चेन्नई: देश के तीसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के बारे में एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी बुधवार शाम को अपने चंद्रमा लैंडर को उतारने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और किसी भी स्थगन या प्लान-बी पर विचार नहीं कर रही है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने आईएएनएस को बताया, "जैसा कि मूल योजना थी, बुधवार शाम को लैंडिंग की पुष्टि हो गई है." इस तरह का आत्मविश्वास भरा बयान बताता है कि चंद्रयान के Lander की सभी प्रणालियाँ अच्छी तरह काम कर रही हैं.
ISRO chairman S Somnath से एक वरिष्ठ अधिकारी के उस बयान के बारे में पूछा गया था जिसमें कहा गया था कि यदि लैंडर सिस्टम में कोई समस्या हुई तो लैंडिंग को 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा.अधिकारी ने यह भी कहा था, 27 अगस्त को लैंडिंग की स्थिति में, नई लैंडिंग साइट चांद पर मूल लैंडिंग ( Moon landing ) साइट से लगभग 400 किमी दूर होगी. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने भी ट्वीट किया है कि मिशन तय समय पर है.
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Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The mission is on schedule.
Systems are undergoing regular checks.
Smooth sailing is continuing.
The Mission Operations Complex (MOX) is buzzed with energy & excitement!
The live telecast of the landing operations at MOX/ISTRAC begins at 17:20 Hrs. IST… pic.twitter.com/Ucfg9HAvrY
">Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 22, 2023
The mission is on schedule.
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Smooth sailing is continuing.
The Mission Operations Complex (MOX) is buzzed with energy & excitement!
The live telecast of the landing operations at MOX/ISTRAC begins at 17:20 Hrs. IST… pic.twitter.com/Ucfg9HAvrYChandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 22, 2023
The mission is on schedule.
Systems are undergoing regular checks.
Smooth sailing is continuing.
The Mission Operations Complex (MOX) is buzzed with energy & excitement!
The live telecast of the landing operations at MOX/ISTRAC begins at 17:20 Hrs. IST… pic.twitter.com/Ucfg9HAvrY
ISRO ने कहा, “सिस्टम की नियमित जांच हो रही है. मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है!” अगर आखिरी मिनटों में कोई दिक्कत आती है तो इसरो के लिए प्लान बी काम करेगा. इसरो के मुताबिक, मून लैंडर अपने लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा- LPDC से लैंडिंग साइट की तस्वीरें खींच रहा है. LPDC छवियां ऑनबोर्ड चंद्रमा संदर्भ मानचित्र के साथ मिलान करके लैंडर मॉड्यूल को उसकी स्थिति (अक्षांश और देशांतर) निर्धारित करने में सहायता करती हैं.
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.... and
— ISRO (@isro) August 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The moon as captured by the
Lander Imager Camera 4
on August 20, 2023.#Chandrayaan_3 #Ch3 pic.twitter.com/yPejjLdOSS
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— ISRO (@isro) August 22, 2023
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— ISRO (@isro) August 22, 2023
The moon as captured by the
Lander Imager Camera 4
on August 20, 2023.#Chandrayaan_3 #Ch3 pic.twitter.com/yPejjLdOSS
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Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Here are the images of
Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHB
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— ISRO (@isro) August 21, 2023
Here are the images of
Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHBChandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 21, 2023
Here are the images of
Lunar far side area
captured by the
Lander Hazard Detection and Avoidance Camera (LHDAC).
This camera that assists in locating a safe landing area -- without boulders or deep trenches -- during the descent is developed by ISRO… pic.twitter.com/rwWhrNFhHB
चंद्रमा लैंडर में एक अन्य कैमरा भी है जिसे लैंडर हैजर्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) कहा जाता है. यह कैमरा बोल्डर या गहरी खाइयों से मुक्त एक सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र का पता लगाने में सहायता करता है. महज 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान-3 मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्र लैंडर को चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित रूप से सॉफ्ट लैंडिंग कराना है. Chandrayaan-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रणोदन ( propulsion ) मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है. कुछ दिन पहले लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया और अब दोनों अलग-अलग कक्षाओं में चंद्रमा का चक्कर लगा रहे हैं. ISRO के अनुसार, लैंडर बुधवार शाम 5.45 बजे चंद्रमा पर उतरना शुरू करेगा और टच डाउन शाम करीब 6.05 बजे होगा. Vikram Lander जो 2019 में चंद्रयान -2 मिशन का हिस्सा था, चंद्रमा पर लैंडिंग के आखिरी चरण में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
(आईएएनएस)