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Reward - इनाम का लालच फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना फैलाने के जिम्मेदार!

रिसर्च में खुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा यूजर्स को प्रोत्साहन ( लाइक, फॉवर्ड, शेयरिंग, व्यूज आदि ) करने की आदत ने गलत सूचना और फर्जी खबरों को बढ़ावा दिया है. Social media side effect . misinformation spared by social media platforms .

side effect of social media platforms spread misinformation
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
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Published : Jan 18, 2023, 7:16 PM IST

Updated : Jan 18, 2023, 8:15 PM IST

नई दिल्ली : एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा जानकारी साझा करने को लेकर यूजर्स को प्रोत्साहन करने की आदत ने गलत सूचना और फर्जी खबरों को बढ़ावा दिया है. दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ( USC ) द्वारा किए गए स्टडी में बताया गया कि ऑनलाइन गलत सूचना के फैलने को रोकने में यूजर्स की तुलना में प्लेटफार्मों की बड़ी भूमिका होती है. जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित निष्कर्षों के अनुसार, रिसर्च में सबसे ज्यादा न्यूज शेयर करने वालों में से सिर्फ 15 प्रतिशत ही लगभग 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत फेक न्यूज को फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं.

रिसर्च में लिखा, सोशल मीडिया पर यूजर्स रिवॉर्ड-बेस्ड लर्निग सिस्टम को आधार मानकर यूजर्स जानकारी शेयर करते है, जिसे दूसरों से मान्यता मिलती है. रिवॉर्ड-बेस्ड लर्निग सिस्टम को आधार मानकर यूजर्स प्रतिक्रिया परिणामों पर विचार किए बिना, गलत सूचना पोस्ट करना, सूचना को बड़े स्तर तक फैलाना आदि में सक्रिय हो जाता है. मनोविज्ञान और व्यवसाय के यूएससी एमेरिटा प्रोवोस्ट प्रोफेसर वेंडी वुड ने कहा, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि गलत सूचना यूजर्स की कमी से नहीं फैलती है. यह वास्तव में सोशल मीडिया साइटों की लापरवाही संरचना के कारण होती है.

रिसर्च का नेतृत्व करने वाले गिजेम सीलन ने कहा, जब गलत सूचना फैलाने की बात आती है तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में रिवॉर्ड (लाइक, फॉवर्ड, शेयरिंग, व्यूज आदि) की एक बड़ी भूमिका होती है. रिसर्च में कहा गया है कि ये रिवॉर्डस यूजर्स को सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने के लिए प्रोत्साहित करते है, जो उन्हें कंटेट शेयर करने के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है. उन्होंने कहा, गलत सूचनाओं को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता है.--आईएएनएस

देश में बड़े बैंक के बैंकिंग App की नकल बनाकर ठगी का खुलासा Delhi Police ने किया

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रिसर्च में लिखा, सोशल मीडिया पर यूजर्स रिवॉर्ड-बेस्ड लर्निग सिस्टम को आधार मानकर यूजर्स जानकारी शेयर करते है, जिसे दूसरों से मान्यता मिलती है. रिवॉर्ड-बेस्ड लर्निग सिस्टम को आधार मानकर यूजर्स प्रतिक्रिया परिणामों पर विचार किए बिना, गलत सूचना पोस्ट करना, सूचना को बड़े स्तर तक फैलाना आदि में सक्रिय हो जाता है. मनोविज्ञान और व्यवसाय के यूएससी एमेरिटा प्रोवोस्ट प्रोफेसर वेंडी वुड ने कहा, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि गलत सूचना यूजर्स की कमी से नहीं फैलती है. यह वास्तव में सोशल मीडिया साइटों की लापरवाही संरचना के कारण होती है.

रिसर्च का नेतृत्व करने वाले गिजेम सीलन ने कहा, जब गलत सूचना फैलाने की बात आती है तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में रिवॉर्ड (लाइक, फॉवर्ड, शेयरिंग, व्यूज आदि) की एक बड़ी भूमिका होती है. रिसर्च में कहा गया है कि ये रिवॉर्डस यूजर्स को सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने के लिए प्रोत्साहित करते है, जो उन्हें कंटेट शेयर करने के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है. उन्होंने कहा, गलत सूचनाओं को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया में बदलाव की आवश्यकता है.--आईएएनएस

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Last Updated : Jan 18, 2023, 8:15 PM IST
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