देहरादून : बॉलीवुड सिने कलाकार संजय मिश्रा ने सरोवर नगरी नैनीताल की हसीन वादियों का दीदार किया. उनका कहना है कि कोरोना काल में वे कई जगह गए, लेकिन उनको नैनीताल की जनता का जैसा अनुशासन कहीं नहीं दिखा. लोग कोरोना नियमों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने इस दौरान अपने अनुभव साझा किए.
हास्य कलाकार संजय मिश्रा का कहना है कि कोरोना संक्रमण से काम काज तो प्रभावित हुआ ही है. लेकिन कोरोना के कारण इंसानियत भी प्रभावित हो चुकी है. आज लोग अपने लोगों के दुख-दर्द को साझा करने के लिए एक-दूसरे के पास नहीं जा पा रहे हैं.
उत्तराखंड में मिलता है सुकून
संजय मिश्रा ने बताया कि एक महीने पहले दिल्ली में फिल्म की शूटिंग के लिए पहुंचे थे. उस दौरान लॉकडाउन लग गया. जिसके बाद वो अपने परिवार के साथ पिथौरागढ़ के धारचूला में रहने आ गए. जहां उनको प्रकृति की गोद में बेहद सुकून महसूस हो रहा है. यहां का वातावरण भी पहले से ज्यादा साफ और स्वच्छ हो गया है. साथ ही पहाड़ों में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.
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कुमाऊं में शूटिंग की अपार संभावना
संजय मिश्रा ने कहा कि नैनीताल समेत कुमाऊं की वादियों में फिल्म शूटिंग की अपार संभावना हैं. लेकिन यहां मुंबई समेत अन्य महानगरों से शूटिंग की जगहों तक आने-जाने के लिए बेहतर यातायात सुविधा नहीं है. जिस वजह से लोग दूसरी जगहों पर फिल्म शूटिंग के लिए रुख कर रहे हैं. लिहाजा उत्तराखंड की सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए. जिससे उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग की संभावनाएं बढ़ सकें. साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि उभरते हुए नए कलाकारों को बॉलीवुड में मौका भी मिल पाएगा.
छोटे थिएटर बंदी के कगार पर
संजय मिश्रा ने बताया कि समय तेजी से बदल रहा है. छोटे थिएटर आज बंदी की कगार पर जा पहुंचे हैं. दूसरी तरफ थिएटरों की जगह वेब सीरीजों ने ले ली है. जिस वजह से थिएटर आज विलुप्ति की कगार पर हैं. जबकि पहले के समय में इन्हीं थिएटरों से ही बॉलीवुड के कलाकार छनकर आते थे.