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मंगल के जेजेरो क्रेटर पर कल उतरेगा नासा का रोवर - नासा का मंगल रोवर

मार्स 2020 पर्सियवरेंस मिशन नासा का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन है. यह मिशन इस बात का पता लगाने के लिए है कि क्या मंगल पर पहले कभी जीवन था या नहीं.

नासा का मंगल रोवर 18 फरवरी को उतरने के लिए तैयार
नासा का मंगल रोवर 18 फरवरी को उतरने के लिए तैयार
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Published : Feb 17, 2021, 5:23 PM IST

Updated : Feb 17, 2021, 6:47 PM IST

वॉशिंगटन : नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंजीनियरों ने पुष्टि की है कि मार्स 2020 पर्सियवरेंस मिशन सही तरीके से चल रहा है और इसका लक्ष्य 18 फरवरी को लगभग दोपहर 3.55 बजे जेजेरो क्रेटर पर पहुंचने का है.

नासा में साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने मंगलवार को कहा, 'पर्सिवरेंस नासा का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन है. यह मिशन इस बात का पता लगाने के लिए है कि क्या मंगल पर पहले कभी जीवन था या नहीं. इस सवाल का जवाब हमें उस लैंडिंग टीम से मिलेंगे जो हमें जजेरो क्रेटर तक ले जाएगी.'

जेजेरो एक बेसिन है और वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां एक प्राचीन नदी बहती थी और उसकी गाद वहां जमा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां के वातावरण में जीवन होने के सबूत संरक्षित हो सकते हैं. वैसे मंगल पर लैंडिंग करना बहुत मुश्किल है क्योंकि अतीत में किए गए ऐसे प्रयासों में ये बमुश्किल आधे प्रयास ही सफल हुए हैं.

ये भी पढ़ें : सार्क देशों की आभासी बैठक में भारत ने पड़ोसी पाकिस्तान को दिया न्योता

लिहाजा पर्सिवरेंस टीम पुराने प्रयासों से सीखने की कोशिश कर रही है, साथ ही स्पेसक्रॉफ्ट में ऐसी नई टेक्नॉलॉजी का उपयोग कर रही है, जो उसे लैंडिंग साइट पर सटीकता से लैंडिंग करने में मददगार हो.

जेपीएलओ में इस मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर जेनिफर ट्रॉस्पर ने कहा, 'पर्सिवरेंस टीम जजेरो क्रेटर पर उतरने के लिए जरूरी जटिल कोरियोग्राफी पर काम कर रही है. मंगल पर लैंड करने की गारंटी नहीं ली जा सकती है, लेकिन हम इस रोवर के पहियों को मंगल की सतह छूने के लिए 10 साल से तैयार कर रहे हैं.'

लोग इस ऐतिहासिक लैंडिंग को नासा टीवी पर लाइव देख सकते हैं.

वॉशिंगटन : नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के इंजीनियरों ने पुष्टि की है कि मार्स 2020 पर्सियवरेंस मिशन सही तरीके से चल रहा है और इसका लक्ष्य 18 फरवरी को लगभग दोपहर 3.55 बजे जेजेरो क्रेटर पर पहुंचने का है.

नासा में साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने मंगलवार को कहा, 'पर्सिवरेंस नासा का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी मंगल रोवर मिशन है. यह मिशन इस बात का पता लगाने के लिए है कि क्या मंगल पर पहले कभी जीवन था या नहीं. इस सवाल का जवाब हमें उस लैंडिंग टीम से मिलेंगे जो हमें जजेरो क्रेटर तक ले जाएगी.'

जेजेरो एक बेसिन है और वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां एक प्राचीन नदी बहती थी और उसकी गाद वहां जमा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां के वातावरण में जीवन होने के सबूत संरक्षित हो सकते हैं. वैसे मंगल पर लैंडिंग करना बहुत मुश्किल है क्योंकि अतीत में किए गए ऐसे प्रयासों में ये बमुश्किल आधे प्रयास ही सफल हुए हैं.

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लिहाजा पर्सिवरेंस टीम पुराने प्रयासों से सीखने की कोशिश कर रही है, साथ ही स्पेसक्रॉफ्ट में ऐसी नई टेक्नॉलॉजी का उपयोग कर रही है, जो उसे लैंडिंग साइट पर सटीकता से लैंडिंग करने में मददगार हो.

जेपीएलओ में इस मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर जेनिफर ट्रॉस्पर ने कहा, 'पर्सिवरेंस टीम जजेरो क्रेटर पर उतरने के लिए जरूरी जटिल कोरियोग्राफी पर काम कर रही है. मंगल पर लैंड करने की गारंटी नहीं ली जा सकती है, लेकिन हम इस रोवर के पहियों को मंगल की सतह छूने के लिए 10 साल से तैयार कर रहे हैं.'

लोग इस ऐतिहासिक लैंडिंग को नासा टीवी पर लाइव देख सकते हैं.

Last Updated : Feb 17, 2021, 6:47 PM IST
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