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'चिड़ी बल्ला' को जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में मिले चार अवार्ड्स - Jaipur International Film Festival

डायरेक्टर व प्रोड्यूसर राधेश्याम पीपलवा की फिल्म 'चिड़ी बल्ला' को जयपुर में आयोजित जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल में चार अवार्ड से सम्मानित किया गया. यह राजस्थान की पहली ऐसी फिल्म है जिसे अब तक इतने अवार्ड्स मिल चुके हैं.

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'चिड़ी बल्ला' को जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में मिले चार अवार्ड्स
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Published : Jan 24, 2020, 1:59 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 5:44 AM IST

जयपुर: शेखावाटी के युवा प्रोड्यूसर द्वारा बनाई गई फिल्म 'चिड़ी बल्ला' को जयपुर में आयोजित जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल में चार अवार्ड मिले है. यह राजस्थान की पहली फिल्म है, जिसे अब तक इतने अवार्ड्स मिल चुके हैं.

पढ़ें: ऋतिक ने अपनी पर्सनल टीम के साथ शेयर की तस्वीर, कहा-शुक्रिया

'चिड़ी बल्ला' को अमेरिका, इटली, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, चिली सहित कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में 30 से ज्यादा अवार्ड्स मिल चुके हैं. निदेशक राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल 2020 में 'चिड़ी बल्ला' को ओपनिंग फिल्म के रूप में चुना गया.

फिल्म को स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड, बेस्ट वुमन फिल्म अवार्ड, जयपुर क्रिटिक्स फिल्म अवार्ड व फीचर फिल्म श्रेणी में वेलकम रिगार्ड अवार्ड से नवाजा गया.

फिल्म के डायरेक्टर व प्रोड्यूसर राधेश्याम पीपलवा व को-प्रोड्यूसर संजय जोशी ने पुरस्कार प्राप्त करते हुए कहा कि फिल्म को भारत मे पहली बार राजस्थानी दर्शकों, मित्रों, परिवार के साथ देखना बहुत भावनात्मक और सुखद रहा है.

'चिड़ी बल्ला' को मिले इस अथाह प्रेम के लिए आभारी हैं. उन्होंने कहा कि बहुत ही गौरवमय क्षण था जब राजस्थानी भाषा की फिल्म को अपनों के साथ-साथ विदेशी फिल्म मेकर्स ने भी सराहा और राजस्थानी कला एवं संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता की बात कही.

कुछ फिल्म मेकर्स ने कहा कि लोक भाषा एवं संस्कृति प्रत्येक जगह की आत्मा होती है इसलिए राज्य सरकारों को क्षेत्रीय भाषाओं में सिनेमा, लिटरेचर को बढ़ावा देना चाहिए और ऐसे प्रयास करने वाले लोगों को भी सहायता देनी चाहिए. क्योंकि यदि आने वाली पीढ़ियां अगर यह सब नहीं संजो पाईं तो हम अपनी धरोहर खो देंगे.

जिफ के फाउंडर डायरेक्टर हनु रोज ने कहा कि कल तक लोग बोलते थे राजस्थानी सिनेमा मर चुका है, परन्तु 'चिड़ी बल्ला' वो फिल्म है जिसने ना केवल राजस्थानी सिनेमा को जिंदा किया है बल्कि विश्व पटल पर बहुत ही सम्मान के साथ नए रूप में स्थापित किया है.

अब लग रहा है कि युवा फिल्म निर्माता भी इस फिल्म से प्रेरणा लेकर राजस्थानी सिनेमा में बेहतरीन योगदान करेंगे. फिल्म के डायरेक्टर राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि राजस्थानी फिल्म रिलीज और डिस्ट्रीब्यूशन के हिसाब से उपेक्षित हैं. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास था कि फिल्म राजस्थान के धरातल से जुड़ी हुई हो और उन्होंने फिल्म में राजस्थानी कला, संस्कृति और हेरिटेज को दर्शाने का प्रयास किया है.

