ETV Bharat / science-and-technology

मशीनों पर बढ़ती निर्भरता से नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा, जानें कैसे

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 10 में से 6 लोगों के 2025 तक नौकरी खोने की संभावना है. मशीनों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर बढ़ती निर्भरता से 85 मिलियन नौकरियों के नुकसान का खतरा बढ़ गया है.ययह रिपोर्ट 19 देशों में प्राइस वाटर हाउस कूपर कंपनी में काम करने वाले 32,000 कर्मचारियों पर किए गए सर्वे के बाद सामने आई है.

machines threatens, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम
मशीनों पर बढ़ती निर्भरता से नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा, 2025 तक करीब 10 में 6 लोग खो देंगे नौकरियां
author img

By

Published : Apr 5, 2021, 1:58 PM IST

जेनेवा: वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में 2025 तक 10 में 6 लोग अपनी नौकरियां खो देंगे. इसकी वजह काम में मशीनों और इंसानों द्वारा काम में लगने वाले समय को बताया जा रहा है.

शिनुआ के मुताबिक उनकी यह रिपोर्ट 19 देशों में प्राइस वाटर हाउस कूपर कंपनी में काम करने वाले 32,000 कर्मचारियों पर किए गए सर्वे के बाद सामने आई है.

सर्वे के अनुसार दुनिया भर के 40 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि वह अगले 5 सालों में अपनी नौकरी खो देंगे, जबकि 56 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वह भविष्य में भी लंबे समय तक के लिए रोजगार के विकल्प हासिल कर पाएंगे.

60 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की दरकार है कि सरकार उनकी नौकरियों की सुरक्षा करे.

विश्वव्यापी लॉकडाउन में 40 प्रतिशत लोगों ने अपनी डिजिटल स्किल को बेहतर किया , जबकि 77 प्रतिशत लोग कुछ नया सीखने और खुद में सुधार के लिए तैयार हैं.

तकरीबन 80 प्रतिशत लोग अपनी योग्यता पर विश्वास करके नई टेक्नोलॉजी को सीखने के प्रति आश्वस्त हैं.

पिछली वर्ल्ड इकोनोमिक की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती मशीनों की तादाद और आर्टिफिशियल इनटेलिजेंस के कारण 8.5 करोड़ नौकरियां खतरे में है. मौजूदा हालत में 9.7 करोड़ रोजगार के सृजन की बात कही गई.

जेनेवा: वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में 2025 तक 10 में 6 लोग अपनी नौकरियां खो देंगे. इसकी वजह काम में मशीनों और इंसानों द्वारा काम में लगने वाले समय को बताया जा रहा है.

शिनुआ के मुताबिक उनकी यह रिपोर्ट 19 देशों में प्राइस वाटर हाउस कूपर कंपनी में काम करने वाले 32,000 कर्मचारियों पर किए गए सर्वे के बाद सामने आई है.

सर्वे के अनुसार दुनिया भर के 40 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि वह अगले 5 सालों में अपनी नौकरी खो देंगे, जबकि 56 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वह भविष्य में भी लंबे समय तक के लिए रोजगार के विकल्प हासिल कर पाएंगे.

60 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की दरकार है कि सरकार उनकी नौकरियों की सुरक्षा करे.

विश्वव्यापी लॉकडाउन में 40 प्रतिशत लोगों ने अपनी डिजिटल स्किल को बेहतर किया , जबकि 77 प्रतिशत लोग कुछ नया सीखने और खुद में सुधार के लिए तैयार हैं.

तकरीबन 80 प्रतिशत लोग अपनी योग्यता पर विश्वास करके नई टेक्नोलॉजी को सीखने के प्रति आश्वस्त हैं.

पिछली वर्ल्ड इकोनोमिक की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ती मशीनों की तादाद और आर्टिफिशियल इनटेलिजेंस के कारण 8.5 करोड़ नौकरियां खतरे में है. मौजूदा हालत में 9.7 करोड़ रोजगार के सृजन की बात कही गई.

पढे़ंः नासा के मार्स हेलिकॉप्टर की लॉन्चिंग में देरी, 11 अप्रैल को भरेगा उड़ान
इनपुट-आईएनएस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.