ETV Bharat / science-and-technology

ओडिशाः केंद्रपाड़ा में विशाल समुद्री लहरों में समा गया सदियों पुराना मंदिर

केंद्रपाड़ा के सदियों पुराने पंचूवराही मंदिर को भयानक समुद्र की लहरों ने तहस-नहस कर दिया है. यह मंदिर सातभाया गांव में स्थित है. स्थानीय लोग इस प्राचीन मंदिर को 'मानवीय उपस्थित के अंतिम प्रत्यक्ष संकेत' के रूप में देखते थे. राज्य सरकार ने 2018 में समुद्र तट से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित बागपतिया में पुनर्वास कॉलोनी में करीब 571 संवेदनशील परिवारों को पुनर्स्थापित किया था.

केंद्रपाड़ा, पंचूवराही मंदिर
ओडिशाः केंद्रपाड़ा में विशाल समुद्री लहरों में समा गया सदियों पुराना मंदिर
author img

By

Published : Aug 3, 2021, 5:55 PM IST

केंद्रपाड़ा (ओडिशा): केंद्रपाड़ा की तटरेखा को दशकों से छिन्न-भिन्न करते, एक के बाद एक गांव को निगलते भयावह समुद्र ने हाल में सदियों पुराने पंचूवराही मंदिर को धराशयी कर दिया. इस घटना से स्थानीय लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है जो कि प्राकृतिक संकट से राहत पाने को लेकर यहां प्रार्थना करते थे.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने 2018 में समुद्र तट से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित बागपतिया में पुनर्वास कॉलोनी में करीब 571 संवेदनशील परिवारों को पुनर्स्थापित किया था.

उन्होंने बताया कि समुद्र के कटाव से विस्थापित हुए लोगों के लिए यह राज्य में इस तरह की पहली पुनर्वास और पुनर्स्थापना पहल थी.

केंद्रपाड़ा, पंचूवराही मंदिर
ओडिशाः केंद्रपाड़ा में विशाल समुद्री लहरों में समा गया सदियों पुराना मंदिर

समुद्र की जद में आए ज्यादातर हिस्से के बावजूद, गृहनगर से दूर होने के बाद भी इसके कुछ निवासी समय-समय पर सातभाया गांव आकर पंचूवराही मंदिर में दर्शन करते थे जिसके अंदर की भगवान की मूर्ति भी पुनर्वास कॉलोनी में पुनर्स्थापित कर दी गई थी.

इसके पूर्व निवासी बसंत साहनी ने कहा कि स्थानीय लोग सातभाया गांव में मंदिर को 'मानवीय उपस्थित के अंतिम प्रत्यक्ष संकेत' के रूप में देखते थे.

ओडिशाः केंद्रपाड़ा में विशाल समुद्री लहरों में समा गया सदियों पुराना मंदिर

उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि इस मंदिर के नष्ट हो जाने के बाद, हमारी आखिरी उम्मीद भी चली गई कि समुद्र अपना प्रकोप खत्म कर देगा.

इसे भी पढ़ेंः ओडिशा : प्रशासन की नाकामी को ग्रामीणों ने दिखाया आईना, बना दिया लकड़ी का पुल

जिले में राजनगर तहसील के एक अधिकारी ने बताया कि जहां सातभाया और कन्हुपूर गांवों के कुछ लोग सुरक्षित स्थान पर जाना चाहते थे, वही कुछ लोग ऐसे लोग भी थे जो नये इलाके में नहीं जाना चाहते थे.

उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श के बाद, बागपतिया में पुनर्वास कॉलोनी बसाई गई.

(पीटीआई-भाषा)

केंद्रपाड़ा (ओडिशा): केंद्रपाड़ा की तटरेखा को दशकों से छिन्न-भिन्न करते, एक के बाद एक गांव को निगलते भयावह समुद्र ने हाल में सदियों पुराने पंचूवराही मंदिर को धराशयी कर दिया. इस घटना से स्थानीय लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है जो कि प्राकृतिक संकट से राहत पाने को लेकर यहां प्रार्थना करते थे.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने 2018 में समुद्र तट से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित बागपतिया में पुनर्वास कॉलोनी में करीब 571 संवेदनशील परिवारों को पुनर्स्थापित किया था.

उन्होंने बताया कि समुद्र के कटाव से विस्थापित हुए लोगों के लिए यह राज्य में इस तरह की पहली पुनर्वास और पुनर्स्थापना पहल थी.

केंद्रपाड़ा, पंचूवराही मंदिर
ओडिशाः केंद्रपाड़ा में विशाल समुद्री लहरों में समा गया सदियों पुराना मंदिर

समुद्र की जद में आए ज्यादातर हिस्से के बावजूद, गृहनगर से दूर होने के बाद भी इसके कुछ निवासी समय-समय पर सातभाया गांव आकर पंचूवराही मंदिर में दर्शन करते थे जिसके अंदर की भगवान की मूर्ति भी पुनर्वास कॉलोनी में पुनर्स्थापित कर दी गई थी.

इसके पूर्व निवासी बसंत साहनी ने कहा कि स्थानीय लोग सातभाया गांव में मंदिर को 'मानवीय उपस्थित के अंतिम प्रत्यक्ष संकेत' के रूप में देखते थे.

ओडिशाः केंद्रपाड़ा में विशाल समुद्री लहरों में समा गया सदियों पुराना मंदिर

उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि इस मंदिर के नष्ट हो जाने के बाद, हमारी आखिरी उम्मीद भी चली गई कि समुद्र अपना प्रकोप खत्म कर देगा.

इसे भी पढ़ेंः ओडिशा : प्रशासन की नाकामी को ग्रामीणों ने दिखाया आईना, बना दिया लकड़ी का पुल

जिले में राजनगर तहसील के एक अधिकारी ने बताया कि जहां सातभाया और कन्हुपूर गांवों के कुछ लोग सुरक्षित स्थान पर जाना चाहते थे, वही कुछ लोग ऐसे लोग भी थे जो नये इलाके में नहीं जाना चाहते थे.

उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श के बाद, बागपतिया में पुनर्वास कॉलोनी बसाई गई.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.