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कुवैत ने शुरू की विमान सेवा, भारत समेत सात देशों पर रोक - नागरिकों की आवाजाही

कुवैत सरकार ने पिछले तीन महीने से अधिक समय से बंद विमान सेवाओं को फिर से शुरू करने का एलान किया है. कुवैत सरकार ने एक अगस्त से भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान और फिलीपींस की विमान सेवाएं बंद रखी हैं. इन सात देशों के यात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.

सात देशों पर रोक
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Published : Jul 30, 2020, 11:05 PM IST

नई दिल्ली : कुवैत सरकार ने पिछले तीन महीने से अधिक समय से बंद विमान सेवाओं को फिर से शुरू करने का एलान किया है. कुवैत सरकार ने एक अगस्त से भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान और फिलीपींस की विमान सेवाएं बंद रखी हैं. इन सात देशों के यात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.

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इससे पहले कुवैत की राष्ट्रीय सभा की कानूनी और विधायी समिति ने आप्रवासी कोटा विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है. इसके तहत देश में रह रहे भारतीयों की संख्या देश की आबादी के 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. कुवैत की मौजूदा कुल आबादी 43 लाख है. इनमें कुवैतियों की आबादी 13 लाख है, जबकि प्रवासियों की संख्या 30 लाख है.

मीडिया के रिपोर्ट्स के अनुसार आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय समुदाय की बड़ी आबादी है, जो 14.5 लाख है. पिछले महीने कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबा अल खालिद अल सबा ने प्रवासियों की संख्या 70 प्रतिशत से घटाकर आबादी का 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था.

वहीं कुवैत से लौटे मजदूरों ने बताया कि वो पिछले साढ़े तीन महीने से वो सभी कमरों में बंद थे. वहां मजदूर खाने के लिए दानदाताओं पर निर्भर हैं. ऐसे में उन्हें कई बार भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होना पड़ा.

पढ़ें- दुबई में घरेलू हिंसा की शिकार हुई मेरठ की महिला, भारत से मांगी मदद

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि ये टेम्प्रोरी बैन है जो सिर्फ़ भारत पर नहीं लगाया गया है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है.

नई दिल्ली : कुवैत सरकार ने पिछले तीन महीने से अधिक समय से बंद विमान सेवाओं को फिर से शुरू करने का एलान किया है. कुवैत सरकार ने एक अगस्त से भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, ईरान और फिलीपींस की विमान सेवाएं बंद रखी हैं. इन सात देशों के यात्रियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.

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इससे पहले कुवैत की राष्ट्रीय सभा की कानूनी और विधायी समिति ने आप्रवासी कोटा विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है. इसके तहत देश में रह रहे भारतीयों की संख्या देश की आबादी के 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. कुवैत की मौजूदा कुल आबादी 43 लाख है. इनमें कुवैतियों की आबादी 13 लाख है, जबकि प्रवासियों की संख्या 30 लाख है.

मीडिया के रिपोर्ट्स के अनुसार आठ लाख भारतीयों को कुवैत छोड़ना पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय समुदाय की बड़ी आबादी है, जो 14.5 लाख है. पिछले महीने कुवैत के प्रधानमंत्री शेख सबा अल खालिद अल सबा ने प्रवासियों की संख्या 70 प्रतिशत से घटाकर आबादी का 30 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था.

वहीं कुवैत से लौटे मजदूरों ने बताया कि वो पिछले साढ़े तीन महीने से वो सभी कमरों में बंद थे. वहां मजदूर खाने के लिए दानदाताओं पर निर्भर हैं. ऐसे में उन्हें कई बार भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि ये टेम्प्रोरी बैन है जो सिर्फ़ भारत पर नहीं लगाया गया है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है.

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