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इरफान को दिमाग में रखकर अश्विन कुमार ने लिखी थी 'रोड टू लद्दाख'

शॉर्ट फिल्म 'रोड टू लद्दाख' में स्वर्गीय इरफान खान के साथ काम कर चुके फिल्म निर्माता अश्विन कुमार का कहना है कि उन्होंने फिल्म अभिनेता को दिमाग में रहकर ही लिखी थी, और जब शूट करने के लिए बजट नहीं था इरफान ने बिना पौसों के फिल्म में काम किया था.

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इरफान को दिमाग में रखकर अश्विन कुमार ने लिखी थी 'रोड टू लद्दाख'
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Published : May 7, 2020, 12:26 PM IST

मुंबई: ऑस्कर नॉमिनेटेड और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता अश्विन कुमार ने साल 2004 में आई अपनी 48 मिनट की शॉर्ट फिल्म 'रोड टू लद्दाख' में दिग्गज स्वर्गीय अभिनेता इरफान खान के साथ काम किया है. अश्विन का कहना है कि इस अनुभव ने अपने पेशे और फिल्म निर्माण के प्रति उनके नजरिए को बदल दिया.

भावपूर्ण अश्विन ने यह भी कहा कि 29 अप्रैल को इरफान के अचानक हुए निधन से वह खुद को धोखा दिए जाने जैसा महसूस करते हैं.

अश्विन ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा कि इरफान को भुगतान करने जितना उनके पास बजट नहीं था. उन्होंने इरफान से फिल्म को अपना समर्थन देने का अनुरोध किया.

आईएएनएस से बात करते हुए अश्विन ने कहा, 'मैंने इरफान भाई को दिमाग में रखकर 'रोड टू लद्दाख' लिखा. मुझे उनके साथ की जरूरत थी और उन्होंने अपनी स्वेच्छा से ऐसा किया. मुझे याद है जब लद्दाख के लिए रवाना होने से पहले हम दिल्ली में थे, उस शाम भाई एक दुर्घटना का शिकार हो गए. उनकी कलाई में चोट आई. ऐसे में उनके पास पीछे हटने के लिए तमाम चिकित्सकीय कारण थे क्योंकि मैं उन्हें उनके इस काम के पैसे नहीं दे रहा था, लेकिन उन्होंने कहा, 'मैंने तुमसे वादा किया है, मैं अपना वचन निभाउंगा.' मैं उनको जितना जानने लगा, उनके प्रति मेरी श्रद्धा उतनी ही बढ़ती गई.'

अश्विन ने आगे कहा, 'उन्हें उस वक्त नहीं पता था कि उन्हें ऊंचाई से परेशानी है, लद्दाख पहुंचने के बाद हमें इस बारे में पता चला. वह बीमार थे, कलाई में चोट लगी थी, खराब मौसम के बीच हम सभी के साथ वह टेंट में रह रहे थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर हमें अपना समर्थन दिया.'

पढ़ें- नितेश तिवारी की बेटी बनी सिनेमैटोग्राफर, 'केबीसी' स्क्रैच फिल्म बनाने में की मदद

इरफान खान बहुत जल्दी हम सबको छोड़ कर चले गए, और तब से ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूबी हुई है.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

मुंबई: ऑस्कर नॉमिनेटेड और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता अश्विन कुमार ने साल 2004 में आई अपनी 48 मिनट की शॉर्ट फिल्म 'रोड टू लद्दाख' में दिग्गज स्वर्गीय अभिनेता इरफान खान के साथ काम किया है. अश्विन का कहना है कि इस अनुभव ने अपने पेशे और फिल्म निर्माण के प्रति उनके नजरिए को बदल दिया.

भावपूर्ण अश्विन ने यह भी कहा कि 29 अप्रैल को इरफान के अचानक हुए निधन से वह खुद को धोखा दिए जाने जैसा महसूस करते हैं.

अश्विन ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा कि इरफान को भुगतान करने जितना उनके पास बजट नहीं था. उन्होंने इरफान से फिल्म को अपना समर्थन देने का अनुरोध किया.

आईएएनएस से बात करते हुए अश्विन ने कहा, 'मैंने इरफान भाई को दिमाग में रखकर 'रोड टू लद्दाख' लिखा. मुझे उनके साथ की जरूरत थी और उन्होंने अपनी स्वेच्छा से ऐसा किया. मुझे याद है जब लद्दाख के लिए रवाना होने से पहले हम दिल्ली में थे, उस शाम भाई एक दुर्घटना का शिकार हो गए. उनकी कलाई में चोट आई. ऐसे में उनके पास पीछे हटने के लिए तमाम चिकित्सकीय कारण थे क्योंकि मैं उन्हें उनके इस काम के पैसे नहीं दे रहा था, लेकिन उन्होंने कहा, 'मैंने तुमसे वादा किया है, मैं अपना वचन निभाउंगा.' मैं उनको जितना जानने लगा, उनके प्रति मेरी श्रद्धा उतनी ही बढ़ती गई.'

अश्विन ने आगे कहा, 'उन्हें उस वक्त नहीं पता था कि उन्हें ऊंचाई से परेशानी है, लद्दाख पहुंचने के बाद हमें इस बारे में पता चला. वह बीमार थे, कलाई में चोट लगी थी, खराब मौसम के बीच हम सभी के साथ वह टेंट में रह रहे थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर हमें अपना समर्थन दिया.'

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इरफान खान बहुत जल्दी हम सबको छोड़ कर चले गए, और तब से ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूबी हुई है.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

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