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कुर्द प्रशासन ने दमिश्क सरकार के साथ समझौते की घोषणा की

अंकारा के आक्रमण का सामना करने के लिए कुर्द प्रशासन ने दमिश्क सरकार के साथ एक समझौते की घोषणा की है. समझौते के तहत सीरियाई-तुर्की सीमा पर कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) की सहायता के लिए सीरियाई सेना को तैनात किया जा सके. पढ़ें पूरी खबर...

प्रतिकात्मक फोटो
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Published : Oct 14, 2019, 9:05 AM IST

Updated : Oct 14, 2019, 3:25 PM IST

बेरूतः उत्तरी सीरिया में कुर्द प्रशासन ने रविवार को दमिश्क सरकार के साथ एक समझौते की घोषणा की. यह समझौता अंकारा के आक्रमण का सामना करने के लिए तुर्की के साथ सीमा के पास सीरियाई सेना की तैनाती को लेकर है.

कुर्द प्रशासन ने फेसबुक पर पोस्ट करके यह जानकारी दी. कुर्द प्रशासन ने अपने बयान में लिखा, इस आक्रामकता को रोकने और उसका सामना करने के लिए, सीरियाई सरकार के साथ एक समझौता किया गया है. ताकि सीरियाई-तुर्की सीमा पर कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) की सहायता के लिए सीरियाई सेना को तैनात किया जा सके.

समझौते के बारे में जानकारी तब आई जब सीरिया की राज्य समाचार एजेंसी साना ने कहा कि सेना 'तुर्की की आक्रामकता का सामना करने के लिए' उत्तर की ओर सेना भेज रही थी.

पढ़ें-तुर्की और कुर्दों की लड़ाई में सीरियाई शिविर से भागे IS आतंकियों के सैकड़ों रिश्तेदार

सीरिया के अल्पसंख्यक कुर्द ने 2011 में विनाशकारी युद्ध शुरू होने के बाद देश के लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र में एक वास्तविक स्वायत्त क्षेत्र बनाया है.

आपको बता दें, जब 2014 में इस्लामिक स्टेट जिहादी समूह ने हमला किया तो कुर्द नेतृत्व वाले एसडीएफ ने अपने क्षेत्र का बचाव किया और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन का मुख्य भागीदार बन गया.

कुर्द लोगों को लगता है कि उन्हें उनके सहयोगी, संयुक्त राज्य अमेरिका ने धोखा दिया गया है और उन्हें तुर्की बलों के खिलाफ लड़ाई में लड़ने के लिए छोड़ दिया है.

एसडीएफ प्रमुख मजलूम आब्दी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका की सीरिया के लिए एक राजनीतिक समाधान प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका थी.

दमिश्क ने कुर्दों पर वाशिंगटन के साथ उनके गठबंधन को लेकर देशद्रोह का आरोप लगाया है. वह उनके स्व-शासन को खारिज करना चाहता है ताकी कुर्द क्षेत्रों में, विशेष रूप से पूर्व में तेल-समृद्ध क्षेत्रों में केंद्र सरकार बहाल हो सके.

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है उसका उद्देश्य एक 'सुरक्षा क्षेत्र' स्थापित करना है.

बेरूतः उत्तरी सीरिया में कुर्द प्रशासन ने रविवार को दमिश्क सरकार के साथ एक समझौते की घोषणा की. यह समझौता अंकारा के आक्रमण का सामना करने के लिए तुर्की के साथ सीमा के पास सीरियाई सेना की तैनाती को लेकर है.

कुर्द प्रशासन ने फेसबुक पर पोस्ट करके यह जानकारी दी. कुर्द प्रशासन ने अपने बयान में लिखा, इस आक्रामकता को रोकने और उसका सामना करने के लिए, सीरियाई सरकार के साथ एक समझौता किया गया है. ताकि सीरियाई-तुर्की सीमा पर कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) की सहायता के लिए सीरियाई सेना को तैनात किया जा सके.

समझौते के बारे में जानकारी तब आई जब सीरिया की राज्य समाचार एजेंसी साना ने कहा कि सेना 'तुर्की की आक्रामकता का सामना करने के लिए' उत्तर की ओर सेना भेज रही थी.

पढ़ें-तुर्की और कुर्दों की लड़ाई में सीरियाई शिविर से भागे IS आतंकियों के सैकड़ों रिश्तेदार

सीरिया के अल्पसंख्यक कुर्द ने 2011 में विनाशकारी युद्ध शुरू होने के बाद देश के लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र में एक वास्तविक स्वायत्त क्षेत्र बनाया है.

