वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि मोरक्को इजराइल के साथ संबंध सामान्य करने पर सहमत हो गया है. इस साल अब्राहम समझौते में शामिल होने वाला मोरक्को चौथा अरब राज्य बन गया है. ट्रंप के निवर्तमान प्रशासन को यह एक महत्वपूर्ण विदेशी लक्ष्य हासिल हुआ है.
ट्रंप ने की घोषणा
ट्रंप ने ट्वीट किया, आज एक और ऐतिहासिक सफलता! हमारे दो महान मित्र इजरायल और मोरक्को साम्राज्य पूर्ण राजनयिक संबंधों के लिए सहमत हुए हैं. मध्य पूर्व में शांति के लिए एक बड़ी सफलता! ट्रंप ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आज मैंने पश्चिमी सहारा पर मोरक्को की संप्रभुता को मान्यता देने वाली एक घोषणा पर हस्ताक्षर किए. मोरक्को का गंभीर, विश्वसनीय और यथार्थवादी स्वायत्तता प्रस्ताव शांति और समृद्धि को बनाए रखने के लिए एक न्यायसंगत और स्थायी समाधान का एकमात्र आधार है.
इजरायल और मोरक्को ने बताया ऐतिहासिक
गुरुवार को ट्रंप की घोषणा के बाद अपनी पहली प्रतिक्रियाओं में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और मोरक्को के शासक मोहम्मद VI ने नवीनतम सामान्यीकरण समझौते की सराहना की. नेतन्याहू ने कहा कि यह शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मध्य पूर्व में आज की तुलना में शांति की रोशनी कभी भी इतनी तेज नहीं हुई है. मैं हमेशा इस शांति में विश्वास करता था और अब यह हमारी आंखों के सामने हो रहा है. मैं इजरायल और मध्य पूर्व में शांति लाने के असाधारण प्रयासों के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को धन्यवाद देना चाहता हूं.
शासक मोहम्मद ने एक बयान में कहा कि संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मोरक्को जल्द ही तीन कदम उठाएगा. उन्होंने पश्चिमी सहारा पर मोरक्को की संप्रभुता को मान्यता देने के लिए ट्रंप को धन्यवाद दिया. मोरक्को के राजा ने उस ऐतिहासिक भूमिका का हवाला दिया, जो मोरक्को ने इस क्षेत्र के लोगों को एक साथ लाने और मध्य पूर्व में सुरक्षा और स्थिरता का समर्थन करने के लिए निभाई थी.
सन 2000 के बाद समाप्त हो गए थे संबंध
शासक मोहम्मद ने कहा कि मोरक्को आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों में नवीन संबंधों को विकसित करने की भी कोशिश करेगा. इस लक्ष्य के हिस्से के रूप में, दोनों देशों में संपर्क कार्यालयों को नवीनीकृत करने पर काम होगा, जैसा कि पिछले कई वर्षों में 2002 तक था. द टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, दोनों राष्ट्रों ने 1990 के दशक के दौरान फिलिस्तीनियों के साथ इजरायल के अंतरिम शांति समझौते के बाद निम्न-स्तरीय राजनयिक संबंध स्थापित किए थे, लेकिन 2000 में दूसरे फिलिस्तीनी विद्रोह के फैलने के बाद उन संबंधों को निलंबित कर दिया गया था.