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फिल्म 'शिकारा' देखकर निर्देशक पर जमकर भड़की महिला, वीडियो वायरल - महिला ने शिकारा पर लगाया व्यसायीकरण का आरोप

विधु विनोद चोपड़ा की हालिया रिलीज फिल्म 'शिकाराः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित्स' पर एक के बाद एक विवाद हो रहे हैं. हाल ही में ट्विटर पर फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक कश्मीरी पंडित महिला फिल्मनिर्माता पर इस मुद्दे के व्यवसायीकरण का आरोप लगा रही है और विधु इस पर जवाब दे रहे हैं.

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'शिकारा' : फिल्म देखकर निर्देशक पर भड़की महिला
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Published : Feb 9, 2020, 3:02 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 6:17 PM IST

नई दिल्ली: साल 1989 के अंत और 1990 की शुरुआत में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी पर आधारित फिल्म 'शिकारा' की एक स्पेशल स्क्रीनिंग शुक्रवार को रखी गई थी.

निर्देशक ने अपनी फिल्म के फर्स्ट रिव्यू के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन किया था. इस स्पेशल स्क्रीनिंग का एक वीडियो फिलहाल काफी वायरल है, जिसमें एक महिला को घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के मुद्दे को 'व्यवसायीकरण' कर दिखाने के चलते निर्देशक का कड़ा विरोध करते देखा जा सकता है.

महिला यह भी कहती हैं कि पंडित समुदाय ने उस वक्त जिस दर्द को झेला है, उसे सही तरीके से नहीं दिखाया गया है, उस वक्त इस्लाम कट्टपंथी समूहों द्वारा अंजाम दिए गए जन-संहार, सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं का वर्णन फिल्म में सही तरीके से नहीं है.

महिला कहती हैं, 'ये आपका व्यवसायीकरण आपको मुबारक हो. एक कश्मीरी पंडित होने के नाते मैं आपकी फिल्म को स्वीकार नहीं करती हूं.'

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने खारिज की 'शिकारा' के खिलाफ याचिका

चोपड़ा दर्शकों को यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि 'हर सच्चाई के दो पहलू होते हैं.'

हाल ही में जम्मू और कश्मीर हाइकोर्ट में फिल्म के खिलाफ याचिका दाखिल करते हुए रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

याचिका में फिल्मनिर्माताओं पर इल्जाम लगाया गया था कि फिल्म में घाटी के मुसलमानों को बुरा दिखाने की कोशिश की गई है और जो तथ्य दिखाए गए वे पूरी तरह सही नहीं थे.

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हालांकि फिल्म 7 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और फिल्म का फर्स्ट डे कलेक्शन 1.10 करोड़ रहा है.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

नई दिल्ली: साल 1989 के अंत और 1990 की शुरुआत में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी पर आधारित फिल्म 'शिकारा' की एक स्पेशल स्क्रीनिंग शुक्रवार को रखी गई थी.

निर्देशक ने अपनी फिल्म के फर्स्ट रिव्यू के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन किया था. इस स्पेशल स्क्रीनिंग का एक वीडियो फिलहाल काफी वायरल है, जिसमें एक महिला को घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के मुद्दे को 'व्यवसायीकरण' कर दिखाने के चलते निर्देशक का कड़ा विरोध करते देखा जा सकता है.

महिला यह भी कहती हैं कि पंडित समुदाय ने उस वक्त जिस दर्द को झेला है, उसे सही तरीके से नहीं दिखाया गया है, उस वक्त इस्लाम कट्टपंथी समूहों द्वारा अंजाम दिए गए जन-संहार, सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं का वर्णन फिल्म में सही तरीके से नहीं है.

महिला कहती हैं, 'ये आपका व्यवसायीकरण आपको मुबारक हो. एक कश्मीरी पंडित होने के नाते मैं आपकी फिल्म को स्वीकार नहीं करती हूं.'

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने खारिज की 'शिकारा' के खिलाफ याचिका

चोपड़ा दर्शकों को यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि 'हर सच्चाई के दो पहलू होते हैं.'

हाल ही में जम्मू और कश्मीर हाइकोर्ट में फिल्म के खिलाफ याचिका दाखिल करते हुए रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

याचिका में फिल्मनिर्माताओं पर इल्जाम लगाया गया था कि फिल्म में घाटी के मुसलमानों को बुरा दिखाने की कोशिश की गई है और जो तथ्य दिखाए गए वे पूरी तरह सही नहीं थे.

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हालांकि फिल्म 7 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और फिल्म का फर्स्ट डे कलेक्शन 1.10 करोड़ रहा है.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

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विधु विनोद चोपड़ा की हालिया रिलीज फिल्म शिकाराः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित्स पर एक के बाद एक विवाद हो रहे हैं. हाल ही में ट्विटर पर फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग का वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक कश्मीरी पंडित महिला इस मुद्दे का

'शिकारा' : फिल्म देखकर निर्देशक पर भड़की महिला

नई दिल्ली: साल 1989 के अंत और 1990 की शुरुआत में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी पर आधारित फिल्म 'शिकारा' की एक स्पेशल स्क्रीनिंग शुक्रवार को रखी गई थी.

निर्देशक ने अपनी फिल्म के फर्स्ट रिव्यू के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन किया था. इस स्पेशल स्क्रीनिंग का एक वीडियो फिलहाल काफी वायरल है, जिसमें एक महिला को घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के मुद्दे को 'व्यवसायीकरण' कर दिखाने के चलते निर्देशक के सामने चिल्लाते व विरोध करते देखा जा सकता है.

महिला यह भी कहती हैं कि समुदाय ने उस वक्त जिस दर्द को झेला है, उसे सही तरीके से नहीं दिखाया गया है, उस वक्त इस्लाम कट्टपंथी समूहों द्वारा अंजाम दिए गए जन-संहार, सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं का वर्णन फिल्म में सही तरीके से नहीं है.

महिला कहती हैं, 'ये आपका व्यवसायीकरण आपको मुबारक हो. एक कश्मीरी पंडित होने के नाते मैं आपकी फिल्म को स्वीकार नहीं करती हूं.'

चोपड़ा दर्शकों को यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि 'हर सच्चाई के दो पहलू होते हैं.'

हाल ही में जम्मू और कश्मीर हाइकोर्ट में फिल्म के खिलाफ याचिका दाखिल करते हुए रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

याचिका में फिल्मनिर्माताओं पर इल्जाम लगाया गया था कि फिल्म में घाटी के मुसलमानों को बुरा दिखाने की कोशिश की गई है और जो तथ्य दिखाए गए वे पूरी तरह सही नहीं थे.

हालांकि फिल्म 7 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है और फिल्म का फर्स्ट डे कलेक्शन 1.10 करोड़ रहा है.

इनपुट्स- आईएएनएस


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Last Updated : Feb 29, 2020, 6:17 PM IST
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