बेरूतः उत्तरी सीरिया में कुर्द प्रशासन ने रविवार को दमिश्क सरकार के साथ एक समझौते की घोषणा की. यह समझौता अंकारा के आक्रमण का सामना करने के लिए तुर्की के साथ सीमा के पास सीरियाई सेना की तैनाती को लेकर है.
कुर्द प्रशासन ने फेसबुक पर पोस्ट करके यह जानकारी दी. कुर्द प्रशासन ने अपने बयान में लिखा, इस आक्रामकता को रोकने और उसका सामना करने के लिए, सीरियाई सरकार के साथ एक समझौता किया गया है. ताकि सीरियाई-तुर्की सीमा पर कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस (SDF) की सहायता के लिए सीरियाई सेना को तैनात किया जा सके.
समझौते के बारे में जानकारी तब आई जब सीरिया की राज्य समाचार एजेंसी साना ने कहा कि सेना 'तुर्की की आक्रामकता का सामना करने के लिए' उत्तर की ओर सेना भेज रही थी.
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सीरिया के अल्पसंख्यक कुर्द ने 2011 में विनाशकारी युद्ध शुरू होने के बाद देश के लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्र में एक वास्तविक स्वायत्त क्षेत्र बनाया है.
आपको बता दें, जब 2014 में इस्लामिक स्टेट जिहादी समूह ने हमला किया तो कुर्द नेतृत्व वाले एसडीएफ ने अपने क्षेत्र का बचाव किया और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन का मुख्य भागीदार बन गया.
कुर्द लोगों को लगता है कि उन्हें उनके सहयोगी, संयुक्त राज्य अमेरिका ने धोखा दिया गया है और उन्हें तुर्की बलों के खिलाफ लड़ाई में लड़ने के लिए छोड़ दिया है.
एसडीएफ प्रमुख मजलूम आब्दी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका की सीरिया के लिए एक राजनीतिक समाधान प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका थी.
दमिश्क ने कुर्दों पर वाशिंगटन के साथ उनके गठबंधन को लेकर देशद्रोह का आरोप लगाया है. वह उनके स्व-शासन को खारिज करना चाहता है ताकी कुर्द क्षेत्रों में, विशेष रूप से पूर्व में तेल-समृद्ध क्षेत्रों में केंद्र सरकार बहाल हो सके.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है उसका उद्देश्य एक 'सुरक्षा क्षेत्र' स्थापित करना है.