नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक के चीफ मैनेजर सहित तीन लोगों को आर्थिक अपराध शाखा ने 2.5 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड में गिरफ्तार किया है. इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बैंक का चीफ मैनेजर ही था. उसने कार धोने वाले शख्स के नाम पर एक फर्जी कंपनी बनाकर 2.5 करोड़ रुपये का लोन उसे दे दिया था. यह रकम इस्तेमाल करने के बाद अकाउंट को एनपीए घोषित कर दिया गया था.
इसकी जांच नवंबर 2018 में आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई. जांच में पता चला कि बैंक के चीफ मैनेजर शैलेंद्र कुमार उपाध्याय को बैंक के कार्य के बारे में अच्छे से जानकारी थी. उसने अंकित सांगवान और सुनील के साथ मिलकर इस अकाउंट को खोला और फर्जी दस्तावेजों पर उन्हें लोन दे दिया. उसमें मौजूद सभी क्रेडिट लिमिट लेने के बाद आरोपी फरार हो गए थे. वास्तव में आरोपी सुनील एक दिहाड़ी मजदूर था, जो कार धोता था. आर्थिक अपराध शाखा के एसीपी अनिल समोटा की देखरेख में इंस्पेक्टर मुकेश कुमार और एसआई निखिल की टीम ने आरोपियों की तलाश शुरू की. पुलिस टीम ने इस मामले में बैंक के चीफ मैनेजर शैलेंद्र कुमार, ट्रक चालक अंकित सांगवान और कार धोने वाले सुनील को गिरफ्तार कर लिया है.
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मुख्य साजिशकर्ता निकला चीफ मैनेजर
गिरफ्तार किया गया शैलेंद्र कुमार पंजाब नेशनल बैंक का एक्स चीफ मैनेजर है. उसने कार धोने वाले सुनील और ड्राइवर अंकित के साथ मिलकर इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था. जांच में पता चला है कि उसने ऐसे कई अन्य मामलों को भी अंजाम दिया था. दूसरा आरोपी अंकित सांगवान सभी फर्जी दस्तावेज तैयार करने में शामिल रहा है. रुपये निकालने की जिम्मेदारी भी उसके पास थी. तीसरा आरोपी सुनील फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने में शामिल रहा है.