मुंबई: बॉलीवुड को अगर रंग-बिरंगा और बोल्ड माना जाता है तो साथ ही साथ ये बात गौर करने लायक है कि इसके दर्शक वर्ग में बच्चों की काफी बड़ी संख्या है. आम तौर पर लोगों का मानना ये होता है कि बच्चों के लिए फिल्म बनाना कठिन है. इस बात में कुछ हद तक सच्चाई भी है. क्योंकि बच्चों को बांधे रखने के साथ साथ मनोरंजन देने वाली फिल्म बनाना हर किसी के बस की बात नहीं होती.
लेकिन फिर भी बॉलीवुड में कई डायरेक्टर्स और फिल्ममेकर्स ऐसे भी हैं. जिन्होंने रिस्क लेकर कुछ ऐसी बेहद अच्छी फिल्में बनाई हैं. जिनको न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी देखकर काफी कुछ सीख सकते हैं.
चलिए नजर डालते हैं ऐसी ही फिल्मों की लिस्ट पर. जो बच्चों के लिए बनी हैं लेकिन उनके साथ साथ बड़ों को भी काफी कुछ सिखा गईं.
तारे जमीन पर
साल 2008 में फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म अवॉर्ड जीत चुकी फिल्म 'तारे जमीन पर' 8 साल के ईशान अवस्थी (दर्शील सफारी) की कहानी बताती है. जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित है. ये एक ऐसी फिल्म है जिसे हर मां-बाप को अपने बच्चे के साथ बैठकर देखना चाहिए. न केवल देखना चाहिए बल्कि मां-बाप को बच्चे को डिस्लेक्सिया के बारे में बताना भी चाहिए और खुद भी फिल्म के संदेश को आत्मसात करने की कोशिश करनी चाहिए.
Children week special: इन फिल्मों से बच्चे ही नहीं बड़ों को भी मिली सीख
भले ही आप इस बात पर यकीन न करें लेकिन ये सच है कि बच्चे फिल्मों से काफी कुछ सीख सकते हैं. बॉलीवुड में बच्चों के लिए मनोरंजन और मस्ती मजाक वाली कई ऐसी फिल्में बनाई गई जिनमें उनके लिए या फिर पैरेंट्स के लिए एक खास मैसेज दिया गया.
मुंबई: बॉलीवुड को अगर रंग-बिरंगा और बोल्ड माना जाता है तो साथ ही साथ ये बात गौर करने लायक है कि इसके दर्शक वर्ग में बच्चों की काफी बड़ी संख्या है. आम तौर पर लोगों का मानना ये होता है कि बच्चों के लिए फिल्म बनाना कठिन है. इस बात में कुछ हद तक सच्चाई भी है. क्योंकि बच्चों को बांधे रखने के साथ साथ मनोरंजन देने वाली फिल्म बनाना हर किसी के बस की बात नहीं होती.
लेकिन फिर भी बॉलीवुड में कई डायरेक्टर्स और फिल्ममेकर्स ऐसे भी हैं. जिन्होंने रिस्क लेकर कुछ ऐसी बेहद अच्छी फिल्में बनाई हैं. जिनको न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी देखकर काफी कुछ सीख सकते हैं.
चलिए नजर डालते हैं ऐसी ही फिल्मों की लिस्ट पर. जो बच्चों के लिए बनी हैं लेकिन उनके साथ साथ बड़ों को भी काफी कुछ सिखा गईं.
तारे जमीन पर
साल 2008 में फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म अवॉर्ड जीत चुकी फिल्म 'तारे जमीन पर' 8 साल के ईशान अवस्थी (दर्शील सफारी) की कहानी बताती है. जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित है. ये एक ऐसी फिल्म है जिसे हर मां-बाप को अपने बच्चे के साथ बैठकर देखना चाहिए. न केवल देखना चाहिए बल्कि मां-बाप को बच्चे को डिस्लेक्सिया के बारे में बताना भी चाहिए और खुद भी फिल्म के संदेश को आत्मसात करने की कोशिश करनी चाहिए.
