आजकल प्रदूषण से खुद को सुरक्षित रखने के लिए लोग तमाम कोशिशें कर रहे हैं. कई महानगरों की एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) डार्क रेड जोन में होने के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी (Trouble Breathing from Pollution) के साथ ही आंखों में जलन भी महसूस हो रही है. इन सबसे बचने के लिए लोग अपने घर और आसपास हवा को साफ करने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने सर्दियों के मौसम में उपयोग होने वाले नियमित AC को एयर प्यूरीफायर (Air purifier) में बदलने का तरीका खोज लिया है.
क्लीन एयर मॉड्यूल (कैम) एयर फिल्टर का एसी में करें उपयोग: आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने बताया कि आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) और आईआईएससी बेंगलुरू (IISc Bangalore) के विशेषज्ञों ने क्लीन एयर मॉड्यूल (कैम) नाम से एक उत्पाद बनाया है. जिसकी खासियत यह है कि यह एंटी माइक्रोबियल एयर प्यूरीफिकेशन टेक्नोलाजी (anti microbial air purification technology) से लैस है. इसका परीक्षण एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब में किया गया है. यह 99.24 फीसद की दक्षता के साथ सार्स-कोविड-2 (Delta variant) को निष्क्रिय करने में पूरी तरह से प्रभावी है. इसे IIT Kanpur के स्टार्टअप- AIRTH को इनोवेशन का लाइसेंस दिया गया है. इसकी कीमत महज 2 हजार रुपये है.
नई हवा से वायरस खत्म होंगे और जीवन होगा सुरक्षित: इस नई तकनीक के विकास के विषय में बताते हुए प्रो अंकुश शर्मा , प्रोफेसर-इन-चार्ज, इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन, आईआईटी कानपुर (Pro Ankush Sharma Professor-in-Charge, Innovation and Incubation, IIT Kanpur) ने कहा कि इन एयर फिल्टर में इस्तेमाल की गई नई वायु शुद्धिकरण तकनीक से हमारा जीवन पूरी तचरह सुरक्षित होगा. इस हवा के संपर्क में आते ही वायरस नष्ट हो जाएंगे और जीवन बच जाएगा. उन्होंने IIT Kanpur के इस नवाचार संबंधी उपलब्धि को बहुत सराहा है.
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