मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से उनके निर्देश के बारे में सवाल किया है जिसके तहत कोविड-19 महामारी के बीच दस साल से कम और 65 से अधिक उम्र के कलाकारों को शूटिंग करने की अनुमति नहीं दी गई है.
सरकार के निर्देश के खिलाफ मंगलवार को बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता प्रमोद पांडे द्वारा याचिका दायर की गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि वह ये बताएं कि अगर वरिष्ठ अभिनेताओं को शूटिंग करने की इजाजत नहीं है तो वे अपना खर्चा किस तरह से चला पाएंगे. कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि क्या किसी रिपोर्ट या डेटा के आधार पर यह आयु सीमा तय की गई है.
अदालत ने कथित तौर पर सरकार से शुक्रवार तक जवाब पेश करने को कहा है.
एक एंटरटेनमेंट पोर्टल से बात करते हुए पांडे ने कहा था, "काम करना और एक सम्मानजनक जिंदगी जीना हमारा संवैधानिक अधिकार है, लेकिन राज्य सरकार का आदेश हमें काम करने की अनुमति नहीं देता है. हम कोरोना से तो बच जाएंगे, लेकिन अगर काम नहीं करेंगे तो बेरोजगारी और भुखमरी से मर जाएंगे.''
पांडे ने आगे कहा था, ''मैंने अपनी पूरी जिंदगी संघर्ष किया है. मैं हर महीने लगभग चालीस हजार रुपये तक कमा लेता था, लेकिन अब कोई काम नहीं है, कोई ऑडिशन के लिए भी नहीं बुलाता है. छोटे बच्चों के लिए यह नियम समझ में भी आता है क्योंकि उनके पास देखभाल करने के लिए माता-पिता होते हैं, लेकिन जिन अभिनेताओं और क्रू मेंबर्स की उम्र 65 साल से अधिक हैं वे क्या करें? वे मर जाएंगे."
70 वर्षीय याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा है कि वह चार दशक से टीवी सीरियल और फिल्मों में छोटी भूमिकाएं निभा रहे हैं और उनके पास आय का कोई दूसरा स्रोत नहीं है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं. इसके बावजूद उन्हें स्टूडियो तक जाने और शूटिंग में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दी जा रही है.
हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि छोटे किरदार निभाने वाले कलाकारों को स्टूडियो जाना पड़ता है और दो वक्त की रोटी कमाने के लिए काम मांगना पड़ता है. कोई भी निर्देशक या निर्माता उनकी भूमिका फेसटाइम, जूम या स्काइप से शूट नहीं करने वाला है.
कोर्ट ने कहा कि सरकार को एक हलफनामे में बताना होगा कि 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति सम्मानित जीवन कैसे जिएगा, अगर उसे आजीविका के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी.
पीठ ने कहा कि सरकार को हलफनामे में यह भी बताना होगा कि इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करते वक्त क्या किसी तरह के डेटा या सांख्यिकी पर विचार किया गया था. इस मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को निर्धारित की है.
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बता दें कि इससे पहले इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) के अध्यक्ष अशोक पंडित ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर शूटिंग शुरु करने के दिशानिर्देशों में कुछ निश्चित बदलावों की मांग की थी.
आईएफटीडीए ने जिन दिशानिर्देशों पर पुनर्विचार करने को कहा उनमें से एक यह भी था कि 65 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को शूटिंग क्षेत्रों में अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने पत्र में लिखा था कि यह खंड इसलिए अव्यावहारिक है क्योंकि यह हमारे उद्योग के कुछ महान सितारों को प्रतिबंधित करेगा.
इनपुट-आईएएनएस