ETV Bharat / science-and-technology

चंद्रयान-2 के एक साल, ऑर्बिटर ने भेजी महत्वपूर्ण जानकारियां - चंद्रयान-2

चंद्रयान-2 के आज एक साल पूरे हो गए हैं. इसे GSLV MkIII–M1 द्वारा लॉन्च किया गया था.

चंद्रयान-2 के एक साल
चंद्रयान-2 के एक साल
author img

By

Published : Aug 21, 2020, 6:51 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST

चेन्नईः चंद्रयान-2 ने चांद की कक्षा में परिक्रमा लगाते हुए एक साल पूरा कर लिया है. पृथ्वी के प्रारंभिक इतिहास को समझने के लिए चंद्रमा एक महत्वूर्ण कड़ी है. यह एक ऐसा तथ्य देता है जिसे अब तक छेड़छाड़ नहीं की गई है.

चंद्रमा पर कई अभियानों के बावजूद इसके संबंध में कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिल सके हैं. चंद्रमा की संरचना में विविधता को समझने और उत्पत्ति व विकास का पता लगाने के लिए लगातार अध्ययन की आवश्यकता है.

चंद्रयान-1 के माध्यम से चंद्रमा पर पानी और बर्फ की मौजूदगी के स्पष्ट परिणाम मिले थे, जो चंद्रमा पर पानी की वास्तविक उत्पत्ति और उपलब्धता का पता लगाने के लिए अधिक अध्ययन की ओर इशारा करता है.

चंद्रयान-2 द्वारा भेजी गई जानकारी
चंद्रयान-2 द्वारा भेजी गई जानकारी

इसरो ने एक ट्वीट में बताया कि चंद्रमा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत ने 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था. 20 अगस्त को चंद्रयान-2 ने लूनर ऑर्बिटर में प्रवेश किया था.

हालांकि, ऑर्बिटर के सॉफ्ट-लैंडिंग का प्रयास सफल नहीं था, लेकिन ऑर्बिटर को सफलतापूर्वक लूनर ऑर्बिट के अंदर प्रवेश कराया गया. इस ऑर्बिटर में आठ वैज्ञानिक उपकरण थे.

ऑर्बिटर ने चंद्रमा के चारों ओर 4400 से अधिक परिक्रमाएं पूरी कीं और सभी उपकरण वर्तमान में अच्छी तरह काम कर रहे हैं.

ऑर्बिटर पेलोड ने आर्गन-40 का पता लगाया है. इसरो के अनुसार, चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे ऑर्बिटर ने आर्गन-40 का पता लगभग 100 किमी की ऊंचाई से लगाया है.

इसरो ने कहा कि आर्गन-40, नोबल गैस आर्गन का एक आइसोटोप है. आर्गन गैस चंद्रमा के बहिर्मंडल का एक प्रमुख घटक है.

मिशन मैनेजमेंट और ऑपरेशनः

चंद्रयान-2 बिल्कुल ठीक स्थिति में है और उसके सभी सब-सिस्टम अच्छी तरह काम कर रहे हैं.

24 सितंबर 2019 को चंद्रयान-2 के लूनर ऑर्बिटर में प्रवेश करने बाद से अब तक 17 ऑर्बिट मेंटेनेंस (ओएम) किए गए हैं. चंद्रयान-2 में इतना ईंधन है कि सात वर्षों तक चल सकता है.

इस वर्ष के अंत तक चंद्रयान-2 के सार्वजनिक डेटा जारी करने की योजना बनाई गई है.

चंद्रयान-2 के पहले वर्ष का अवलोकन पेलोड्स के इन-ऑर्बिट प्रदर्शन को प्रदर्शित करता है, जो दृढ़ता से लूनर विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान देने की इसकी क्षमता का संकेत है.

चेन्नईः चंद्रयान-2 ने चांद की कक्षा में परिक्रमा लगाते हुए एक साल पूरा कर लिया है. पृथ्वी के प्रारंभिक इतिहास को समझने के लिए चंद्रमा एक महत्वूर्ण कड़ी है. यह एक ऐसा तथ्य देता है जिसे अब तक छेड़छाड़ नहीं की गई है.

चंद्रमा पर कई अभियानों के बावजूद इसके संबंध में कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिल सके हैं. चंद्रमा की संरचना में विविधता को समझने और उत्पत्ति व विकास का पता लगाने के लिए लगातार अध्ययन की आवश्यकता है.

चंद्रयान-1 के माध्यम से चंद्रमा पर पानी और बर्फ की मौजूदगी के स्पष्ट परिणाम मिले थे, जो चंद्रमा पर पानी की वास्तविक उत्पत्ति और उपलब्धता का पता लगाने के लिए अधिक अध्ययन की ओर इशारा करता है.

चंद्रयान-2 द्वारा भेजी गई जानकारी
चंद्रयान-2 द्वारा भेजी गई जानकारी

इसरो ने एक ट्वीट में बताया कि चंद्रमा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत ने 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था. 20 अगस्त को चंद्रयान-2 ने लूनर ऑर्बिटर में प्रवेश किया था.

हालांकि, ऑर्बिटर के सॉफ्ट-लैंडिंग का प्रयास सफल नहीं था, लेकिन ऑर्बिटर को सफलतापूर्वक लूनर ऑर्बिट के अंदर प्रवेश कराया गया. इस ऑर्बिटर में आठ वैज्ञानिक उपकरण थे.

ऑर्बिटर ने चंद्रमा के चारों ओर 4400 से अधिक परिक्रमाएं पूरी कीं और सभी उपकरण वर्तमान में अच्छी तरह काम कर रहे हैं.

ऑर्बिटर पेलोड ने आर्गन-40 का पता लगाया है. इसरो के अनुसार, चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे ऑर्बिटर ने आर्गन-40 का पता लगभग 100 किमी की ऊंचाई से लगाया है.

इसरो ने कहा कि आर्गन-40, नोबल गैस आर्गन का एक आइसोटोप है. आर्गन गैस चंद्रमा के बहिर्मंडल का एक प्रमुख घटक है.

मिशन मैनेजमेंट और ऑपरेशनः

चंद्रयान-2 बिल्कुल ठीक स्थिति में है और उसके सभी सब-सिस्टम अच्छी तरह काम कर रहे हैं.

24 सितंबर 2019 को चंद्रयान-2 के लूनर ऑर्बिटर में प्रवेश करने बाद से अब तक 17 ऑर्बिट मेंटेनेंस (ओएम) किए गए हैं. चंद्रयान-2 में इतना ईंधन है कि सात वर्षों तक चल सकता है.

इस वर्ष के अंत तक चंद्रयान-2 के सार्वजनिक डेटा जारी करने की योजना बनाई गई है.

चंद्रयान-2 के पहले वर्ष का अवलोकन पेलोड्स के इन-ऑर्बिट प्रदर्शन को प्रदर्शित करता है, जो दृढ़ता से लूनर विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान देने की इसकी क्षमता का संकेत है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 7:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.