कोलकाता : ध्वनि प्रदूषण के स्थान-व स्तरों का पता लगाने के लिए पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( West Bengal Pollution Control Board ) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में हाई-एंड साउंड मीटर स्थापित करने का निर्णय लिया है. WBPCB के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के स्तर को मापने की मौजूदा प्रणाली के तहत स्थान-विशिष्ट noise pollution की पहचान करना अक्सर मुश्किल होता है.
WBPCB के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, नए high-end sound meters में लोकेशन टैगिंग होगी, जो क्लाउड टेक्नोलॉजी ( cloud technology ) के उपयोग के माध्यम से की जाएगी. इससे संबंधित अधिकारियों को यह पता चल सकेगा कि हाई-एंड साउंड मीटर किसे आवंटित किए जाएंगे, वे जान सकेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी विशेष क्षेत्र में noise pollution का स्तर एक विशेष सीमा से अधिक हो जाता है, तो high-end sound meters संबंधित अधिकारियों को अलर्ट भेजेंगे, जिन्हें ये मशीनें आवंटित की जाएंगी. उन्होंने कहा, इस अलर्ट के बाद, संबंधित अधिकारी आवश्यकतानुसार उपाय करने में सक्षम होंगे.
पता चला है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित Webel Technology Limited को इन हाई-एंड साउंड मीटरों को तैयार करने का काम सौंपा जाएगा. शुरुआत में राज्य के अलग-अलग इलाकों में ऐसी 1000 मशीनें लगाने की योजना है. बोर्ड इन मशीनों को राज्य पुलिस, विभिन्न पुलिस आयुक्त प्राधिकरणों, नगर निगमों, नगर पालिकाओं और राज्य परिवहन विभाग जैसे विभिन्न नियंत्रण प्राधिकरणों को आवंटित करेगा.
WBPCB official ने कहा, डब्ल्यूबीपीसीबी ऐसी कुछ मशीनों को नियत समय में खराब होने वाली किसी भी मशीन के प्रतिस्थापन के उद्देश्य से रिजर्व में रखेगा. मशीनों की स्थापना राज्य में शहरी इलाकों तक सीमित होगी जहां पारंपरिक रूप से ध्वनि प्रदूषण का स्तर तुलना में अधिक है. ग्रामीण इलाकों में उस पर जोर दिया जाएगा. उन इलाकों पर जोर दिया जाएगा, जहां ध्वनि प्रदूषण का स्तर असामान्य रूप से उच्च होने की सूचना है.
(आईएएनएस)
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