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2 बांग्लादेशी डकैतों को क्राइम ब्रांच ने दबोचा, देश भर में दे चुका है 100 से ज्यादा लूट को अंजाम

पुलिस ने इनके पास से एक कट्टा, ताला तोड़ने के औजार और कर्नाटक से लूटी गई सोने की एक चेन बरामद की है. बता दें कि यह गैंग अब तक भारत में 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुका है.

क्राइम ब्रांच ने 2 बांग्लादेशी डकैतों को किया गिरफ्तार ETV BHARAT
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Published : Aug 7, 2019, 6:21 AM IST

नई दिल्ली: पॉश कालोनियों में जाकर घर में डकैती डालने वाले बांग्लादेशी डकैतों के एक गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है. कर्नाटक में डकैती के दौरान 72 वर्षीय बुजुर्ग की हत्या कर फरार हुए दो बदमाशों को सराय काले खां से गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने इनके पास से एक कट्टा, ताला तोड़ने के औजार और कर्नाटक से लूटी गई सोने की एक चेन बरामद की है. बता दें कि यह गैंग अब तक भारत में 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुका है.

क्राइम ब्रांच ने 2 बांग्लादेशी डकैतों को किया गिरफ्तार

डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक के अनुसार बीते 21 जनवरी की रात हथियार से लैस आधा दर्जन बदमाशों ने चेहरे पर मास्क पहनकर कर्नाटक के एक घर में डकैती डाली थी. उन्होंने वहां पर फार्मेसी के मालिक 72 वर्षीय वेंकन बनावी की चादर से गला दबाकर हत्या कर दी थी. बदमाशों ने उनकी पत्नी पर भी हमला किया और घर में रखी नकदी, गहने और कीमती सामान लेकर फरार हो गए. जिस जगह वारदात हुई वह कर्नाटक के हुबली का सबसे पॉश इलाका राजनगर था. बदमाशों ने लगभग 90 मिनट तक इस घर में वारदात की और यहां पर बैठकर नाश्ता भी किया. इस वारदात के चलते इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ था.

सराय काले खां से पकड़े गए डकैत

डीसीपी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एसटीएफ ने कुछ समय पहले बांग्लादेशी डकैतों के दो गैंग पकड़े थे. पहला गैंग नवंबर 2018 में पकड़ा गया जिसमें पांच बांग्लादेशी बदमाश शामिल थे.

वहीं बीते मई माह में इस टीम ने तीन बांग्लादेशी डकैतों को गिरफ्तार किया था. एसटीएफ के एसीपी पंकज सिंह की देखरेख में इस बांग्लादेशी गैंग को लेकर भी काम शुरू किया गया. उन्हें पता चला कि मानिक उर्फ इमरान कर्नाटक हुबली में हुई वारदात में शामिल है. वह न केवल कर्नाटक बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में जाकर वारदात करता है. क्राइम ब्रांच की टीम ने एक गुप्त सूचना पर सराय काले खां बस स्टॉप के पास से इस गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए.

100 से ज्यादा वारदातों को दिया हैं अंजाम

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आलमगीर और मानिक के रूप में की गई. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह बांग्लादेश के रहने वाले हैं. अब तक 100 से ज्यादा डकैती की वारदातों को उन्होंने भारत में अंजाम दिया है.

पुलिस ने बताया कि ये दिल्ली- एनसीआर के कई मामलों में अदालत उन्हें सजा भी सुना चुकी है. आरोपियों ने बताया कि वह बनापोल बॉर्डर के रास्ते अवैध तरीके से भारत में दाखिल होते हैं. पॉश कालोनियों के घर से में घुसकर वह वारदात करते हैं. वारदात के तुरंत बाद वह राज्य को छोड़कर फरार हो जाते हैं. लूट के माल को लेकर वह बांग्लादेश जाते हैं और वहां पर इसका बंटवारा करते हैं.

दशक से भी ज्यादा समय से हैं सक्रिय

आरोपी मानिक ने पुलिस को बताया है कि वह पहली बार अपनी मां और बहन के साथ वर्ष 1996 में भारत आया था. यहां आने के बाद पहले उसने छोटी-छोटी वारदातों को अंजाम दिया. वर्ष 2001 में पहली बार उसे गिरफ्तार किया था. वर्ष 2005 में वह पुलिस हिरासत से फरार हो गया था.

