी के फिल्मी करियर और उनकी जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर आधारित सत्यार्थ नायक द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'श्रीदेवी : द इटर्नल स्क्रीन गॉडेस' का रविवार को विमोचन किया गया, जिसका विमोचन करण जौहर और अनिल धारकर ने किया.

श्रीदेवी से जुड़ी हर बात पूरे बचपन की याद दिलाती है : करण जौहर

पढ़ें: अनुराग कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा - 'अर्बन नाजी'

इस कार्यक्रम में करण ने श्रीदेवी के बारे में बातचीत की. फिल्म निर्माता ने बाताया कि श्रीदेवी उनके लिए एक प्रेरणा थीं. उनकी फिल्मों को देखकर उनके अंदर फिल्मों के प्रति जुनून आया. करण ने कहा कि श्रीदेवी से जुड़ी हर छोटी सी याद उन्हें उनके पूरे बचपन की याद दिलाती है.

करण ने इस खास मौके पर बताया कि कैसे वो बचपन से श्रीदेवी के बहुत बड़े फैन हुआ करते थे और कैसे वो श्रीदेवी के मशहूर फिल्मी गानों पर डांस किया करते थे. करण ने बताया कि साउथ बॉम्बे में पले-बढ़े होने के बावजूद बचपन से ही वह हिंदी व श्रीदेवी की फिल्मों को खूब देखा करते थे और इस तरह से सिनेमा के प्रति उनकी दीवानगी में श्रीदेवी की बड़ी भूमिका रही है.

जब अनिल धारकर ने करण जौहर से श्रीदेवी को किसी फिल्म में डायरेक्ट करने के काल्पनिक मौके की बात की, तो करण जौहर ने कहा, 'मैंने कभी भी इसकी कल्पना नहीं की... मेरा बचपन उन्हें चाहने, देखने और करीब से महसूस करने में इस कदर समर्पित था, कि मैं उन्हें निर्देशित करते वक्त मैं पूरी तरह से अपनी वस्तुनिष्ठता खो बैठता.'

करण ने आगे कहा, 'मैं उन्हें शायद इस कदर कुछ ज्यादा करने के लिए दे देता, जो उनके किरदार की आवश्यकता से कहीं अधिक होता और नतीजे के तौर पर शायद इसका फिल्म पर काफी बुरा असर होता. मैं इस बात को लेकर कतई आश्वस्त नहीं रहा कि मैं उनके लिए एक बढ़िया निर्देशित साबित होता. क्योंकि मैं उनका बहुत बड़ा फैन रहा हूं. मुझे लगता है कि निर्देशक को कहीं न कहीं वस्तुनिष्ठ होने की जरूरत होती है. मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे कभी भी श्रीदेवी को डायरेक्ट करने का मौका नहीं मिला, वरना वो फिल्म यकीनन एक नाकाम फिल्म साबित होती, जिसे वो कतई डिजर्व नहीं करती थीं.'

करण ने बताया कि वे श्रीदेवी के सिनेमाई व्यक्तित्व से हमेशा ही अभिभूत रहे थे और एक निर्माता के तौर पर जब फिल्म 'कलंक' में श्रीदेवी के साथ काम करने का मौका आया, तो फिल्म से जुड़ी सारी तैयारियां हो जाने के बाद महज चंद महीने पहले ही श्रीदेवी चल बसीं. करण ने बताया कि अप्रैल, 2018 में 'कलंक' की शूटिंग शुरू होनी थी और श्रीदेवी का दो महीने पहले यानि फरवरी महीने में इंतकाल हो गया.

बता दें, 24 फरवरी 2018 को महज 54 साल की उम्र में अभिनेत्री दुनिया को अलविदा कह गईं.

करण ने कहा, 'श्रीदेवी के साथ कभी काम करना मेरा एक बहुत बड़ा सपना था... उनके गुजर जाने के बाद कई महीनों तक हमने 'कलंक' में उनकी जगह पर किसी और को लेने के बारे में नहीं सोचा. उसके बाद हमने माधुरी दीक्षित को इस रोल के लिए अप्रोच किया, जिन्होंने बहुत ही विनम्र तरीके से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया... यह श्रीदेवी को ट्रिब्यूट देने का माधुरी का अपना तरीका था'.

श्रीदेवी की यात्रा को राहत देते हुए, नायक की पुस्तक बॉलीवुड आइकन के जीवन को आगे बढ़ाती है, जिसे भारतीय सिनेमा में एक महिला सुपरस्टार भी माना जाता है.

