न्यूयॉर्कः भारतीय-अमेरिकी छात्र हर्ष पटेल को समुद्री जल व अपशिष्ट जल को फिर से उपयोग करने के लिए उद्योगों में मेम्ब्रेन प्रौद्योगिकी पर अनुसंधान (Research on Membrane Technology) करने के लिए 11,750 डॉलर की फेलोशिप मिली है. मिशिगन विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र हर्ष (Michigan University PhD student Harsh Patel ) को अमेरिकन मेम्ब्रेन टेक्नोलॉजी एसोसिएशन (AMTM) और यूनाइटेड स्टेट्स ब्यूरो ऑफ रिक्लेमेशन फेलोशिप फॉर मेम्ब्रेन टेक्नोलॉजी प्राप्त हुआ.
पानी को साफ करने के तकनीक में होगा बड़ा बदलाव
पटेल ने यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के एक बयान में कहा, मैं यह सम्मान पाकर बेहद खुश हूं. पटेल का काम बढ़ती पानी और ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए समुद्री जल, भूजल और ब्राइन जैसे जलीय समाधानों से लक्षित आयनों को चुनिंदा रूप से हटाने में सक्षम अगली पीढ़ी के आयन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (Ion Exchange Membrane-IEM) की स्थापना की जांच करना है. इस शोध से समुद्री जल व अपशिष्ट जल को कम कीमत पर साफ पानी में बदलने के लिए टेक्नोलॉजी में महत्वपूर्ण योगदान के रूप में देखा जा रहा है. इस शोध पानी को शुद्ध करने के तरीकों में बदलाव आने की संभावना के रूप में देखा जा रहा है.
इस शोध के नतीजे विभिन्न आयन अलगाव उपयोग के लिए वांछनीय IEM को संश्लेषित करने के लिए डिजाइन पैरामीटर की खोज की अनुमति देंगे, जो लिथियम निष्कर्षण, पानी नरमी और नाइट्रेट वसूली जैसे औद्योगिक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण हैं. पटेल ने कहा, 'जो लिथियम या नाइट्रेट के प्रभावी अलगाव में बाधा डालता है क्योंकि इन दो प्रजातियों वाले समाधानों में उच्च सांद्रता में अन्य मोनोवैलेंट और डाइवलेंट आयन होते हैं.' फरवरी में, पटेल 2023 मेम्ब्रेन टेक्नोलॉजी सम्मेलन और प्रदर्शनी में भाग लेंगे और नॉक्सविले में पोडियम प्रस्तुति व पोस्टर के माध्यम से अपने शोध को साझा करेंगे.
(आईएएनएस)
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