आपको बता दें, जब 2014 में इस्लामिक स्टेट जिहादी समूह ने हमला किया तो कुर्द नेतृत्व वाले एसडीएफ ने अपने क्षेत्र का बचाव किया और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन का मुख्य भागीदार बन गया.

कुर्द लोगों को लगता है कि उन्हें उनके सहयोगी, संयुक्त राज्य अमेरिका ने धोखा दिया गया है और उन्हें तुर्की बलों के खिलाफ लड़ाई में लड़ने के लिए छोड़ दिया है.

एसडीएफ प्रमुख मजलूम आब्दी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका की सीरिया के लिए एक राजनीतिक समाधान प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका थी.

दमिश्क ने कुर्दों पर वाशिंगटन के साथ उनके गठबंधन को लेकर देशद्रोह का आरोप लगाया है. वह उनके स्व-शासन को खारिज करना चाहता है ताकी कुर्द क्षेत्रों में, विशेष रूप से पूर्व में तेल-समृद्ध क्षेत्रों में केंद्र सरकार बहाल हो सके.

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है उसका उद्देश्य एक 'सुरक्षा क्षेत्र' स्थापित करना है.

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SYRIA-KURD-DEAL
Kurds announce deal with Damascus on Syria troop deployment near Turkish border
         Beirut, Oct 14 (AFP) The Kurdish administration in northern Syria on Sunday announced a deal with the Damascus government on a Syrian troop deployment near the border with Turkey to confront Ankara's offensive.
         "In order to prevent and confront this aggression, an agreement has been reached with the Syrian government... so that the Syrian army can deploy along the Syrian-Turkish border to assist the (Kurdish-led) Syrian Democratic Forces (SDF)," it said in a statement on its Facebook page.
         The Kurdish administration did not give further details on the agreement or say if it would compromise Kurdish self-rule in the north.
         But the announcement came after Syria's state news agency SANA said the army was sending troops to the north to "confront the Turkish aggression".
         Marginalised for decades, Syria's minority Kurds carved out a de facto autonomous region across some 30 percent of the nation's territory after the devastating war broke out in 2011.
         When the Islamic State jihadist group swept across the region in 2014, the Kurd-led SDF mounted a fierce defence of their heartland and became the US-led coalition's main partner on the ground.
         The Kurds feel they have been betrayed by their once formidable ally, the United States, and left to fend for themselves in the battle against Turkish forces.
         In an opinion piece published Sunday in Foreign Policy, SDF chief Mazlum Abdi said the United States had an "important role in achieving a political solution for Syria".
         "We... are not asking for American soldiers to be in combat... We are sure that Washington has sufficient leverage to mediate a sustainable peace between us and Turkey."
          On Sunday Turkish forces and their proxies pushed deeper into Syria, on the fifth day of the offensive, as Washington announced it was withdrawing its 1,000 troops from the country's north.
         "In light of the invasion by Turkey and the existential threat its attack poses for our people, we may have to reconsider our alliances," he said.
Abdi said Syria's government and their Russian allies "have made proposals that could save the lives of millions of people who live under our protection.
         "We do not trust their promises. To be honest, it is hard to know whom to trust," he said.
         But he said that if the Kurds were forced to choose between "compromise and the genocide of our people, we will surely choose life for our people".
         Damascus, which has accused the Kurds of treason over their alliance with Washington, rejects their self-rule and wants central government institutions restored in Kurdish-held areas, especially in the oil-rich east.
         According to the Rami Abdel Rahman, head of the Syrian Observatory for Human Rights war monitor, the Kurdish administration and the SDF "made compromises to Syria in order to stop the advance of the Turkish forces in the north".
         In Sunday's statement, the Kurdish administration said the deal struck with Damascus "paves the way to liberate the rest of the Syrian cities occupied by the Turkish army such as Afrin", a majority Kurdish enclave in the northwest.
         Turkey's President Recep Tayyip Erdogan said the aim of the operation -- which has sparked an international outcry -- was to establish a "security zone" that would extend 30 to 35 kilometres (20 to 25 miles) into Syria and run from Kobane to Hasakeh -- a stretch of 440 kilometres.
         Since it was launched on Wednesday, the Turkish offensive has killed dozens of civilians and fighters and forced tens of thousand of Syrians to flee their homes. (AFP)


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Last Updated : Oct 14, 2019, 3:25 PM IST
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