हैदराबाद: भारत में यूं तो कई कार ब्रांड्स हैं, जिनमें से किसी एक की कार आपके पास भी हो सकती है. आप में कुछ के पास लग्जरी ब्रांड की कार होगी और कुछ के बार प्रीमियम या बजट ब्रांड की कारें होंगी. भारत में आमतौर पर बजट या प्रीमियम कार ब्रांड्स में मारुति सुजुकी, होंडा, हुंडई, किआ, टोयोटा, निसान, रेनो और कुछ अन्य के नाम शामिल हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें कुछ कार ब्रांड्स अपनी लग्जरी कार्स भी बेचती हैं, हालांकि उनके लिए इन्होंने एक अलग सब-ब्रांड बना रखा है. तो चलिए आपको बताते हैं कि किस कंपनी के पास कौन-सा लग्जरी ब्रांड है.
1. टाटा मोटर्स (जैगुआर, लैंड रोवर)
भारत में टाटा मोटर्स की कारें अपनी सेफ्टी रेटिंग के लिए बेहद पसंद की जाती हैं. लेकिन टाटा अपनी लग्जरी और अल्ट्रा लग्जरी कारों को लैंड रोवर और जगुआर ब्रांड के तहत बेचती है. टाटा ने 2008 में ब्रिटिश एसयूवी ब्रांड को सहयोगी ब्रांड जगुआर के साथ फोर्ड से खरीदा था, जिसके पास पहले दोनों ब्रांड का स्वामित्व था. बता दें कि रेंज रोवर, लैंड रोवर की एसयूवी की हाई-एंड लाइन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ब्रांड नाम है, जिसका स्वामित्व भी भारत की टाटा मोटर्स के पास है.
2. मर्सिडीज-बेंज (मेबैक)
जर्मन कार निर्माता मर्सिडीज-बेंज वैसे तो लग्जरी ब्रांड ही बनाती है, लेकिन अगर आप अल्ट्रा लग्जरी ब्रांड की बात करें तो यह मर्सिडीज-बेंज मेबैक है. मेबैक को साल 1909 में बनाया गया था, जिसके बाद साल 1960 में मेबैक को डेमलर-बेंज ने अधिग्रहित कर लिया था. कंपनी ने इस ब्रांड को अल्ट्रा लग्जरी ब्रांड के तौर पर साल 2002 में एक बार फिर से उतारा और साल 2013 तक यह अकेला ब्रांड रहा, लेकिन धीमी बिक्री के चलते इसे साल 2015 में मर्सिडीज-बेंज का उप-ब्रांड बना दिया गया.
3. होंडा (एक्यूरा)
होंडा अपनी लग्जरी कार की बिक्री एक्यूरा (Acura) सब-ब्रांड के तहत बेचती है. भारत में होंडा अपनी प्रीमियम और बजट कारों के लिए जाना जाता है, लेकिन अपने लग्जरी सेगमेंट को होंडा ने साल 1986 में कई बैठकों के बाद शुरू किया था. हालांकि कंपनी का उद्देश्य इस ब्रांड को पूरी तरह से अलग रखना था, क्योंकि इस ब्रांड को कंपनी होंडा की छत्रछाया से दूर रखना चाहती थी.
इस ब्रांड ने एनएसएक्स, इंटेग्रा और लीजेंड जैसी प्रतिष्ठित कारें बनाईं, जिन्होंने एक स्पोर्ट्स कार के अनुभव को उपभोक्ता के दरवाजे तक पहुंचा दिया. कंपनी ने पहला तीन-पंक्ति क्रॉसओवर बनाया, जिसने कार उद्योग में क्रांति ला दी और हाल ही में एक्यूरा ने ओहियो में एक सुपरकार फैक्ट्री बनाई है.
4. निसान (इन्फिनिटी)
भारत में निसान की कारों को आप बजट या प्रीमियम सेगमेंट में खरीद रहे होंगे, जिनकी मैग्नाइट सबसे लोकप्रिय कार है. लेकिन इन्फिनिटी (Infiniti), निसान का ही एक लग्जरी ब्रांड है. निसान के इस विंग की शुरुआत करीब 30 साल पहले हुई, जब कंपनी ने अपनी लग्जरी कारों के लिए एक अलग ब्रांड बनाने का फैसला लिया था. शुरुआत में उन्होंने दो कारों को बाजार में उतारा और उनकी प्रगति भी तेजी से हुई.
