नई दिल्लीः जामिया नगर से डेढ़ साल की एक बच्ची को अगवा करने वाले दंपति को क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से अगवा की गई बच्ची को पुलिस ने बरामद कर लिया है. आरोपियों ने भीख मांगने के मकसद से इस बच्ची को अगवा किया था. बच्ची को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है.
डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार 3 अक्टूबर को जामिया नगर में रहने वाली आशिया खातून ने अपनी डेढ़ साल की बेटी के अगवा होने की शिकायत की थी. उसने बताया कि 2 अक्टूबर की शाम वह घर के बाहर बच्चों के साथ खेल रही थी. उसी दौरान बच्ची अचानक गायब हो गई. उसने बच्ची के अपहरण की आशंका जताते हुए अपहरण का मामला जामिया नगर थाने में दर्ज कराया. पुलिस टीम ने आसपास बच्ची की तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका. इसके बाद मामले की जांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के एसीपी एसके गुलिया की देखरेख में इंस्पेक्टर महेश पांडे की टीम ने शुरू की.
जोगाबाई इलाके से बरामद हुई बच्ची
पुलिस टीम ने बच्ची के बारे में जानकारी एकत्रित की और आसपास के इलाके में बच्चे की तलाश शुरू की. इस दौरान हवलदार संदीप और अमरजीत सिंह को यह बच्ची जोगाबाई एक्सटेंशन में मोहम्मद अली एवं उसकी पत्नी जहांआरा के पास मिल गई. यह बच्ची पुलिस की मौजूदगी में मां को सौंप दी गई. पूछताछ के दौरान मोहम्मद अली ने पत्नी के साथ मिलकर बच्ची को अगवा करने की बात कबूल कर ली. उन्होंने बच्ची को भीख मांगने के लिए अगवा किया था.
नेत्रहीन है बच्ची का पिता, भीख मांग कर करते हैं गुजारा
पुलिस के अनुसार बच्ची के परिजन बिहार के बेगूसराय निवासी हैं. वह काफी समय से जामिया नगर के किराए के मकान में रहते हैं. बच्ची का पिता नेत्रहीन है. बच्ची के माता-पिता भीख मांग कर गुजारा करते हैं. उन्हें जब बच्ची के लापता होने का पता चला तो वह काफी परेशान थे. उन्होंने कई मस्जिदों से इसका ऐलान भी करवाया था, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं मिला.
1004 लापता लोगों को तलाशा
डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार वर्ष 2020 में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा कुल 1004 लापता एवं अगवा हुए लोगों को बरामद किया गया है. इनमें से 102 नाबालिक लड़के एवं 107 नाबालिक लड़कियां शामिल हैं. क्राइम ब्रांच की यह टीम लगातार लापता हुए लोगों की तलाश में जुटी हुई है.