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तालिबान ने अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में लड़के-लड़कियों के साथ पढ़ने पर लगाई रोक

अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का आश्वासन देने के कुछ दिनों बाद तालिबान के अधिकारियों ने अशांत हेरात प्रांत में सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालयों में लड़के और लड़कियों के एक साथ पढ़ने पर रोक लगाते हुए इसे समाज में सभी बुराइयों की जड़ बताया.

शिक्षा पर लगी अफगानिस्तान में रोक
शिक्षा पर लगी अफगानिस्तान में रोक
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Published : Aug 21, 2021, 5:43 PM IST

काबुल : अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का आश्वासन देने के कुछ दिनों बाद तालिबान के अधिकारियों ने अशांत हेरात प्रांत में सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालयों में लड़के और लड़कियों के एक साथ पढ़ने पर रोक लगाते हुए इसे समाज में सभी बुराइयों की जड़ बताया.

खामा प्रेस समाचार एजेंसी ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, निजी संस्थानों के मालिकों और तालिबान प्राधकारियों के बीच बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है. अफगानिस्तान में गत सप्ताह सत्ता पर अचानक कब्जा जमाने के बाद से यह तालिबान का पहला फतवा है.

तालिबान का लंबे समय से प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आया था और उन्होंने वादा किया था कि तालिबान इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेगा. विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और निजी शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों के साथ तीन घंटे तक चली बैठक में तालिबान के प्रतिनिधि और अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा प्रमुख मुल्ला फरीद ने कहा कि कोई विकल्प नहीं है और लड़के-लड़कियों का साथ पढ़ना खत्म होना चाहिए.

इसे भी पढ़ेे-अफगानिस्तान में तालिबान शासन से भागने वाले लोगों की पाक झुग्गी बस्ती में संख्या बढ़ी

उन्होंने यह भी कहा कि महिला आध्यापिकाओं को केवल महिला छात्रों को पढ़ाने की अनुमति होगी और वे पुरुष छात्रों नहीं पढ़ाएंगी. फरीद ने सह-शिक्षा को ‘समाज में सभी बुराइयों की जड़’ बताया.

शिक्षाविदों ने बताया कि सरकारी विश्वविद्यालयों पर इस फैसले का असर नहीं पड़ेगा लेकिन निजी संस्थानों को संघर्ष करना पड़ेगा जो पहले ही महिला छात्रों की कमी से जूझ रहे हैं.आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, हेरात में निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में 40,000 छात्र और 2,000 व्याख्याता हैं.

(पीटीआई-भाषा)

काबुल : अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का आश्वासन देने के कुछ दिनों बाद तालिबान के अधिकारियों ने अशांत हेरात प्रांत में सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालयों में लड़के और लड़कियों के एक साथ पढ़ने पर रोक लगाते हुए इसे समाज में सभी बुराइयों की जड़ बताया.

खामा प्रेस समाचार एजेंसी ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, निजी संस्थानों के मालिकों और तालिबान प्राधकारियों के बीच बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है. अफगानिस्तान में गत सप्ताह सत्ता पर अचानक कब्जा जमाने के बाद से यह तालिबान का पहला फतवा है.

तालिबान का लंबे समय से प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आया था और उन्होंने वादा किया था कि तालिबान इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेगा. विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और निजी शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों के साथ तीन घंटे तक चली बैठक में तालिबान के प्रतिनिधि और अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा प्रमुख मुल्ला फरीद ने कहा कि कोई विकल्प नहीं है और लड़के-लड़कियों का साथ पढ़ना खत्म होना चाहिए.

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उन्होंने यह भी कहा कि महिला आध्यापिकाओं को केवल महिला छात्रों को पढ़ाने की अनुमति होगी और वे पुरुष छात्रों नहीं पढ़ाएंगी. फरीद ने सह-शिक्षा को ‘समाज में सभी बुराइयों की जड़’ बताया.

शिक्षाविदों ने बताया कि सरकारी विश्वविद्यालयों पर इस फैसले का असर नहीं पड़ेगा लेकिन निजी संस्थानों को संघर्ष करना पड़ेगा जो पहले ही महिला छात्रों की कमी से जूझ रहे हैं.आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, हेरात में निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में 40,000 छात्र और 2,000 व्याख्याता हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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