जिब्राल्टर: ईरानी सुपरटैंकर के एजेंट ने बताया कि जहाज जिब्राल्टर से रवाना होने के लिए तैयार है. आपको बता दें कि जहाज राजनयिक गतिरोध मे फंस गया था और अमेरिका ने जहाज को अंतिम समय तक कब्जे में लेने की कोशिश की.
एजेंट ने कहा कि जैसे ही ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र में भेजा गया नया चालक दल जहाज की कमान संभाल लेता है, जहाज को रवाना कर दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि नए चालक दल में भारतीय और यूक्रेनी नागरिक हैं जिन्हें जहाज के भारतीय प्रबंधकों द्वारा नियुक्त किया गया है. हालांकि उनकी कंपनी को जहाज के अगले गंतव्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
टैंकर जो 2.1 मिलियन बैरल ईरानी कच्चा तेल लेकर जा रहा है उसको करीब माह भर से जिब्राल्टर में कब्जे में लिया गया है. जहाज पर आरोप है कि उसने सीरिया पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों को तोड़ने का प्रयास किया था.
इस कार्रवाई से लंदन और तेहरान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसने विरोध में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में एक ब्रिटिश-झंडे वाला टैंकर जब्त कर लिया.
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विश्लेषकों का कहना है कि अगर जिब्राल्टर ग्रेस 1 को छोड़ देता है तो ब्रिटिश जहाज एमपरो भी रिहा हो सकता है.
शुक्रवार को रिहाई के बाद अमेरिका ने अमेरिकी प्रतिबंधों के क़ानूनों के उल्लंघन, धन शोधन और आतंकवाद के क़ानूनों के उल्लंघन के आरोप में जहाज को जब्त करने का वारंट प्राप्त कर लिया.
कोर्ट के दस्तावेजों से पता चला कि वाशिंगटन तेल टैंकर पर लदा सारा तेल और 995,000 अमेरिकी डॉलर पर कब्जा कर ना चाहता है.
इसपर जिब्राल्टर के अधिकारियों ने कहा कि जहाज पर कब्जा करने के किसी भी प्रयास को कोर्ट से होकर जाना पड़ेगा.
जहाज को कब्जे में लेने का समय शनिवार को निकला जा रहा था जब जहाज के कर्मचारियों ने जहाज का नाम 'Grace1' से 'Adrian Darya 1' कर दिया.
हालांकि जहाज पर पनामा के झंडे की जगह पर कोई भी झंडा नहीं दिखा.