इन्फिनिटी ने वीक्यू इंजन बनाया, साथ ही एक विशेष क्लब भी बनाया जो केवल उनके वाहनों के मालिकों के लिए उपलब्ध है. तो ऐसा कह सकते हैं कि जब निसान ने लक्जरी वाहनों की उत्कृष्ट श्रृंखला के साथ इस अद्भुत कंपनी को बनाने का फैसला किया तो उसने सही काम किया.
5. टोयोटा (लेक्सस)
लेक्सस (Lexus) का नाम तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इसकी मालिक जापान की कार निर्माता टोयोटा ही है. टोयोटा ने अपने लेक्सस ब्रांड के तहत अपनी पहली कार साल 1989 में उतारी थी और बाजार में ग्राहकों ने इसकी कार को बेहद पसंद किया. लेक्सस ने अपनी कारों के लिए व्यक्तिगत सर्विस की शुरुआत की, जिसने लोगों को अपनी ओर खींचा.
6. हुंडई (जेनेसिस)
जेनेसिस (Genesis) का नाम पिछले कुछ सालों में ही सामने आया है, क्योंकि साउथ कोरियन कार निर्माता कंपनी हुंडई ने साल 2008 में अपनी लग्जरी कारों को इस नेमप्लेट के तहत बाजार में उतारने का फैसला किया था. वैसे तो यह ब्रांड 2008 में आया था, लेकिन 2017 तक इसका अपना ब्रांड नहीं था. लेकिन अब यह तेजी से लग्जरी की दुनिया में लोकप्रियता हासिल कर रहा है.
7. फॉक्सवैगन (ऑडी, बेंटले, बुगाटी, पोर्श, लेम्बोर्गिनी)
जर्मन कार निर्माता फॉक्सवैगन ग्रुप एक ऐसी कंपनी है, जिसके पास 5 लग्जरी ब्रांड्स हैं, जिनमें ऑडी, बेंटले, बुगाटी, पोर्श और लेम्बोर्गिनी जैसे ब्रांड शामिल हैं. उनके पास किफायती लग्जरी से लेकर अल्ट्रा लग्जरी तक सारे वाहन हैं, जिनके लिए ग्राहकों को अपना घर तक गिरवी रखना पड़ सकता है. वोक्सवैगन ने भले ही पहले ऑडी का अधिग्रहण किया हो, लेकिन जिन अन्य कंपनियों का उन्होंने अधिग्रहण किया है, वे उसके लिए वरदान साबित हुई.
8. फोर्ड (लिंकन, वोल्वो)
अमेरिकन कार निर्माता फोर्ड, लिंकन और वोल्वो, दो कंपनियों का मालिक है, जो लक्जरी वाहनों की दुनिया में अत्यधिक सम्मानित ब्रांड है. लिंकन कैडिलैक के साथ एक इतिहास साझा करता है, क्योंकि यह कंपनी मूल रूप से इसके मालिक द्वारा बनाई गई थी. वित्तीय संकट से दिवालिया हो जाने के बाद फोर्ड ने 1922 में इस ब्रांड का अधिग्रहण कर लिया. वोल्वो की खरीद ने फोर्ड के बैंक खाते पर काफी प्रभाव डाला, क्योंकि उन्होंने इसके लिए कुल 6.45 बिलियन डॉलर का भुगतान किया था.
9. बीएमडब्ल्यू (रोल्स रॉयस, बीएमडब्ल्यू)
बीएमडब्ल्यू-ग्रुप स्पष्ट रूप से अपने स्वयं के बीएमडब्ल्यू लक्जरी ब्रांड का मालिक है, लेकिन इसके साथ ही वह रोल्स-रॉयस का भी मालिक है. रोल्स-रॉयस शुरू से ही एक लक्जरी कार ब्रांड रहा है, और 1907 में इसकी पहली कार के बाद इसे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कार माना गया था. रोल्स-रॉयस अपनी कारों में कम्फर्ट और विश्वसनीयता के महत्व को अच्छी तरह समझते है, यही वजह है कि यह ब्रांड इतने लंबे समय तक चला. साल 1998 में बीएमडब्ल्यू ने इसे अधिगृहित कर लिया, जिसके बाद यह ब्रांड तेजी से बढ़ा है.