मुंबईः आज है बॉलीवुड के मोस्ट एमिनेंट लिरिसिस्ट और डायरेक्टर गुलजार साहब का जन्मदिन. फिल्म 'बंटी और बबली' के फेमस गाने 'कजरारे' से लेकर ऑस्कर विनिंग 'स्लमडॉग मिलेनियर' के लिए 'जय हो' और किंग खान की 'दिल से' के लिए 'छय्या छय्या' के कमाल लिरिक्स लिखने वाले सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ गुलजार के फिल्मी जीवन पर एक नजर...
सम्पूर्ण सिंह कालरा जो कि अपने पेन नेम गुलजार से बेहतर जाने जाते हैं, इनका जन्म 18 अगस्त, 1934 को ब्रिटिश इंडिया के झेलम डिस्ट्रिक्ट में हुआ. फिल्म डायरेक्टर, लिरिसिस्ट और कवि गुलजार साहब का परिवार विभाजन के बाद भारत आ गया. गुलजार साहब ने बतौर लिरिसिस्ट अपना फिल्मी करियर म्यूजिक डायरेक्टर एस. डी. बर्मन के अंडर में फिल्म 'बंदिनी' से किया.
इसके अलावा गुलजार साहब ने आर.डी बर्मन, सलिल चौधरी, विशाल भारद्वाज और ए.आर. रहमान जैसे बेहतरीन म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ काम किया है.
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गुलजार को 2004 में देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान 'पद्म भूषण' से नवाजा गया. अवॉर्ड्स की कड़ी में गुलजार साहब को 'साहित्य अकादमी अवॉर्ड' और इंडियन सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान 'दादा साहब फालके अवॉर्ड' भी हासिल हुआ है.
इन सम्मानों के अलावा भी गुलजार साहब के नाम कई अवॉर्ड्स हैं. मसलन, इन्होंने कई नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स जीते, 21 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स, एक अकेडमी अवॉर्ड और एक ग्रैमी अवॉर्ड भी इनके नाम पर दर्ज है.
सैंकड़ों गाने लिखने के अलावा गुलजार साहब ने कुछ कमाल की फिल्में भी डायरेक्ट की हैं जिनमें 70 के दशक की 'आंधी' और 'मौसम', 80 के दशक में टीवी सीरीज 'मिर्जा गालिब' और 1993 कि फिल्म 'किरदार'.
84 साल को हो चुके गुलजार साहब हर टाइम में एवरग्रीन हैं. कोई भी मूड हो, किसी भी जोनर का गाना हो, इनके लिरिस्क बाकमाल होते हैं और हर पीढ़ी के लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं. शायद यही वजह है कि इंडियन एनिमेटिड सिटकॉम 'मोटू-पतलू' के थीम सॉन्ग को गुलजार साहब ने अपने शब्दों से नवाजा है.
बेमिसाल लफ्जों की दौलत के इस मालिक को इंडियन सिनेमा में अपने लफ्जों के जरिए कभी न भूला सकने वाले काम को सलाम करते हुए और इन्हें लंबी उम्र की दुआएं देते हुए हम इन्हें जन्मदिन की बधाई देते हैं. हैप्पी बर्थडे गुलजार साहब!