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एनएसओ के स्पाईवेयर से बहरीन के कार्यकर्ताओं की जासूसी : रिपोर्ट

साइबर सुरक्षा निगरानी से जुड़े एक समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इजराइली कंपनी एनएसओ के स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर बहरीन की नौ हस्तियों के फोन हैक किए गए थे.

एनएसओ के स्पाईवेयर से बहरीन
एनएसओ के स्पाईवेयर से बहरीन
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Published : Aug 24, 2021, 10:21 PM IST

रिचमंड (अमेरिका) : इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर को लेकर दुनिया के कई देशों में हड़कंप मचा हुआ है. इसी बीच साइबर सुरक्षा निगरानी से जुड़े एक समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इजराइली कंपनी एनएसओ के स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर बहरीन की नौ हस्तियों के फोन हैक किए गए थे. जिन कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई, उनमें से एक मूसा मोहम्मद हैं जिनका कहना है कि 2012 में भी स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर उनकी जासूसी की गई थी.

मंगलवार को टोरंटो विश्वविद्यालय स्थित सिटिजन लैब ने कहा कि एनएसओ समूह के पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर जून 2020 से फरवरी 2021 के बीच फोन सफलतापूर्वक हैक किए गए.

इसने कहा कि जिन लोगों की जासूसी की गई, उनमें बहरीन मानवाधिकार केंद्र के सदस्य, निर्वासन में रह रहे दो राजनीतिक नेता और लंदन में रह रहा एक कार्यकर्ता शाामिल है.

सिटिजन लैब ने कहा कि उसे 'पूरी तरह लगता है' कि कम से कम चार कार्यकर्ताओं की जासूसी बहरीन सरकार ने की जिसका वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध स्पाईवेयर का इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है.

बता दें कि पेगासस जासूसी (Pegasus Snooping) मामला गत 18-19 अगस्त को सामने आया था. इस संबंध में भारत में कांग्रेस ने गत 19 जुलाई को दावा किया कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.

दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

Pegasus Snooping से जुड़ी अन्य खबरें-

  1. Pegasus Report Congress : प्रियंका बोलीं, निजता पर हमले की आशंका, पार्टी ने जेपीसी जांच की मांग की
  2. Pegasus Snooping : भाजपा बोली- कांग्रेस के आरोप शर्मनाक, मानसून सत्र से ठीक पहले ही क्यों आई रिपोर्ट ?
  3. Pegasus Case पर बोली मोदी सरकार, 'फोन टैपिंग की रिपोर्ट गलत, लीक डेटा में तथ्य सही नहीं'

क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाईवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

(एजेंसी इनपुट)

रिचमंड (अमेरिका) : इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर को लेकर दुनिया के कई देशों में हड़कंप मचा हुआ है. इसी बीच साइबर सुरक्षा निगरानी से जुड़े एक समूह ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इजराइली कंपनी एनएसओ के स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर बहरीन की नौ हस्तियों के फोन हैक किए गए थे. जिन कार्यकर्ताओं की जासूसी की गई, उनमें से एक मूसा मोहम्मद हैं जिनका कहना है कि 2012 में भी स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर उनकी जासूसी की गई थी.

मंगलवार को टोरंटो विश्वविद्यालय स्थित सिटिजन लैब ने कहा कि एनएसओ समूह के पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर जून 2020 से फरवरी 2021 के बीच फोन सफलतापूर्वक हैक किए गए.

इसने कहा कि जिन लोगों की जासूसी की गई, उनमें बहरीन मानवाधिकार केंद्र के सदस्य, निर्वासन में रह रहे दो राजनीतिक नेता और लंदन में रह रहा एक कार्यकर्ता शाामिल है.

सिटिजन लैब ने कहा कि उसे 'पूरी तरह लगता है' कि कम से कम चार कार्यकर्ताओं की जासूसी बहरीन सरकार ने की जिसका वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध स्पाईवेयर का इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है.

बता दें कि पेगासस जासूसी (Pegasus Snooping) मामला गत 18-19 अगस्त को सामने आया था. इस संबंध में भारत में कांग्रेस ने गत 19 जुलाई को दावा किया कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग करके पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.

दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

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क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाईवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

(एजेंसी इनपुट)

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