सैन फ्रांसिस्को : भारतीय मूल के जोसेफ रविचंद्रन सहित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के शोधकर्ताओं ने एप्पल के इन-हाउस सिलिकॉन एम1 चिप में एक नए हार्डवेयर बग (वल्नेरेबिलिटी) की पहचान की है जो मैक को शक्ति प्रदान करता है. पीएचडी छात्र रविचंद्रन द्वारा खोजा गया 'पैकमैन' साइबर हमलों से रोकने में सक्षम बनाता है.
एम1 चिप 'पॉइंटर ऑथेंटिकेशन' नामक एक सुविधा का उपयोग करता है, जो विशिष्ट सॉ़फ्टवेयर कमजोरियों के विरुद्ध रक्षा की अंतिम पंक्ति के रूप में कार्य करता है. एमआईटी के कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लेबोरेटरी के शोधकर्ताओं के मुताबिक 'पॉइंटर ऑथेंटिकेशन' को बिना कोई निशान छोड़े भी हराया जा सकता है. इसके अलावा, 'पैकमैन' एक हार्डवेयर तंत्र का उपयोग करता है, इसलिए कोई भी सॉफ्टवेयर पैच इसे कभी भी ठीक नहीं कर सकता है.
एमआईटी पेपर के सह-प्रमुख लेखक रविचंद्रन ने कहा कि 'पॉइंटर ऑथेंटिकेशन' के पीछे का विचार यह है कि यदि अन्य सभी विफल हो गए हैं, तो भी आप हमलावरों को अपने सिस्टम पर नियंत्रण पाने से रोकने के लिए इस पर भरोसा कर सकते हैं. हमने दिखाया है कि रक्षा की अंतिम पंक्ति के रूप में पॉइंटर ऑथेंटिकेशन उतना पूर्ण नहीं है जैसा कि हमने एक बार सोचा था. 'पॉइंटर ऑथेंटिकेशन' मुख्य रूप से कोर ऑपरेटिंग सिस्टम कर्नेल, सिस्टम के सबसे विशेषाधिकार प्राप्त हिस्से की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है.
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(आईएएनएस)