अब उनका और बहुत सारे सिनेमा प्रेमियों का प्रयास है कि फिल्म को राजस्थानी और हिंदी भाषाओं में रिलीज किया जाए. समापन समारोह में जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल के चैयरमैन राजीव अरोड़ा ने धन्यवाद दिया. साथ ही घोषणा की प्रत्येक वर्ष जनवरी के तीसरे शुक्रवार को जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल का आयोजन किया जाएगा.

जयपुर: शेखावाटी के युवा प्रोड्यूसर द्वारा बनाई गई फिल्म 'चिड़ी बल्ला' को जयपुर में आयोजित जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल में चार अवार्ड मिले है. यह राजस्थान की पहली फिल्म है, जिसे अब तक इतने अवार्ड्स मिल चुके हैं.

पढ़ें: ऋतिक ने अपनी पर्सनल टीम के साथ शेयर की तस्वीर, कहा-शुक्रिया

'चिड़ी बल्ला' को अमेरिका, इटली, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, चिली सहित कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में 30 से ज्यादा अवार्ड्स मिल चुके हैं. निदेशक राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल 2020 में 'चिड़ी बल्ला' को ओपनिंग फिल्म के रूप में चुना गया.

फिल्म को स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड, बेस्ट वुमन फिल्म अवार्ड, जयपुर क्रिटिक्स फिल्म अवार्ड व फीचर फिल्म श्रेणी में वेलकम रिगार्ड अवार्ड से नवाजा गया.

फिल्म के डायरेक्टर व प्रोड्यूसर राधेश्याम पीपलवा व को-प्रोड्यूसर संजय जोशी ने पुरस्कार प्राप्त करते हुए कहा कि फिल्म को भारत मे पहली बार राजस्थानी दर्शकों, मित्रों, परिवार के साथ देखना बहुत भावनात्मक और सुखद रहा है.

'चिड़ी बल्ला' को मिले इस अथाह प्रेम के लिए आभारी हैं. उन्होंने कहा कि बहुत ही गौरवमय क्षण था जब राजस्थानी भाषा की फिल्म को अपनों के साथ-साथ विदेशी फिल्म मेकर्स ने भी सराहा और राजस्थानी कला एवं संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता की बात कही.

कुछ फिल्म मेकर्स ने कहा कि लोक भाषा एवं संस्कृति प्रत्येक जगह की आत्मा होती है इसलिए राज्य सरकारों को क्षेत्रीय भाषाओं में सिनेमा, लिटरेचर को बढ़ावा देना चाहिए और ऐसे प्रयास करने वाले लोगों को भी सहायता देनी चाहिए. क्योंकि यदि आने वाली पीढ़ियां अगर यह सब नहीं संजो पाईं तो हम अपनी धरोहर खो देंगे.

जिफ के फाउंडर डायरेक्टर हनु रोज ने कहा कि कल तक लोग बोलते थे राजस्थानी सिनेमा मर चुका है, परन्तु 'चिड़ी बल्ला' वो फिल्म है जिसने ना केवल राजस्थानी सिनेमा को जिंदा किया है बल्कि विश्व पटल पर बहुत ही सम्मान के साथ नए रूप में स्थापित किया है.

अब लग रहा है कि युवा फिल्म निर्माता भी इस फिल्म से प्रेरणा लेकर राजस्थानी सिनेमा में बेहतरीन योगदान करेंगे. फिल्म के डायरेक्टर राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि राजस्थानी फिल्म रिलीज और डिस्ट्रीब्यूशन के हिसाब से उपेक्षित हैं. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास था कि फिल्म राजस्थान के धरातल से जुड़ी हुई हो और उन्होंने फिल्म में राजस्थानी कला, संस्कृति और हेरिटेज को दर्शाने का प्रयास किया है.

अब उनका और बहुत सारे सिनेमा प्रेमियों का प्रयास है कि फिल्म को राजस्थानी और हिंदी भाषाओं में रिलीज किया जाए. समापन समारोह में जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल के चैयरमैन राजीव अरोड़ा ने धन्यवाद दिया. साथ ही घोषणा की प्रत्येक वर्ष जनवरी के तीसरे शुक्रवार को जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल का आयोजन किया जाएगा.

