कोलकाता : हाल ही में ओडिशा और कोलकाता को अम्फान चक्रवात ने बुरी तरह प्रभावित किया. ऐसे में लगभग सारे सेलिब्रिटीज ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों के सुरक्षित रहने की कामना की, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग थे जो जमीनी स्तर पर प्रभावितों की मदद कर रहे थे. इन्हीं में एक नाम है- फिल्म निर्माता कमलेश्वर मुखर्जी.
कोविड-19 के बीच निर्देशक सुंदरबन के मेटेखली गांव में जा पहुंचे हैं और राहत कैंप में चिकित्सक का काम कर रहे हैं.
बता दें कि फिल्मों में जाने से पहले उन्होंने सालों पहले डॉक्टर का काम छोड़ दिया था, लेकिन ऐसी आसमानी मुसीबत में मदद करने के लिए उन्होंने अपना स्टेथोस्कोप दोबारा उठाया.
रिपोर्ट के मुताबिक कमलेश्वर मुखर्जी सुंदरबन के सुदूर इलाके मेटेखली में कोलकाता के प्रमुख अस्पतालों से आए हुए डॉक्टरों के साथ मरीजों की मेडिकल जांच करने में व्यस्त हैं. मेटेखली गांव में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था, जहां पर सैंकड़ों लोग अपनी मेडिकल जांच के लिए पहुंचे. वीडियो देखें...
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, 'यह सुखद समय नहीं है. लोग मर रहे हैं, असल में बंगाल सबसे ज्यादा प्रभावित है, और कुछ लोग पीड़ा झेल रहे हैं. इस समय आपको अपनी प्रतिभा का दोहन करना चाहिए, और लोगों को आप तक पहुंच होनी चाहिए. जो लोग लिख सकते हैं, वे अपनी ई-किताबें बेच रहे हैं और गरीबों के लिए पूरे पैसे दान कर रहे हैं, जो चित्र बना सकते हैं, वो अपनी कला के बदले दान लेकर लोगों की मदद कर रहे हैं. मैं एक कुशल चिकित्सक हूं और इस समय लोगों को स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत है. सुंदरबन में कई जगह हैं जो अभी भी पानी, स्वच्छता और स्वच्छता विशेषाधिकारों के बिना हैं. इतना तो कम से कम मैं कर सकता हूं.'
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कमलेश्वर ने कोलकाता मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर की पढ़ाई की और उसके बाद विज्ञापन इंडस्ट्री में आ गए. 2010 में बंगाली फिल्म उड़ो चिट्ठी (Uro Chithi) से निर्देशक बने. कमलेश्वर को मेघे ढाका तारा (Meghe Dhaka Tara), चंदर पहाड़ (Chander Pahar), अमेजन ओभिजान (Amazon Obhijaan) के लिए काफी तारीफें मिली. उन्होंने साल 2019 में मुखोमुखी (Mukhomukhi) और पासवर्ड (Password ) भी बनाई थी.