इनपुट-आईएएनएस

मुंबई : सेल्यूलाइड के सबसे बड़े सितारों में से एक का जश्न मनाते हुए, हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों की सबसे मशहूर अभिनेत्रियों में से एक श्रीदेवी के फिल्मी करियर और उनकी जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर आधारित सत्यार्थ नायक द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'श्रीदेवी : द इटर्नल स्क्रीन गॉडेस' का रविवार को विमोचन किया गया, जिसका विमोचन करण जौहर और अनिल धारकर ने किया.

श्रीदेवी से जुड़ी हर बात पूरे बचपन की याद दिलाती है : करण जौहर

पढ़ें: अनुराग कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा - 'अर्बन नाजी'

इस कार्यक्रम में करण ने श्रीदेवी के बारे में बातचीत की. फिल्म निर्माता ने बाताया कि श्रीदेवी उनके लिए एक प्रेरणा थीं. उनकी फिल्मों को देखकर उनके अंदर फिल्मों के प्रति जुनून आया. करण ने कहा कि श्रीदेवी से जुड़ी हर छोटी सी याद उन्हें उनके पूरे बचपन की याद दिलाती है.

करण ने इस खास मौके पर बताया कि कैसे वो बचपन से श्रीदेवी के बहुत बड़े फैन हुआ करते थे और कैसे वो श्रीदेवी के मशहूर फिल्मी गानों पर डांस किया करते थे. करण ने बताया कि साउथ बॉम्बे में पले-बढ़े होने के बावजूद बचपन से ही वह हिंदी व श्रीदेवी की फिल्मों को खूब देखा करते थे और इस तरह से सिनेमा के प्रति उनकी दीवानगी में श्रीदेवी की बड़ी भूमिका रही है.

जब अनिल धारकर ने करण जौहर से श्रीदेवी को किसी फिल्म में डायरेक्ट करने के काल्पनिक मौके की बात की, तो करण जौहर ने कहा, 'मैंने कभी भी इसकी कल्पना नहीं की... मेरा बचपन उन्हें चाहने, देखने और करीब से महसूस करने में इस कदर समर्पित था, कि मैं उन्हें निर्देशित करते वक्त मैं पूरी तरह से अपनी वस्तुनिष्ठता खो बैठता.'

करण ने आगे कहा, 'मैं उन्हें शायद इस कदर कुछ ज्यादा करने के लिए दे देता, जो उनके किरदार की आवश्यकता से कहीं अधिक होता और नतीजे के तौर पर शायद इसका फिल्म पर काफी बुरा असर होता. मैं इस बात को लेकर कतई आश्वस्त नहीं रहा कि मैं उनके लिए एक बढ़िया निर्देशित साबित होता. क्योंकि मैं उनका बहुत बड़ा फैन रहा हूं. मुझे लगता है कि निर्देशक को कहीं न कहीं वस्तुनिष्ठ होने की जरूरत होती है. मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे कभी भी श्रीदेवी को डायरेक्ट करने का मौका नहीं मिला, वरना वो फिल्म यकीनन एक नाकाम फिल्म साबित होती, जिसे वो कतई डिजर्व नहीं करती थीं.'

करण ने बताया कि वे श्रीदेवी के सिनेमाई व्यक्तित्व से हमेशा ही अभिभूत रहे थे और एक निर्माता के तौर पर जब फिल्म 'कलंक' में श्रीदेवी के साथ काम करने का मौका आया, तो फिल्म से जुड़ी सारी तैयारियां हो जाने के बाद महज चंद महीने पहले ही श्रीदेवी चल बसीं. करण ने बताया कि अप्रैल, 2018 में 'कलंक' की शूटिंग शुरू होनी थी और श्रीदेवी का दो महीने पहले यानि फरवरी महीने में इंतकाल हो गया.

बता दें, 24 फरवरी 2018 को महज 54 साल की उम्र में अभिनेत्री दुनिया को अलविदा कह गईं.

करण ने कहा, 'श्रीदेवी के साथ कभी काम करना मेरा एक बहुत बड़ा सपना था... उनके गुजर जाने के बाद कई महीनों तक हमने 'कलंक' में उनकी जगह पर किसी और को लेने के बारे में नहीं सोचा. उसके बाद हमने माधुरी दीक्षित को इस रोल के लिए अप्रोच किया, जिन्होंने बहुत ही विनम्र तरीके से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया... यह श्रीदेवी को ट्रिब्यूट देने का माधुरी का अपना तरीका था'.

श्रीदेवी की यात्रा को राहत देते हुए, नायक की पुस्तक बॉलीवुड आइकन के जीवन को आगे बढ़ाती है, जिसे भारतीय सिनेमा में एक महिला सुपरस्टार भी माना जाता है.

