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एरा ग्रुप का डायरेक्टर गिरफ्तार, धोखाधड़ी के 4 मामलों में चल रहा था फरार

आरोपी सुमित भड़ाना ने नोएडा में अपनी कंपनी खोल रखी थी. पुलिस ने उसकी नोएडा कंपनी पर भी छापा मारा, लेकिन वो वहां से भी फरार हो गया था. तब पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से उस पर निगरानी रखनी शुरू कर दी.

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Published : Jul 24, 2019, 2:34 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 3:22 PM IST

एरा ग्रुप के निदेशक को सीआरपार्क पुलिस ने धर दबोचा etv bharat

नई दिल्ली: धोखाधड़ी के आरोप में फरार चल रहे एरा ग्रुप के निदेशक सुमित भड़ाना को सीआर पार्क पुलिस ने धर दबोचा है. उस पर धोखाधड़ी के चार मामले दर्ज थे. साकेत कोर्ट ने भी उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान सुमित भड़ाना के रूप में हुई है.

आरोपी सुमित भड़ाना की कंस्ट्रक्शन कंपनी ने मकान देने का वादा कर कई लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है. दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि शिकायत पर कंपनी की ओर से खरीदारों को जमा रकम के चेक थमा दिए गए, लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए. इस मामले में कंपनी की ओर से निदेशक सुमित भड़ाना अदालत में पेश नही हुआ.

डीसीपी विजय कुमार के मुताबिक अप्रैल में साकेत कोर्ट ने चार मामलों में उसे भगोड़ा घोषित कर सीआर पार्क थाने में चार मुकदमे दर्ज करने के आदेश दिए. सीआर पार्क के एसीपी के देखरेख और एसएचओ विजय सिंह चंदेल के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल देवेंद्र, जय राम और कांस्टेबल अमर लाल की टीम बना कर आरोपी की तलाश शुरू कर थी.

लगातार बदल रहा था ठिकाना

उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन पुलिस से बचने के लिए वो ठिकाना बदलता रहा. आरोपी ने नोएडा में अपनी कंपनी खोल रखी थी. पुलिस ने उसकी नोएडा कंपनी पर भी छापा मारा, लेकिन वो वहां से भी फरार हो गया था. तब पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से उसपर निगरानी रखनी शुरू कर दी. आखिरकर 23 जुलाई को एक सूचना के बाद सर्वोदय एन्क्लेव से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

पूछताछ में पता चला कि सीआर पार्क के अलावा ग्रेटर कैलाश थाने में भी उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए थे. उसके बाद से वो फरार हो गया था. पुलिस उस मामले में भी उसकी तलाश कर रही थी.

नई दिल्ली: धोखाधड़ी के आरोप में फरार चल रहे एरा ग्रुप के निदेशक सुमित भड़ाना को सीआर पार्क पुलिस ने धर दबोचा है. उस पर धोखाधड़ी के चार मामले दर्ज थे. साकेत कोर्ट ने भी उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान सुमित भड़ाना के रूप में हुई है.

आरोपी सुमित भड़ाना की कंस्ट्रक्शन कंपनी ने मकान देने का वादा कर कई लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है. दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने बताया कि शिकायत पर कंपनी की ओर से खरीदारों को जमा रकम के चेक थमा दिए गए, लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए. इस मामले में कंपनी की ओर से निदेशक सुमित भड़ाना अदालत में पेश नही हुआ.

डीसीपी विजय कुमार के मुताबिक अप्रैल में साकेत कोर्ट ने चार मामलों में उसे भगोड़ा घोषित कर सीआर पार्क थाने में चार मुकदमे दर्ज करने के आदेश दिए. सीआर पार्क के एसीपी के देखरेख और एसएचओ विजय सिंह चंदेल के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल देवेंद्र, जय राम और कांस्टेबल अमर लाल की टीम बना कर आरोपी की तलाश शुरू कर थी.

लगातार बदल रहा था ठिकाना

उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन पुलिस से बचने के लिए वो ठिकाना बदलता रहा. आरोपी ने नोएडा में अपनी कंपनी खोल रखी थी. पुलिस ने उसकी नोएडा कंपनी पर भी छापा मारा, लेकिन वो वहां से भी फरार हो गया था. तब पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से उसपर निगरानी रखनी शुरू कर दी. आखिरकर 23 जुलाई को एक सूचना के बाद सर्वोदय एन्क्लेव से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

पूछताछ में पता चला कि सीआर पार्क के अलावा ग्रेटर कैलाश थाने में भी उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए थे. उसके बाद से वो फरार हो गया था. पुलिस उस मामले में भी उसकी तलाश कर रही थी.

Intro:धोखाधड़ी के आरोप में फरार चल रहे एरा गु्रप के निदेशक को सीआरपार्क पुलिस ने धर दबोचा। उस पर धोखाधड़ी के चार मामले दर्ज थे। साकेत कोर्ट ने भी उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। गिरफ्तार आरोपी की पहचान सुमित भाराना के रूप में हुई है।


Body:डीसीपी विजय कुमार के मुताबिक एक नामी कंपनी एरा गु्रप के निदेशक सुमित भाराना के खिलाफ अपै्रल 2019 में साकेत कोर्ट के आदेश के बाद सीआरपार्क थाने में ठगी के चार मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सीआरपार्क के एसीपी के देखरेख व एसएचओ विजय सिंह चंदेल के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल देवेंद्र, जय राम और कांस्टेबल अमर लाल की टीम बनाई गई। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार छापेमारी करती रही। लेकिन पुलिस से बचने के लिए वह अपना लगातार ठिकाना बदलता रहा। उसने नोएडा में अपनी कंपनी खोल रखी थी। लेकिन वहां से भी वह फरार हो गया था। तब पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से उसपर निगरानी रखनी शुरू कर दी। आखिरकर 23 जुलाई को एक सूचना के बाद सर्वोदय एन्क्लेव से गिरफ्तार कर लिया गया।

Conclusion:पूछताछ में पता चला कि सीआरपार्क के अलावा ग्रेटर कैलाश थाने में भी उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हुये थे। उसके बाद से वह फरार हो गया था। पुलिस उस मामले में भी उसकी तलाश कर रही थी।
Last Updated : Jul 24, 2019, 3:22 PM IST
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