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संचार के क्षेत्र में काफी अहम साबित हो सकता है ड्रोन और 5जी

5जी की शुरुआत, सूचना से जुड़ने की क्षमता को बढ़ाएगी और रोजमर्रा की वस्तुओं को एक-दूसरे से कनेक्ट करने की अनुमति देगी. एक अध्ययन के अनुसार, 5G नेटवर्क पर होने वाले हमलों जैसे- डिजिटल जासूसी, हस्तक्षेप और पहचान की चोरी को रोकने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है.

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Published : Nov 23, 2020, 6:02 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:53 PM IST

drones, 5G network
ड्रोन और 5जी नेटवर्क सुरक्षा

बार्सिलोना, स्पेनः सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विभाग और मिसिसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी (यूएसए) के शोधकर्ता जियोवानी गेरासी द्वारा किए गए अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि बिना किसी सुरक्षा खतरों के एक तकनीकी क्रांति का गठन किया जा सकता है. जब तक 5जी तकनीक का निश्चित रूप से विस्तार नहीं होता है, तब तक हमें कुछ चुनौतियों जैसे- संभावित ईव्सड्रॉपिंग (छिप कर बातें सुनना), हस्तक्षेप और पहचान की चोरी का सामना करना पड़ सकता है.

अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) या ड्रोन, कई एप्लिकेशन और सेवाओं जैसे कि कृषि का विस्तार, ऑनलाइन खोज और नेटवर्क से उत्पन्न होने वाली समस्या से बचाव कर सकता है. इतना ही नहीं, यह ड्रोन संचार के क्षेत्र में भी मददगार साबित हो सकता है. जरूरी जानकारी भी दे सकता है, जैसे कि अस्थायी रूप से नेटवर्क का खराब होना, नेटवर्क कवरेज का विस्तार और नेटवर्क सुरक्षा.

यूपीएफ में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विभाग (DTIC) के शोधकर्ता जियोवानी गेरासी ने हाल में किए गए एक अध्ययन में बताया है कि जहां एक तरफ ड्रोन, नेटवर्क में हस्तक्षेप उत्पन्न करता है. वहीं दूसरी तरफ, यह ड्रोन भविष्य में, 5G नेटवर्क पर हमलों की रोकथाम, ऑनलाइन हमलों का पता लगाने और नेटवर्क रिकवरी में सहायता कर सकते हैं.

जब कोई ड्रोन बेस स्टेशनों के ऊपर से उड़ान भरता है, तो यह नेटवर्क में हस्तक्षेप करता है और खराब एप्लिकेशन को क्रिएट कर सकता है, जैसे कि एक मोबाइल फोन जो बिना ऑथराइजेशन के यूएवी (ड्रोन) से जुड़ा हो.

इस आधार पर कि 5G स्थलीय नेटवर्क कभी भी 100% सुरक्षित नहीं होगा, जियोवानी गेरासी का सुझाव है कि 5G नेटवर्क सुरक्षा में सुधार करने के लिए यूएवी का उपयोग किया जा सकता है.

पढ़ेंः जानें कैसे काम करता है डिजिटल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एप

बार्सिलोना, स्पेनः सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विभाग और मिसिसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी (यूएसए) के शोधकर्ता जियोवानी गेरासी द्वारा किए गए अध्ययन से यह निष्कर्ष निकलता है कि बिना किसी सुरक्षा खतरों के एक तकनीकी क्रांति का गठन किया जा सकता है. जब तक 5जी तकनीक का निश्चित रूप से विस्तार नहीं होता है, तब तक हमें कुछ चुनौतियों जैसे- संभावित ईव्सड्रॉपिंग (छिप कर बातें सुनना), हस्तक्षेप और पहचान की चोरी का सामना करना पड़ सकता है.

अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) या ड्रोन, कई एप्लिकेशन और सेवाओं जैसे कि कृषि का विस्तार, ऑनलाइन खोज और नेटवर्क से उत्पन्न होने वाली समस्या से बचाव कर सकता है. इतना ही नहीं, यह ड्रोन संचार के क्षेत्र में भी मददगार साबित हो सकता है. जरूरी जानकारी भी दे सकता है, जैसे कि अस्थायी रूप से नेटवर्क का खराब होना, नेटवर्क कवरेज का विस्तार और नेटवर्क सुरक्षा.

यूपीएफ में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी विभाग (DTIC) के शोधकर्ता जियोवानी गेरासी ने हाल में किए गए एक अध्ययन में बताया है कि जहां एक तरफ ड्रोन, नेटवर्क में हस्तक्षेप उत्पन्न करता है. वहीं दूसरी तरफ, यह ड्रोन भविष्य में, 5G नेटवर्क पर हमलों की रोकथाम, ऑनलाइन हमलों का पता लगाने और नेटवर्क रिकवरी में सहायता कर सकते हैं.

जब कोई ड्रोन बेस स्टेशनों के ऊपर से उड़ान भरता है, तो यह नेटवर्क में हस्तक्षेप करता है और खराब एप्लिकेशन को क्रिएट कर सकता है, जैसे कि एक मोबाइल फोन जो बिना ऑथराइजेशन के यूएवी (ड्रोन) से जुड़ा हो.

इस आधार पर कि 5G स्थलीय नेटवर्क कभी भी 100% सुरक्षित नहीं होगा, जियोवानी गेरासी का सुझाव है कि 5G नेटवर्क सुरक्षा में सुधार करने के लिए यूएवी का उपयोग किया जा सकता है.

पढ़ेंः जानें कैसे काम करता है डिजिटल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एप

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:53 PM IST
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