नई दिल्ली/फरीदाबाद: भले ही केंद्र सरकार और राज्य सरकारें दावा कर रही हो कि कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी नहीं काट पाएंगी, लेकिन कोरोना के इस दौर में कुछ कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी भी काट रही है और उनको कंपनी से निकाल भी रही है. ताजा मामला फरीदाबाद में सामने आया है, जहां पर वीनस नामक कंपनी ने अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान वेतन नहीं दिया.
1500 कर्मचारियों का नहीं दिया वेतन
लगभग 1500 कर्मचारियों का वेतन ना देने का मामला लेबर कमिश्नर के कार्यालय पहुंच गया है. वेतन ना मिलने से नाराज सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी लेबर कमिश्नर ऑफिस पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराकर वेतन न मिलने की शिकायत लेबर कमिश्नर के कार्यालय में की. इन कर्मचारियों में से कुछ कर्मचारियों को कंपनी ने लॉकडाउन के बाद काम शुरू होने पर वापस काम पर भी बुलाया लेकिन अब उन लोगों को भी उनके काम का वेतन नहीं मिला है.
बता दें कि, इस कंपनी के फरीदाबाद में अलग-अलग स्थानों पर तीन प्लांट हैं. जिनमें लगभग 1500 कर्मचारी काम करते हैं. लॉकडाउन लगने के बाद जब काम बंद हुआ तो सभी प्लांट बंद हो गए, लेकिन कुछ ही समय बाद जब प्लांट फिर से चलने लगे तो इन लोगों को वापस काम पर बुलाया गया. इनमें से कुछ लोगों को तो कंपनी ने काम पर रख लिया, लेकिन बाकी कर्मचारियों को भ्रम की स्थिति में रखकर उनसे काम निकलवाया गया. जिसके बाद अब इन्होंने कंपनी संचालकों से अपने वेतन की मांग की तो इनको कंपनी से बाहर निकाल दिया गया.
बिना वेतन काम कराकर अब कंपनी से निकाला
कंपनी में काम करने वाले मजदूरों की यूनियन के लोगों ने बताया कि कंपनी संचालक उनको पैसे आज कल देने का बहाना लगाकर काम करवाते रहे और जब उनका काम पूरा हो गया तो उन्होंने कंपनी का काम बंद कराकर सभी को बाहर निकाल दिया. ऐसे में उन लोगों को भी पैसा नहीं मिला है जो लोग कंपनी द्वारा पास बनवाकर काम के लिए बुलाए गए थे. वह लोग भी अपने पैसे की मांग कर रहे हैं.
कर्मचारियों ने बताया कि पैसा ना मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. जब भी वह संचालकों से पैसे की बात करते थे तो संचालक उनको पैसे देने का आश्वासन कहकर टाल देते थे, लेकिन अब उनसे स्पष्ट मना कर दिया गया है जिसके बाद वह लेबर कमिश्नर ऑफिस पहुंचे हैं, लेकिन यहां भी उनको समस्या का कोई समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है.