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इंडस्ट्री को लोक कलाकारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए : इला अरुण

कोविड-19 के कारण बहुत सारे लोगों का मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अभिनेत्री व लोक गायिका इला अरुण कहना है कि कोविड-19 के बाद लाइव मनोरंजन व्यवसाय और लोक कलाकार बहुत बुरी तरह प्रभावित होने वाले हैं. इस मुश्किल घड़ी में इंडस्ट्री को लोक कलाकारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए.

ila arun says corporates should come out to support folk artistes
इंडस्ट्री को लोक कलाकारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए : इला अरुण
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Published : Jun 14, 2020, 4:17 PM IST

मुंबई : साल 1979 से करियर में कई उतार-चढ़ाव का सामना कर चुकीं अभिनेत्री व लोक गायिका इला अरुण कहना है कि कोविड-19 के बाद लाइव मनोरंजन व्यवसाय और लोक कलाकार बहुत बुरी तरह प्रभावित होने वाले हैं, क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग हमारी जीवनशैली का हिस्सा बन गया है.

कलाकार ने कॉर्पोरेट कंपनियों से कलाकारों के समर्थन में आने का आग्रह किया है.

इला ने आईएएनएस को बताया, "मैं सालों से एक लोक कलाकार और थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर मंच पर लाइव प्रदर्शन कर रही हूं. यह सच है कि इस तरह की लाइव प्रदर्शन वाली कला को सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों में कई बार खतरों का सामना करना पड़ा है, लेकिन हम बच गए. मेरे पास अभी भी अन्य माध्यम हैं, लेकिन ऐसे लोक कलाकार हैं जो केवल लाइव प्रदर्शन से कमाई कर रहे हैं. भविष्य में, जब सोशल डिस्टेंसिंग के कारण ऐसे समारोह करना उतना आसान नहीं होगा जितना कि यह पहले था, तब ऐसे में कॉर्पोरेट कंपनियों को कलाकारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. हम सब कुछ सरकार पर नहीं डाल सकते."

उन्होंने आगे कहा, "हम कलाकार अपना पूरा जीवन कला को देते हैं. हम रातोंरात अपना पेशा नहीं बदल सकते. कलाकार समुदाय बाहर जाकर पैसे भी नहीं मांगेगा. मुझे लगता है कि किसी भी कलाकार को उम्मीद नहीं खोनी चाहिए. हम वर्चुअल वर्ल्ड के बाहर निकलकर मंच पर लौटेंगे. हम लोगों को जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं, हमें खुद जीवन का त्याग नहीं करना चाहिए."

इला ने हाल ही में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ फिल्म 'घूमकेतु' में काम किया है.

इला न केवल मंच पर अभिनय करती हैं, बल्कि एक स्थापित लोक गायिका भी रही हैं. उन्होंने फिल्मों के लिए गाने भी रिकॉर्ड किए हैं, जिनमें 'चोली के पीछे', 'मोरनी बागा मा बोले', और 'रिंगा रिंगा' आदि शामिल हैं.

इनपुट-आईएएनएस

मुंबई : साल 1979 से करियर में कई उतार-चढ़ाव का सामना कर चुकीं अभिनेत्री व लोक गायिका इला अरुण कहना है कि कोविड-19 के बाद लाइव मनोरंजन व्यवसाय और लोक कलाकार बहुत बुरी तरह प्रभावित होने वाले हैं, क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग हमारी जीवनशैली का हिस्सा बन गया है.

कलाकार ने कॉर्पोरेट कंपनियों से कलाकारों के समर्थन में आने का आग्रह किया है.

इला ने आईएएनएस को बताया, "मैं सालों से एक लोक कलाकार और थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर मंच पर लाइव प्रदर्शन कर रही हूं. यह सच है कि इस तरह की लाइव प्रदर्शन वाली कला को सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों में कई बार खतरों का सामना करना पड़ा है, लेकिन हम बच गए. मेरे पास अभी भी अन्य माध्यम हैं, लेकिन ऐसे लोक कलाकार हैं जो केवल लाइव प्रदर्शन से कमाई कर रहे हैं. भविष्य में, जब सोशल डिस्टेंसिंग के कारण ऐसे समारोह करना उतना आसान नहीं होगा जितना कि यह पहले था, तब ऐसे में कॉर्पोरेट कंपनियों को कलाकारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. हम सब कुछ सरकार पर नहीं डाल सकते."

उन्होंने आगे कहा, "हम कलाकार अपना पूरा जीवन कला को देते हैं. हम रातोंरात अपना पेशा नहीं बदल सकते. कलाकार समुदाय बाहर जाकर पैसे भी नहीं मांगेगा. मुझे लगता है कि किसी भी कलाकार को उम्मीद नहीं खोनी चाहिए. हम वर्चुअल वर्ल्ड के बाहर निकलकर मंच पर लौटेंगे. हम लोगों को जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं, हमें खुद जीवन का त्याग नहीं करना चाहिए."

इला ने हाल ही में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ फिल्म 'घूमकेतु' में काम किया है.

इला न केवल मंच पर अभिनय करती हैं, बल्कि एक स्थापित लोक गायिका भी रही हैं. उन्होंने फिल्मों के लिए गाने भी रिकॉर्ड किए हैं, जिनमें 'चोली के पीछे', 'मोरनी बागा मा बोले', और 'रिंगा रिंगा' आदि शामिल हैं.

इनपुट-आईएएनएस

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