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दिल्ली हिंसा मामला: उमर खालिद समेत दूसरे आरोपियों की जमानत याचिका पर दिसंबर में होगी सुनवाई - DELHI RIOTS CASE

-उमर खालिद की जमानत याचिका पर 6 दिसंबर को होगी सुनवाई. -जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिया आदेश.

उमर खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया गया था'
उमर खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल चलाया गया था' (File Photo ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 25, 2024, 9:49 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 6 दिसंबर को सुनवाई करेगा. साथ ही गुलफिशा फातिमा और खालिद सैफी की याचिकाओं पर भी उसी दिन सुनवाई की जाएगी. वहीं शरजील इमाम की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट 12 दिसंबर को सुनवाई करेगा. जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया. उमर खालिद की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने 24 जुलाई को नोटिस जारी किया था. इसके पहले 22 जुलाई को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से जस्टिस अमित शर्मा ने खुद को अलग कर लिया था.

कड़कड़डूमा कोर्ट ने 28 मई को उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से त्रिदिप पेस ने कहा था कि दिल्ली पुलिस चार्जशीट में उमर खालिद के नाम का प्रयोग इस तरह से कर रही है जैसे कोई मंत्र हो. पेस ने कहा था कि चार्जशीट में बार-बार नाम लेने और झूठ बोलने से कोई तथ्य सच साबित नहीं हो जाएगा. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल भी चलाया गया. पेस ने कहा था कि जमानत पर फैसला लेते समय कोर्ट को हर गवाह और दस्तावेज का परीक्षण करना होगा. उन्होंने भीमा कोरेगांव मामले में वर्नोन गोंजाल्वेस और शोमा सेन के मामले का जिक्र करते हुए उमर खालिद की जमानत की मांग की.

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये नहीं कहा जा सकता है कि जांच में कई गड़बड़ियां हैं. ये आरोप मुक्त करने की याचिका नहीं है. इस मामले में उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि मामले के दूसरे आरोपियों के खिलाफ भी गंभीर आरोप हैं और वे जमानत पर हैं. उन्हें तो दिल्ली पुलिस ने आरोपी भी नहीं बनाया था. उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने कहा था कि जिन तथ्यों के आधार पर तीन आरोपियों को जमानत दी गई, वही तथ्य उमर खालिद के साथ भी हैं. उन्होंने समानता के सिद्धांत की बात करते हुए उमर खालिद को जमानत देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ कोई आतंकी कानून की धारा नहीं लगी है.

सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका वापस ली थी: बता दें कि उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले लिया था और कहा था कि अब वे ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वो जेल मे है. इससे पहले 18 अक्टूबर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

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नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट 6 दिसंबर को सुनवाई करेगा. साथ ही गुलफिशा फातिमा और खालिद सैफी की याचिकाओं पर भी उसी दिन सुनवाई की जाएगी. वहीं शरजील इमाम की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट 12 दिसंबर को सुनवाई करेगा. जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया. उमर खालिद की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने 24 जुलाई को नोटिस जारी किया था. इसके पहले 22 जुलाई को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से जस्टिस अमित शर्मा ने खुद को अलग कर लिया था.

कड़कड़डूमा कोर्ट ने 28 मई को उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से त्रिदिप पेस ने कहा था कि दिल्ली पुलिस चार्जशीट में उमर खालिद के नाम का प्रयोग इस तरह से कर रही है जैसे कोई मंत्र हो. पेस ने कहा था कि चार्जशीट में बार-बार नाम लेने और झूठ बोलने से कोई तथ्य सच साबित नहीं हो जाएगा. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल भी चलाया गया. पेस ने कहा था कि जमानत पर फैसला लेते समय कोर्ट को हर गवाह और दस्तावेज का परीक्षण करना होगा. उन्होंने भीमा कोरेगांव मामले में वर्नोन गोंजाल्वेस और शोमा सेन के मामले का जिक्र करते हुए उमर खालिद की जमानत की मांग की.

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये नहीं कहा जा सकता है कि जांच में कई गड़बड़ियां हैं. ये आरोप मुक्त करने की याचिका नहीं है. इस मामले में उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि मामले के दूसरे आरोपियों के खिलाफ भी गंभीर आरोप हैं और वे जमानत पर हैं. उन्हें तो दिल्ली पुलिस ने आरोपी भी नहीं बनाया था. उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने कहा था कि जिन तथ्यों के आधार पर तीन आरोपियों को जमानत दी गई, वही तथ्य उमर खालिद के साथ भी हैं. उन्होंने समानता के सिद्धांत की बात करते हुए उमर खालिद को जमानत देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ कोई आतंकी कानून की धारा नहीं लगी है.

सुप्रीम कोर्ट से जमानत याचिका वापस ली थी: बता दें कि उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले लिया था और कहा था कि अब वे ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वो जेल मे है. इससे पहले 18 अक्टूबर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

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उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई कल

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