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Hello taxi scam: सुंदर सिंह भाटी गिरफ्तार, कंपनी में था नेटवर्किंग इंचार्ज - हेलो टैक्सी घोटाला ईओडब्ल्यू डिफेंस कॉलोनी ईओडब्ल्यू सुंदर सिंह भाटी

ईओडब्ल्यू ने हेलो टैक्सी के नाम पर करोड़ों रुपये एकत्रित कर फरार हुए आरोपी सुंदर सिंह भाटी को को गिरफ्तार कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी डिफेंस कॉलोनी से हुई. वह कंपनी में बतौर नेटवर्किंग इंचार्ज काम करता था.

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आर्थिक अपराध शाखा
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Published : Dec 10, 2020, 3:47 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 3:56 PM IST

नई दिल्लीः हेलो टैक्सी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये एकत्रित कर फरार हुए आरोपी को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने डिफेंस कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया है. उलकी पहचान सुंदर सिंह भाटी के रूप में की गई है. वह कंपनी में बतौर नेटवर्किंग इंचार्ज काम करता था. उसका काम लोगों को फंसाने का था. उस पर दिल्ली पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

सुंदर सिंह भाटी गिरफ्तार

गुप्त सूचना के आधार पर किया गया गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में राजेश महतो, विजय मैनन एवं सरोज महापात्रा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. ये सभी फिलहाल जेल में हैं. वहीं, सुंदर सिंह भाटी की तलाश में डीसीपी उर्विजा गोयल की देखरेख में एसीपी नगीन कौशिक और एसआई शिवदेव की टीम काम कर रही थी. उसे पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर डिफेंस कालोनी से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने शुरुआत में कुछ लोगों को पैसे दिए, ताकि विश्वास जम सके. मार्च 2019 के बाद कंपनी ने लोगों को पैसे देने बंद कर दिए थे.

डेरी व प्रॉपर्टी का काम कर चुका है सुंदर
आरोपी सुंदर भाटी हेलो टैक्सी में नेटवर्किंग इंचार्ज था. ठगी करने वाले साजिशकर्ताओं में वह मुख्य किरदार था. वह पहले परिवार के साथ डेरी का कारोबार संभालता था. इसके बाद नोएडा के दादरी इलाके में प्रॉपर्टी का कारोबार करने लगा. वर्ष 2007 में वह मल्टी लेवल मार्केटिंग का कारोबार करने लगा. 2011 में उसने एक कंपनी बनाई और लोगों को ठगी की योजनाओं में मदद करने लगा. वह ऐसी योजनाओं में लोगों के रुपए लगवाता था, जिसमें आसानी से ठगा जा सके. पुलिस से बचने के लिए वह लगातार ठिकाने बदल रहा था.

200 फीसदी का झांसा देकर था फंसाया
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार, धर्मेंद्र नामक शिकायतकर्ता ने अन्य लोगों के साथ एसएमपी इंपैक्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने शिकायत में बताया था कि रोहिणी सेक्टर-16 में कंपनी ने हेलो टैक्सी के नाम से दफ्तर खोला था. साथ ही साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में भी दफ्तर था. इसके डायरेक्टर सरोज महापात्रा, राजेश महतो, विजय मेनन, सुंदर भाटी, हरीश भाटी एवं अन्य लोग थे. उन्होंने योजना में 200 फीसदी के मुनाफे का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपये एकत्रित किए और फरार हो गए. पीड़ितों को ना मुनाफा मिला और ना ही निवेश की गई रकम वापस मिली.

Sundar Singh Bhati
सुंदर सिंह भाटी
अब तक लगभग 350 लोग दर्ज करा चुके हैं शिकायतपीड़ित की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने 2019 में एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद पुलिस के पास अब तक लगभग 350 शिकायतकर्ता आ चुके हैं. उन्होंने बताया कि 10 करोड़ रुपये कंपनी को दे चुके हैं. कंपनी के सभी आरोपी मोटी रकम एकत्रित करने के धीरे-धीरे ऑफिस बंद कर फरार हो गए थे. उनके खिलाफ दिल्ली के अलावा राजस्थान और यूपी में भी मामले दर्ज हैं. ईओडब्ल्यू ने जब इनका बैंक अकाउंट फ्रीज किया, तो उसमें 3.27 करोड रुपये थे. वहीं, 92 नई गाड़ियां भी जब्त की गई हैं. इनकी कीमत पांच करोड़ रुपये भी से ज्यादा हैं. बता दें कि कंपनी ने आरबीआई या सेबी से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली थी.

