जेरुसलम : कतर और इजराइल में वैक्सीन के वास्तविक विश्व उपयोग पर आधारित अध्ययनों में पता चला कि वैक्सीन बी 117 के कारण सबसे खराब परिणाम आने को रोक सकता है. इस वैरिएंट को सबसे पहले ब्रिटेन में पहचाना गया और बी 1351 की पहचान पहली बार दक्षिण अफ्रीका में युवा और बुजुर्ग संक्रमितों में की गई.
द लांसेट में प्रकाशित पहले अध्ययन से पता चला कि 16 साल से अधिक उम्र के लोगों के कोविड से संक्रमित होने पर फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दो खुराक अत्यधिक प्रभावी है. इससे संक्रमित व्यक्ति को 95.3 प्रतिशत सुरक्षा मिलती है और दूसरी खुराक लेने के सात दिन बाद मौत होने से रोकने में 96.7 प्रतिशत तक कारगर है.
यह टीका अस्पताल में भर्ती 85 वर्ष या उससे अधिक उम्र के संक्रमित लोगों को मौत से बचाने में 94 प्रतिशत कारगर है. इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने 24 जनवरी और 3 अप्रैल के बीच राष्ट्रीय महामारी निगरानी डेटा का इस्तेमाल कर देश में 232,268 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि की. इनमें सबसे अधिक स्ट्रेन बी 117 से संक्रमित होने के मामले थे.
यह आंकड़ा 94.5 प्रतिशत नमूनों की जांच से निकला गया. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित दूसरे शोध का निष्कर्ष 1 फरवरी से 31 मार्च के बीच कतर के राष्ट्रीय कोविड डेटाबेस पर आधारित है, जिसमें 200,000 से अधिक लोगों के बारे में जानकारी दी गई है.
शोधकर्ताओं ने कई विश्लेषणों में पाया कि टीके 87 से 89.5 प्रतिशत प्रभावी थे. ये उन लोगों में बी 117 के संक्रमण को रोकने में प्रभावी थे, जो दूसरी खुराक कम से कम दो हफ्ते पहले ले चुके थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह टीका दो हफ्तों के भीतर उन लोगों में बी1351 के संक्रमण को रोकने में 72.1 से 75 प्रतिशत तक कारगर पाया गया.
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लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन विभाग के शोधकर्ता एनेलिस वाइल्डर-स्मिथ ने कहा कि इस समय यह बहुत अच्छी खबर है. वैरिएंट को लेकर इस समय फैल रही चिंता के बीच हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि इस वैक्सीन का उपयोग हम कर सकते हैं.