वहीं दूसरा आरोपी आलमगीर पहली बार 15 साल पहले भारत आया था. वर्ष 2007 में उसे चोरी के मामले में सराय रोहिल्ला पुलिस ने पहली बार गिरफ्तार किया था. वर्ष 2010 में आनंद विहार इलाके में उसने एक डकैती को अंजाम दिया था. इस मामले में जमानत मिलने के बाद वह बांग्लादेश फरार हो गया था. अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था.

नई दिल्ली: पॉश कालोनियों में जाकर घर में डकैती डालने वाले बांग्लादेशी डकैतों के एक गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है. कर्नाटक में डकैती के दौरान 72 वर्षीय बुजुर्ग की हत्या कर फरार हुए दो बदमाशों को सराय काले खां से गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने इनके पास से एक कट्टा, ताला तोड़ने के औजार और कर्नाटक से लूटी गई सोने की एक चेन बरामद की है. बता दें कि यह गैंग अब तक भारत में 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुका है.

क्राइम ब्रांच ने 2 बांग्लादेशी डकैतों को किया गिरफ्तार

डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक के अनुसार बीते 21 जनवरी की रात हथियार से लैस आधा दर्जन बदमाशों ने चेहरे पर मास्क पहनकर कर्नाटक के एक घर में डकैती डाली थी. उन्होंने वहां पर फार्मेसी के मालिक 72 वर्षीय वेंकन बनावी की चादर से गला दबाकर हत्या कर दी थी. बदमाशों ने उनकी पत्नी पर भी हमला किया और घर में रखी नकदी, गहने और कीमती सामान लेकर फरार हो गए. जिस जगह वारदात हुई वह कर्नाटक के हुबली का सबसे पॉश इलाका राजनगर था. बदमाशों ने लगभग 90 मिनट तक इस घर में वारदात की और यहां पर बैठकर नाश्ता भी किया. इस वारदात के चलते इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ था.

सराय काले खां से पकड़े गए डकैत

डीसीपी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एसटीएफ ने कुछ समय पहले बांग्लादेशी डकैतों के दो गैंग पकड़े थे. पहला गैंग नवंबर 2018 में पकड़ा गया जिसमें पांच बांग्लादेशी बदमाश शामिल थे.

वहीं बीते मई माह में इस टीम ने तीन बांग्लादेशी डकैतों को गिरफ्तार किया था. एसटीएफ के एसीपी पंकज सिंह की देखरेख में इस बांग्लादेशी गैंग को लेकर भी काम शुरू किया गया. उन्हें पता चला कि मानिक उर्फ इमरान कर्नाटक हुबली में हुई वारदात में शामिल है. वह न केवल कर्नाटक बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में जाकर वारदात करता है. क्राइम ब्रांच की टीम ने एक गुप्त सूचना पर सराय काले खां बस स्टॉप के पास से इस गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए.

100 से ज्यादा वारदातों को दिया हैं अंजाम

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आलमगीर और मानिक के रूप में की गई. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह बांग्लादेश के रहने वाले हैं. अब तक 100 से ज्यादा डकैती की वारदातों को उन्होंने भारत में अंजाम दिया है.

पुलिस ने बताया कि ये दिल्ली- एनसीआर के कई मामलों में अदालत उन्हें सजा भी सुना चुकी है. आरोपियों ने बताया कि वह बनापोल बॉर्डर के रास्ते अवैध तरीके से भारत में दाखिल होते हैं. पॉश कालोनियों के घर से में घुसकर वह वारदात करते हैं. वारदात के तुरंत बाद वह राज्य को छोड़कर फरार हो जाते हैं. लूट के माल को लेकर वह बांग्लादेश जाते हैं और वहां पर इसका बंटवारा करते हैं.

दशक से भी ज्यादा समय से हैं सक्रिय

आरोपी मानिक ने पुलिस को बताया है कि वह पहली बार अपनी मां और बहन के साथ वर्ष 1996 में भारत आया था. यहां आने के बाद पहले उसने छोटी-छोटी वारदातों को अंजाम दिया. वर्ष 2001 में पहली बार उसे गिरफ्तार किया था. वर्ष 2005 में वह पुलिस हिरासत से फरार हो गया था.

