बर्लिन: रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन एक बार फिर घिरते नजर आ रहे हैं. जर्मन सरकार ने दावा किया है कि रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी के नमूनों के परीक्षण में सोवियत युग के नर्व एजेंट नोविचोक की उपस्थिति दिखाई दी है. नर्व एजेंट एक प्रकार का जहरीला केमिकल होता है. इससे इंसान की मौत तुरंत नहीं होती बल्कि उसके अंग काम करना बंद कर देते हैं और धीरे-धीरे उसकी मौत हो जाती है.
बताया जाता है कि रूस ने नोविचोक को वर्ष 1960-1990 के बीच बनाया था. हालांकि, नर्व एजेंट बनाने वाला रूस इकलौता देश नहीं है. ब्रिटेन से लेकर जर्मनी तक ने नर्व एजेंट बनाया था. सच तो यह है कि जर्मनी ने ही सबसे पहले वर्ष 1930 के आस-पास नर्व एजेंट बनाया था. नोविचोक एक जहरीला केमिकल है, जो पाउडर के अलावा तरल और गैस के रूप में दिया जा सकता है.
एलेक्सी नवालनी रूस के एक राजनेता और भ्रष्टाचार अन्वेषक हैं, जो रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के उग्र आलोचकों में से एक हैं. 20 अगस्त को साइबेरिया से मास्को वापस उड़ान में वे बीमार पड़ गए थे और विमान की आपातकालीन लैंडिंग के बाद उन्हें साइबेरियाई शहर ओमस्क के एक अस्पताल में ले जाया गया था. बाद में उन्हें बर्लिन के चैरिट अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया, जहां डॉक्टरों ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्हें जहर दिया गया था.
चांसलर एंजेला मर्केल के प्रवक्ता स्टीफन सीबेरट ने बुधवार को एक बयान में कहा कि एक विशेष जर्मन सैन्य प्रयोगशाला ने परीक्षण कर इस बात का सबूत दिखाया था कि यह जहर नोविचोक था. अभी कुछ समय पहले ही नर्व एजेंट नोविचोक का इस्तेमाल ब्रिटेन में रहे रहे पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रीपल और उनकी बेटी को जहर देने के लिए किया गया था.