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जयपुर: शेखावाटी के युवा प्रोड्यूसर द्वारा बनाई गई फिल्म 'चिड़ी बल्ला' को जयपुर में आयोजित जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल में चार अवार्ड मिले है. यह राजस्थान की पहली फिल्म है, जिसे अब तक इतने अवार्ड्स मिल चुके हैं. 'चिड़ी बल्ला' को अमेरिका, इटली, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, चिली सहित कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में 30 से ज्यादा अवार्ड्स मिल चुके हैं. निदेशक राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल 2020 में 'चिड़ी बल्ला' को ओपनिंग फिल्म के रूप में चुना गया. फिल्म को स्पेशल ज्यूरी मेंशन अवार्ड, बेस्ट वुमन फिल्म अवार्ड, जयपुर क्रिटिक्स फिल्म अवार्ड व फीचर फिल्म श्रेणी में वेलकम रिगार्ड अवार्ड से नवाजा गया.

फिल्म के डायरेक्टर व प्रोड्यूसर राधेश्याम पीपलवा व को-प्रोड्यूसर संजय जोशी ने पुरस्कार प्राप्त करते हुए कहा कि फिल्म को भारत मे पहली बार राजस्थानी दर्शकों, मित्रों, परिवार के साथ देखना बहुत भावनात्मक और सुखद रहा है. 'चिड़ी बल्ला' को मिले इस अथाह प्रेम के लिए आभारी हैं. उन्होंने कहा कि बहुत ही गौरवमय क्षण था जब राजस्थानी भाषा की फिल्म को अपनों के साथ-साथ विदेशी फिल्म मेकर्स ने भी सराहा और राजस्थानी कला एवं संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता की बात कही.

कुछ फिल्म मेकर्स ने कहा कि लोक भाषा एवं संस्कृति प्रत्येक जगह की आत्मा होती है इसलिए राज्य सरकारों को क्षेत्रीय भाषाओं में सिनेमा, लिटरेचर को बढ़ावा देना चाहिए और ऐसे प्रयास करने वाले लोगों को भी सहायता देनी चाहिए. क्योंकि यदि आने वाली पीढ़ियां अगर यह सब नहीं संजो पाईं तो हम अपनी धरोहर खो देंगे.

जिफ के फाउंडर डायरेक्टर हनु रोज ने कहा कि कल तक लोग बोलते थे राजस्थानी सिनेमा मर चुका है, परन्तु 'चिड़ी बल्ला' वो फिल्म है जिसने ना केवल राजस्थानी सिनेमा को जिंदा किया है बल्कि विश्व पटल पर बहुत ही सम्मान के साथ नए रूप में स्थापित किया है. अब लग रहा है कि युवा फिल्म निर्माता भी इस फिल्म से प्रेरणा लेकर राजस्थानी सिनेमा में बेहतरीन योगदान करेंगे. फिल्म के डायरेक्टर राधेश्याम पीपलवा ने बताया कि राजस्थानी फिल्म रिलीज और डिस्ट्रीब्यूशन के हिसाब से उपेक्षित हैं. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास था कि फिल्म राजस्थान के धरातल से जुड़ी हुई हो और उन्होंने फिल्म में राजस्थानी कला, संस्कृति और हेरिटेज को दर्शाने का प्रयास किया है.

अब उनका और बहुत सारे सिनेमा प्रेमियों का प्रयास है कि फिल्म को राजस्थानी और हिंदी भाषाओं में रिलीज किया जाए. समापन समारोह में जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल के चैयरमैन राजीव अरोड़ा ने धन्यवाद दिया. साथ ही घोषणा की प्रत्येक वर्ष जनवरी के तीसरे शुक्रवार को जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल का आयोजन किया जाएगा.




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Last Updated : Feb 18, 2020, 5:44 AM IST
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