वहीं दूसरा आरोपी आलमगीर पहली बार 15 साल पहले भारत आया था. वर्ष 2007 में उसे चोरी के मामले में सराय रोहिल्ला पुलिस ने पहली बार गिरफ्तार किया था. वर्ष 2010 में आनंद विहार इलाके में उसने एक डकैती को अंजाम दिया था. इस मामले में जमानत मिलने के बाद वह बांग्लादेश फरार हो गया था. अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था.

Intro:नई दिल्ली
पॉश कालोनियों में जाकर घर में डकैती डालने वाले बांग्लादेशी डकैतों के एक गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है. कर्नाटक में डकैती के दौरान 72 वर्षीय बुजुर्ग की हत्या कर फरार हुए दो बदमाशों को सराय काले खां से गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से एक कट्टा, ताला तोड़ने के औजार एवं कर्नाटक से लूटी गई सोने की एक चेन बरामद हुई है. यह गैंग अब तक भारत में 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुका है.


Body:डीसीपी जी. रामगोपाल नाइक के अनुसार बीते 21 जनवरी की रात हथियार से लैस आधा दर्जन बदमाशों ने चेहरे पर मास्क पहनकर कर्नाटक के एक घर में डकैती डाली थी. उन्होंने वहां पर फार्मेसी के मालिक 72 वर्षीय वेंकन बनावी की चाद्दर से गला दबाकर हत्या कर दी थी. बदमाशों ने उनकी पत्नी पर भी हमला किया और घर में रखी नकदी, गहने एवं कीमती सामान लेकर फरार हो गए. जिस जगह वारदात हुई वह कर्नाटक के हुबली का सबसे पॉश इलाका राजनगर था. बदमाशों ने लगभग 90 मिनट तक इस घर में वारदात की और यहां पर बैठकर नाश्ता भी किया. इस वारदात के चलते इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ था.


सराय काले खां से पकड़े गए डकैत
डीसीपी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एसटीएफ ने कुछ समय पहले बांग्लादेशी डकैतों के दो गैंग पकड़े थे. पहला गैंग नवंबर 2018 में पांच बांग्लादेशी बदमाशों का पकड़ा गया था. वहीं बीते मई माह में इस टीम ने तीन बांग्लादेशी डकैतों को गिरफ्तार किया था. एसटीएफ के एसीपी पंकज सिंह की देखरेख में इस बांग्लादेशी गैंग को लेकर भी काम शुरु किया गया. उन्हें पता चला कि मानिक उर्फ इमरान कर्नाटक हुबली में हुई वारदात में शामिल है. वह न केवल कर्नाटक बल्कि देश के विभिन्न राज्यों में जाकर वारदात करता है. क्राइम ब्रांच की टीम ने एक गुप्त सूचना पर सराय काले खां बस स्टॉप के पास से इस गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से एक कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए.



100 से ज्यादा वारदातों को दिया अंजाम
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आलमगीर और मानिक के रूप में की गई. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह बांग्लादेश के रहने वाले हैं. अब तक 100 से ज्यादा डकैती की वारदातों को उन्होंने भारत में अंजाम दिया है. दिल्ली- एनसीआर के कई मामलों में अदालत उन्हें सजा भी सुना चुकी है. आरोपियों ने बताया कि वह बनापोल बॉर्डर के रास्ते अवैध तरीके से भारत में दाखिल होते हैं. पॉश कालोनियों के घर से में घुसकर वह वारदात करते हैं. वारदात के तुरंत बाद वह राज्य को छोड़कर फरार हो जाते हैं. लूट के माल को लेकर वह बांग्लादेश जाते हैं और वहां पर इसका बंटवारा करते हैं.





Conclusion:दशक से भी ज्यादा समय से हैं सक्रिय
मानिक ने पुलिस को बताया है कि वह पहली बार अपनी मां और बहन के साथ वर्ष 1996 में।भारत आया था. यहां आने के बाद पहले उसने छोटी-छोटी वारदातों को अंजाम दिया. वर्ष 2001 में पहली बार उसे गिरफ्तार किया था. वर्ष 2005 में वह पुलिस हिरासत से फरार हो गया था. दूसरा आरोपी आलमगीर पहली बार 15 साल पहले भारत आया था. वर्ष 2007 में उसे चोरी के मामले में सराय रोहिल्ला पुलिस ने पहली बार गिरफ्तार किया था. वर्ष 2010 में आनंद विहार इलाके में उसने एक डकैती को अंजाम दिया था. इस मामले में जमानत मिलने के बाद वह बांग्लादेश फरार हो गया था. अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था.
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