मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना बॉलीवुड में अपनी भूमिकाओं के साथ नायक और वीरता की अवधारणा को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं. उनकी पिछली सात फिल्मों की लगातार सफलता ने उन्हें एक पहचान दिलाई है. यह साबित करता है कि अभिनेता परदे पर मर्दानगी की लोकप्रिय धारणा को बदलने में काफी हद तक सफल रहे हैं.
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यदि आम आदमी यथार्थवाद के स्पर्श से खेल रहा है और फिर भी मनोरंजन भागफल से नहीं हार रहा है, तो यह उसकी सफलता की कुंजी है, आयुष्मान ने अब इस धारणा पर एक प्रेरणादायक भाषण दिया है कि वास्तविक पुरुषों की तरह क्या होना चाहिए.
उन्होंने हाल ही में पुरुषों के ग्रूमिंग ब्रांड 'द मैन कंपनी' के लिए एक तीन मिनट का वीडियो पोस्ट किया, जहां उन्होंने पुरुषों के बारे में कई गलत धारणाओं को दूर किया, जो समाज को परेशान करता है.
'व्हाट मेक्स अ ट्रू जेंटलमैन' शीर्षक वाले वीडियो में, अभिनेता अपनी बात कहने के लिए व्यक्तिगत अनुभवों से आकर्षित होते हैं.
वीडियो में वह कहते हैं, 'मुझे ना हीरो, ना सर्वाइवर, ना सुपरमैन बनना था, जो रो सके, जो जाग सके. किसी को बचा पाए तो बचा सके, ऐसा मैन बनना था.'