मुंबई: बॉलीवुड को अगर रंग-बिरंगा और बोल्ड माना जाता है तो साथ ही साथ ये बात गौर करने लायक है कि इसके दर्शक वर्ग में बच्चों की काफी बड़ी संख्या है. आम तौर पर लोगों का मानना ये होता है कि बच्चों के लिए फिल्म बनाना कठिन है. इस बात में कुछ हद तक सच्चाई भी है. क्योंकि बच्चों को बांधे रखने के साथ साथ मनोरंजन देने वाली फिल्म बनाना हर किसी के बस की बात नहीं होती.
लेकिन फिर भी बॉलीवुड में कई डायरेक्टर्स और फिल्ममेकर्स ऐसे भी हैं. जिन्होंने रिस्क लेकर कुछ ऐसी बेहद अच्छी फिल्में बनाई हैं. जिनको न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी देखकर काफी कुछ सीख सकते हैं.
चलिए नजर डालते हैं ऐसी ही फिल्मों की लिस्ट पर. जो बच्चों के लिए बनी हैं लेकिन उनके साथ साथ बड़ों को भी काफी कुछ सिखा गईं.
1. तारे जमीन पर
साल 2008 में फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म अवॉर्ड जीत चुकी फिल्म 'तारे जमीन पर' 8 साल के ईशान अवस्थी (दर्शील सफारी) की कहानी बताती है. जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित है. ये एक ऐसी फिल्म है जिसे हर मां-बाप को अपने बच्चे के साथ बैठकर देखना चाहिए. न केवल देखना चाहिए बल्कि मां-बाप को बच्चे को डिस्लेक्सिया के बारे में बताना भी चाहिए और खुद भी फिल्म के संदेश को आत्मसात करने की कोशिश करनी चाहिए.
2. चिल्लर पार्टी
साल 2011 में बेस्ट चिल्ड्रन फिल्म के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड अपने नाम कर चुकी फिल्म चिल्लर पार्टी भी एक बेहद खूबसूरत संदेश के साथ बनाई गई फिल्म है. अगर आपको अपने बच्चे को ये साबित करना है कि बच्चे किसी से कम नहीं होते. तो इस फिल्म से बेहतर कोई फिल्म हो ही नहीं सकती. इस फिल्म में बच्चों का एक ग्रुप अपने एक पालतू कुत्ते को बचाने के लिए बड़े-बड़ों से भिड़ जाता है. ये फिल्म आपके बच्चे में जीवों के प्रति प्रेम के भाव को बढ़ावा देगी.
3. मासूम
अच्छी फिल्में बच्चों की भावनात्मक सोच को तो बढ़ाती ही है साथ ही कई दूसरी बातों से भी रू-ब-रू कराती हैं. ऐसे में अगर आप भी ऐसे बच्चे के मां-बाप हैं जो अभी टीएनएज की कगार पर है तो ये फिल्में जरूर देखें, वो भी बच्चे के साथ बैठकर.
3. स्टेनली का डिब्बा
डिब्बा यानी टिफिन बॉक्स के इर्दगिर्द घूमती स्कूल में पढ़ने वाले इस बच्चे की कहानी आपकी आंखों में आंसू ला सकती है. स्कूल की मस्ती भरी जिंदगी, टीचर्स और यारों की यारी सबकुछ. आपका बच्चा जहां खुद को इस फिल्म से जोड़ पाएगा, वहीं आपको अपने पुराने दिनों की याद आ जाएगी.
4. कोई मिल गया
ये एक हैप्पी फैमिली मूवी है. फिल्म में एक ऐसे बच्चे की कहानी है जो मानसिक रूप से असामान्य है. आपके बच्चे को ये फिल्म बहुत पसंद आएगी. साथ ही एलियन का रोमांच उसे पिक्चर के बीच में से उठने नहीं देगा.
5. आई एम कलाम
ये एक ऐसी फिल्म है जिसे हर बच्चे और उसके मां-बाप को देखनी चाहिए. एक ऐसी कहानी जो आपके बच्चे को हर परिस्थिति से जूझना तो सिखाएगी ही साथ ही ईमानदारी की कीमत भी समझने में मदद करेगी.
Conclusion: