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Chandrayaan 3 : ISRO ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के और नजदीक पहुंचाया - chandrayaan 3 insertion into translunar orbit

इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के एक दिन बाद उसे सफलतापूर्वक और नजदीक पहुंचा दिया गया है. ISRO ने कहा कि वह अगली कवायद 9 अगस्त को करेगा. Chandrayaan 3 .

chandrayaan 3 moon mission
चंद्रमा
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Published : Aug 7, 2023, 10:32 AM IST

बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के एक दिन बाद उसे इसके और नजदीक पहुंचाने की कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई. इसरो ने कहा कि वह इस तरह की अगली कवायद 9 अगस्त को करेगा. ISRO ने रविवार को एक ट्वीट में कहा ‘‘अंतरिक्षयान ने चंद्रमा के और नजदीक पहुंचने की एक प्रस्तावित प्रक्रिया पूरी कर ली है। इंजनों की ‘रेट्रोफायरिंग’ ने इसे चंद्रमा की सतह के और करीब पहुंचा दिया यानी अब 170 किलोमीटर गुणा 4313 किलोमीटर’’

  • Chandrayaan-3 Mission:
    “MOX, ISTRAC, this is Chandrayaan-3. I am feeling lunar gravity 🌖”
    🙂

    Chandrayaan-3 has been successfully inserted into the lunar orbit.

    A retro-burning at the Perilune was commanded from the Mission Operations Complex (MOX), ISTRAC, Bengaluru.

    The next… pic.twitter.com/6T5acwiEGb

    — ISRO (@isro) August 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ISRO ने कहा, ‘‘(Chandrayaan को) चंद्रमा के और नजदीक पहुंचाने की अगली कवायद 9 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजे से दोपहर दो बजे के बीच किये जाने का कार्यक्रम है.’’ सत्रह अगस्त तक तीन और अभियान प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी, जिसके बाद लैंडिंग मॉड्यूल ‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा. इसके बाद, लैंडर पर ‘डी-आर्बिटिंग’ कवायद की जाएगी. इसके बाद, चंद्रमा की सतह पर उतरने से से पहले लैंडर पर ‘डी-ऑर्बिटिंग’ कवायद को अंजाम दिया जाएगा. इसरो के मुताबिक, यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा.

ये भी पढ़ें-

सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद : बता दें कि लैंडर पर लगा लेजर डॉपलर वेलोसिटीमीटर नामक यंत्र चंद्रमा की सतह पर उतरते समय थ्रीडी लेजर फेंकेगा, जिसके बाद लेजर जमीन से टकराती हैं ऐसे में सतह के उबड़-खाबड़ आदि के पता लगने के बाद वह लैंडिंग के लिए सही जगह व स्थान का चयन करता है. Lander में एक निर्देशित चंद्र सतह पर Soft Landing करने और Rover को तैनात करने की क्षमता है,जो अपनी गतिशीलता के दौरान चंद्रमा की सतह का इन-सीटू (In-Situ) रासायनिक विश्लेषण करेगा.

(अतिरिक्त इनपुट एजेंसी )

बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के एक दिन बाद उसे इसके और नजदीक पहुंचाने की कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई. इसरो ने कहा कि वह इस तरह की अगली कवायद 9 अगस्त को करेगा. ISRO ने रविवार को एक ट्वीट में कहा ‘‘अंतरिक्षयान ने चंद्रमा के और नजदीक पहुंचने की एक प्रस्तावित प्रक्रिया पूरी कर ली है। इंजनों की ‘रेट्रोफायरिंग’ ने इसे चंद्रमा की सतह के और करीब पहुंचा दिया यानी अब 170 किलोमीटर गुणा 4313 किलोमीटर’’

  • Chandrayaan-3 Mission:
    “MOX, ISTRAC, this is Chandrayaan-3. I am feeling lunar gravity 🌖”
    🙂

    Chandrayaan-3 has been successfully inserted into the lunar orbit.

    A retro-burning at the Perilune was commanded from the Mission Operations Complex (MOX), ISTRAC, Bengaluru.

    The next… pic.twitter.com/6T5acwiEGb

    — ISRO (@isro) August 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ISRO ने कहा, ‘‘(Chandrayaan को) चंद्रमा के और नजदीक पहुंचाने की अगली कवायद 9 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजे से दोपहर दो बजे के बीच किये जाने का कार्यक्रम है.’’ सत्रह अगस्त तक तीन और अभियान प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी, जिसके बाद लैंडिंग मॉड्यूल ‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा. इसके बाद, लैंडर पर ‘डी-आर्बिटिंग’ कवायद की जाएगी. इसके बाद, चंद्रमा की सतह पर उतरने से से पहले लैंडर पर ‘डी-ऑर्बिटिंग’ कवायद को अंजाम दिया जाएगा. इसरो के मुताबिक, यह 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा.

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सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद : बता दें कि लैंडर पर लगा लेजर डॉपलर वेलोसिटीमीटर नामक यंत्र चंद्रमा की सतह पर उतरते समय थ्रीडी लेजर फेंकेगा, जिसके बाद लेजर जमीन से टकराती हैं ऐसे में सतह के उबड़-खाबड़ आदि के पता लगने के बाद वह लैंडिंग के लिए सही जगह व स्थान का चयन करता है. Lander में एक निर्देशित चंद्र सतह पर Soft Landing करने और Rover को तैनात करने की क्षमता है,जो अपनी गतिशीलता के दौरान चंद्रमा की सतह का इन-सीटू (In-Situ) रासायनिक विश्लेषण करेगा.

(अतिरिक्त इनपुट एजेंसी )

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