इनपुट-आईएएनएस

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मुंबई : सेल्यूलाइड के सबसे बड़े सितारों में से एक का जश्न मनाते हुए, हिंदी और दक्षिण भारतीय फिल्मों की सबसे मशहूर अभिनेत्रियों में से एक श्रीदेवी के फिल्मी करियर और उनकी जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर आधारित सत्यार्थ नायक द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'श्रीदेवी : द इटर्नल स्क्रीन गॉडेस' का रविवार को विमोचन किया गया, जिसका विमोचन करण जौहर और अनिल धारकर ने किया.

इस कार्यक्रम में करण ने श्रीदेवी के बारे में बातचीत की. फिल्म निर्माता ने बाताया कि श्रीदेवी उनके लिए एक प्रेरणा थीं. उनकी फिल्मों को देखकर उनके अंदर फिल्मों के प्रति जुनून आया.

करण ने कहा कि श्रीदेवी से जुड़ी हर छोटी सी याद उन्हें उनके पूरे बचपन की याद दिलाती है.

करण ने इस खास मौके पर बताया कि कैसे वो बचपन से श्रीदेवी के बहुत बड़े फैन हुआ करते थे और कैसे वो श्रीदेवी के मशहूर फिल्मी गानों पर डांस किया करते थे. करण ने बताया कि साउथ बॉम्बे में पले-बढ़े होने के बावजूद बचपन से ही वह हिंदी व श्रीदेवी की फिल्मों को खूब देखा करते थे और इस तरह से सिनेमा के प्रति उनकी दीवानगी में श्रीदेवी की बड़ी भूमिका रही है.

जब अनिल धारकर ने करण जौहर से श्रीदेवी को किसी फिल्म में डायरेक्ट करने के काल्पनिक मौके की बात की, तो करण जौहर ने कहा, 'मैंने कभी भी इसकी कल्पना नहीं की... मेरा बचपन उन्हें चाहने, देखने और करीब से महसूस करने में इस कदर समर्पित था, कि मैं उन्हें निर्देशित करते वक्त मैं पूरी तरह से अपनी वस्तुनिष्ठता खो बैठता.'

करण ने आगे कहा, 'मैं उन्हें शायद इस कदर कुछ ज्यादा करने के लिए दे देता, जो उनके किरदार की आवश्यकता से कहीं अधिक होता और नतीजे के तौर पर शायद इसका फिल्म पर काफी बुरा असर होता. मैं इस बात को लेकर कतई आश्वस्त नहीं रहा कि मैं उनके लिए एक बढ़िया निर्देशित साबित होता. क्योंकि मैं उनका बहुत बड़ा फैन रहा हूं. मुझे लगता है कि निर्देशक को कहीं न कहीं वस्तुनिष्ठ होने की जरूरत होती है. मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे कभी भी श्रीदेवी को डायरेक्ट करने का मौका नहीं मिला, वरना वो फिल्म यकीनन एक नाकाम फिल्म साबित होती, जिसे वो कतई डिजर्व नहीं करती थीं.'

करण ने बताया कि वे श्रीदेवी के सिनेमाई व्यक्तित्व से हमेशा ही अभिभूत रहे थे और एक निर्माता के तौर पर जब फिल्म 'कलंक' में श्रीदेवी के साथ काम करने का मौका आया, तो फिल्म से जुड़ी सारी तैयारियां हो जाने के बाद महज चंद महीने पहले ही श्रीदेवी चल बसीं. करण ने बताया कि अप्रैल, 2018 में 'कलंक' की शूटिंग शुरू होनी थी और श्रीदेवी का दो महीने पहले यानि फरवरी महीने में इंतकाल हो गया.

बता दें, 24 फरवरी 2018 को महज 54 साल की उम्र में अभिनेत्री दुनिया को अलविदा कह गईं.

करण ने कहा, 'श्रीदेवी के साथ कभी काम करना मेरा एक बहुत बड़ा सपना था... उनके गुजर जाने के बाद कई महीनों तक हमने 'कलंक' में उनकी जगह पर किसी और को लेने के बारे में नहीं सोचा. उसके बाद हमने माधुरी दीक्षित को इस रोल के लिए अप्रोच किया, जिन्होंने बहुत ही विनम्र तरीके से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया... यह श्रीदेवी को ट्रिब्यूट देने का माधुरी का अपना तरीका था'.

श्रीदेवी की यात्रा को राहत देते हुए, नायक की पुस्तक बॉलीवुड आइकन के जीवन को आगे बढ़ाती है, जिसे भारतीय सिनेमा में एक महिला सुपरस्टार भी माना जाता है.

इनपुट-आईएएनएस


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Last Updated : Dec 24, 2019, 7:37 PM IST
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