नई दिल्ली : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में फिर से नामांकन के लिए ह्वाइट हाउस से अपना स्वीकृति भाषण देकर हैच एक्ट का उल्लंघन किया है या नहीं, इस बारे में व्यापक स्तर पर अटकलें लगाई जा रही हैं. अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है. अमेरिकी कानूनों की पूरी जानकारी रखने वाले एक शीर्ष भारतीय वकील ने बातचीत में कहा है कि मौजूदा राष्ट्रपति ने तकनीकी रूप से अधिनियम (एक्ट) का उल्लंघन नहीं किया है लेकिन उन्होंने अमेरिका की सरकार चलाने के सभी मानदंडों का उल्लंघन किया है.
हार्वर्ड पढ़े सुप्रीम कोर्ट के वकील और हार्वर्ड लॉ स्कूल में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समकालीन रहे डॉ. सूरत सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ठीक है, चूंकि वह (ट्रंप) मौजूदा राष्ट्रपति हैं इसलिए उन्होंने तकनीकी रूप से इस अधिनियम का उल्लंघन नहीं किया है.
डॉ. सिंह ने कहा कि किसी को भी अभी चल रहे कोविड -19 महामारी को ध्यान में रखना होगा, जो सामाजिक दूरी की मांग करता है. ट्रंप के इस कदम को इसी का सहारा मिला.
ट्रंप की स्वीकृति गुरुवार रात ह्वाइट हाउस के साउथ लॉन में एक भाषण के दौरान तब आई, जब चल रहे रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (आरएनसी) का अंतिम दिन था.
1939 का हैच एक्ट एक अमेरिकी संघीय कानून है. यह अधिनियम नुकसानदेह राजनीतिक गतिविधियों को रोकने के लिए है. इसका मुख्य प्रावधान राष्ट्रपति और उपाध्यक्ष को छोड़कर संघीय सरकार की अधिशासी शाखा में सिविल सेवा के कर्मचारियों को कुछ प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न होने से प्रतिबंधित करता है. यह कानून 2 अगस्त, 1939 को बना. कानून का नाम न्यू मैक्सिको के सीनेटर कार्ल हैच के नाम पर रखा गया था. इस कानून को 2012 में संशोधित किया गया था, जब बराक ओबामा राष्ट्रपति थे.
द यूएस ऑफिस ऑफ स्पेशल काउंसिल ने कहा कि हैच अधिनियम मुख्य रूप से राज्य, कोलंबिया जिला या स्थानीय कार्यकारी एजेंसियों की ओर से नियुक्त और जो संघीय कर्ज या अनुदान से पूरी तरह या आंशिक रूप से वित्तपोषित कार्यक्रमों जुड़े काम करते हैं, वैसे व्यक्तियों की राजनीतिक गतिविधि पर प्रतिबंध लगाता है. सामान्य तौर पर राज्य, डी.सी या स्थानीय एजेंसी जो कर्मचारी का प्रमुख रोजगार देते है वे कर्मचारी इसके दायरे में आते हैं. हालांकि, जब कोई कर्मचारी दो या अधिक नौकरियां करता है तो आम तौर पर उस रोजगार को ही नौकरी के रूप में समझा जाता है, जिसमें वह सबसे अधिक काम का समय देता है और सबसे अधिक आमदनी होती है.
ट्रंप का ह्वाइट हाउस से स्वीकृति भाषण देना हालांकि तकनीकी रूप से गलत नहीं था, लेकिन आलोचकों का मानना है कि आधिकारिक कार्यों को आरएनसी का हिस्सा बनाना नैतिक रूप से गलत है.
ग्रैंड ओल्ड पार्टी के चार दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार को ट्रंप ने यह खुलासा करने के लिए प्रसारण का उपयोग किया कि उन्होंने एक अफ्रीकी अमेरिकी व्यक्ति जॉन पॉन्डर को पूरी तरह से क्षमादान दे दी थी, जिसने जेल से रिहा होने के बाद कैदियों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया था.
राष्ट्रपति ने एक भारतीय अमेरिकी सहित पांच नए नागरिकों के लिए देशीकरण समारोह भी आयोजित किया.
सरकारी आचार नीति के अमेरिकी कार्यालय के पूर्व प्रमुख वाल्टर शब ने ट्वीट किया, ‘हैच अधिनियम सरकार की ताकत और उम्मीदवारों के बीच की दीवार थी. आज रात एक उम्मीदवार ने अपने अभियान के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करके उस दीवार को गिरा दिया. शब ने राष्ट्रपति के अपने व्यवसायों से अलग होने में नाकाम रहने के मुद्दे पर 2017 में राष्ट्रपति ट्रंप प्रशासन से टकराव के बाद पद छोड़ दिया था.'
इस बीच, यरूशलेम से विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी अधिवेशन में दिखाई दिए. वे वहां विदेश विभाग के काम से आधिकारिक दौरे पर थे.
कई रिपब्लिकन प्रशासन में सेवा कर चुके और विदेश संबंधों पर परिषद के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे रिचर्ड हास को चुनाव अभियान का भाषण तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए ट्वीट किया, 'यदि विश्वास करने के लिए हमारे सहयोगी हैं और सम्मान करने के लिए विरोधी तो अमेरिकी विदेश नीति में निरंतरता का होना जरूरी है. विदेश नीति की आलोचना करने से निरंकुश उतार-चढ़ाव और द्विदलीय समर्थन के कम होने की संभावना बढ़ जाती है.
डॉ. सिंह के अनुसार, ट्रंप ने हैच अधिनियम का भले ही उल्लंघन नहीं किया हो, लेकिन वह अमेरिकी सरकार को चलाने के मानदंडों के उल्लंघन के लिए दोषी हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि ट्रंप ने देश को ट्वीट के जरिए चलाने की कोशिश की है, जो अमेरिकी सरकार को चलाने के सभी ऐतिहासिक मानदंडों का उल्लंघन है. उन्होंने कोरोना वायरस के संबंध में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की अनदेखी की है और जीवन और मौत के इतने महत्वपूर्ण मामले में वैज्ञानिक राय पर अपनी व्यक्तिगत राय दी है. डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि ओबामा ने जो अमेरिकी नैतिक नेतृत्व प्रदान किया था, ट्रंप के प्रशासन के तहत उसमें तेजी से गिरावट आई है.
(अरुणिम भुयान)