नई दिल्ली: 5G रोलआउट के साथ भारत को रेडी-स्किल्ड कार्यबल की आवश्यकता है और टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (Telecom Sector Skill Council) ने मंगलवार को अपनी प्लेसमेंट पहल और प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से पूरे उद्योग में 1.25 लाख से अधिक उम्मीदवारों को नौकरी दिलाने की घोषणा (Tssc to place Over 125 lakh youth with focus on 5G) की. परिषद ने यह भी कहा कि वह विभिन्न टेलीकॉम जॉब भूमिकाओं के लिए पूरे भारत में कम से कम 50 नई प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं और उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करेगी.
टीएसएससी ने आईआईटी हैदराबाद में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन (Technology Innovation Hub on Autonomous Navigation) के साथ पांच साल की साझेदारी की घोषणा की, जो 5G और इसके उपयोग के मामलों, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), क्लाउड, एआई/एमएल और अन्य जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल में संयुक्त परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी. डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स (डीओटी) के सचिव, के. राजारमण ने कहा कि यह केवल 5G ही नहीं है क्योंकि आने वाली सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियां और देश में इलेक्ट्रॉनिक्सविनिर्माण के विकास के लिए भी कई प्रकार के कौशल की आवश्यकता होगी जिससे छात्रों को परिचित होने की आवश्यकता है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर की होगी वृद्धि
परिषद ने कहा कि आईटीआई और प्रमुख विश्वविद्यालयों में Hub And Spoke Model में नई प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं और सीओई स्थापित किए जाएंगे. दूरसंचार कौशल के लिए एक शीर्ष निकाय के रूप में, टीएसएससी ने सीओई के विकास अंतर्राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रमों प्लेसमेंट और सशुल्क कार्यक्रमों जैसे नए व्यावसायिक मार्गों में विस्तार किया है. वही टीएसएससी के सीईओ, अरविंद बाली ने कहा कि 5G तकनीक से 2023 और 2040 के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है और हम वर्तमान में 5G और इसकी संबद्ध तकनीकों में लगभग 1.4 लाख श्रमिकों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं. Tssc to place Over 125 lakh youth with focus on 5G
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(आईएएनएस)