मुंबई: अभिनेत्री भूमि पेडनेकर का कहना है कि गणपति उत्सव मनाने के कई बेहतर तरीके हैं. अभिनेत्री ने सभी से पर्यावरण की बेहतरी के लिए ईको-फ्रेंडली मूर्तियों को चुनने का आग्रह किया है.
पेडनेकर एक पर्यावरण कार्यकर्ता भी हैं, उन्होंने कहा, "यह मेरा पसंदीदा त्योहार है और हम अपने परिवार में सालों से गणपति का उत्सव मना रहे हैं. हालांकि जब से मैं जलवायु संरक्षण को लेकर एक सफर पर निकली हूं, मैंने महसूस किया है कि इस त्योहार को मनाने के और भी कई बेहतर और अधिक स्थाई तरीके हैं. प्रकृति ही ईश्वर है, ईश्वर ही प्रकृति है. हमें बेहतर विकल्प तलाशने होंगे."
इस संदेश को फैलाने के लिए भूमि ने महाराष्ट्र के मूर्तिकार और पर्यावरण कार्यकर्ता दत्ताद्री से हाथ मिलाया है. दत्ताद्री मूर्तियों के अंदर पेड़ के बीजों के साथ गणपति की मूर्तियां बनाने में माहिर हैं. वह जो मूर्तियां बनाते हैं, उसके अंदर बीज डाल देते हैं.
त्योहार के खत्म होने पर मूर्ति को मिट्टी के गमले में विसर्जित किया जा सकता है. इसके बाद उनके अंदर रखा बीज अंकुरित होकर पौधा बन जाता है और पर्यावरण संरक्षण के काम आता है.
भूमि घर पर गणपति की मूर्तियां बनाने के कई 'डू ईट योरसेल्फ '(डीआईवाई) तरीके भी अपलोड करेंगी, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं.
अभिनेत्री ने कहा, "मैं वास्तव में आशा करती हूं कि अगली पीढ़ियों तक पर्यावरण संरक्षण के संदेश को फैलाने के लिए नागरिकों द्वारा ऐसे तरीकों को अपनाया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि लोग इस तरह के पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को चुनने के लिए प्रेरित होंगे। यह हमारे देश की रक्षा के लिए क्रांतिकारी विचार भी है."
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उन्होंने आगे कहा, 'हमें लोगों की मानसिकता को बदलने के लिए काम करना होगा और उन्हें इस बात का अहसास कराना होगा कि आप सभी त्योहारों को धूमधाम से मना सकते हैं, लेकिन आप उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक तरीके से भी मना सकते हैं.'
भूमि पेडनेकर पर्यावरण के प्रति बेहद जागरूक हैं, और साथी भारतीयों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिए जलवायु संरक्षण का काम कर रही हैं. भूमि ने क्लाइमेट वॉरियर नामक एक ऑनलाइन और ऑफलाइन पहल शुरू की है जिसके माध्यम से वह भारत के नागरिकों को पर्यावरण की रक्षा में योगदान देने के लिए एक मंच पर ला रही हैं.
इनपुट-आईएएनएस