नई दिल्लीः हेलो टैक्सी के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये एकत्रित कर फरार हुए आरोपी को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने डिफेंस कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया है. उलकी पहचान सुंदर सिंह भाटी के रूप में की गई है. वह कंपनी में बतौर नेटवर्किंग इंचार्ज काम करता था. उसका काम लोगों को फंसाने का था. उस पर दिल्ली पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

सुंदर सिंह भाटी गिरफ्तार

गुप्त सूचना के आधार पर किया गया गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में राजेश महतो, विजय मैनन एवं सरोज महापात्रा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. ये सभी फिलहाल जेल में हैं. वहीं, सुंदर सिंह भाटी की तलाश में डीसीपी उर्विजा गोयल की देखरेख में एसीपी नगीन कौशिक और एसआई शिवदेव की टीम काम कर रही थी. उसे पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर डिफेंस कालोनी से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने शुरुआत में कुछ लोगों को पैसे दिए, ताकि विश्वास जम सके. मार्च 2019 के बाद कंपनी ने लोगों को पैसे देने बंद कर दिए थे.

डेरी व प्रॉपर्टी का काम कर चुका है सुंदर
आरोपी सुंदर भाटी हेलो टैक्सी में नेटवर्किंग इंचार्ज था. ठगी करने वाले साजिशकर्ताओं में वह मुख्य किरदार था. वह पहले परिवार के साथ डेरी का कारोबार संभालता था. इसके बाद नोएडा के दादरी इलाके में प्रॉपर्टी का कारोबार करने लगा. वर्ष 2007 में वह मल्टी लेवल मार्केटिंग का कारोबार करने लगा. 2011 में उसने एक कंपनी बनाई और लोगों को ठगी की योजनाओं में मदद करने लगा. वह ऐसी योजनाओं में लोगों के रुपए लगवाता था, जिसमें आसानी से ठगा जा सके. पुलिस से बचने के लिए वह लगातार ठिकाने बदल रहा था.

200 फीसदी का झांसा देकर था फंसाया
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार, धर्मेंद्र नामक शिकायतकर्ता ने अन्य लोगों के साथ एसएमपी इंपैक्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने शिकायत में बताया था कि रोहिणी सेक्टर-16 में कंपनी ने हेलो टैक्सी के नाम से दफ्तर खोला था. साथ ही साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में भी दफ्तर था. इसके डायरेक्टर सरोज महापात्रा, राजेश महतो, विजय मेनन, सुंदर भाटी, हरीश भाटी एवं अन्य लोग थे. उन्होंने योजना में 200 फीसदी के मुनाफे का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपये एकत्रित किए और फरार हो गए. पीड़ितों को ना मुनाफा मिला और ना ही निवेश की गई रकम वापस मिली.

Sundar Singh Bhati
सुंदर सिंह भाटी
अब तक लगभग 350 लोग दर्ज करा चुके हैं शिकायतपीड़ित की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने 2019 में एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद पुलिस के पास अब तक लगभग 350 शिकायतकर्ता आ चुके हैं. उन्होंने बताया कि 10 करोड़ रुपये कंपनी को दे चुके हैं. कंपनी के सभी आरोपी मोटी रकम एकत्रित करने के धीरे-धीरे ऑफिस बंद कर फरार हो गए थे. उनके खिलाफ दिल्ली के अलावा राजस्थान और यूपी में भी मामले दर्ज हैं. ईओडब्ल्यू ने जब इनका बैंक अकाउंट फ्रीज किया, तो उसमें 3.27 करोड रुपये थे. वहीं, 92 नई गाड़ियां भी जब्त की गई हैं. इनकी कीमत पांच करोड़ रुपये भी से ज्यादा हैं. बता दें कि कंपनी ने आरबीआई या सेबी से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली थी.
Last Updated : Dec 10, 2020, 3:56 PM IST

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