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सीरिया, इराक, लेबनान में लाखों लोगों के सामने जल संकट : सहायता समूह

अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों ने चेतावनी दी कि बढ़ते तापमान, बारिश की कमी और सूखे के कारण जल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बीच सीरिया और इराक में लाखों लोग पानी, बिजली और भोजन तक पहुंच समाप्त होने के खतरे का सामना कर रहे हैं.

लेबनान जल संकट
लेबनान जल संकट
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Published : Aug 24, 2021, 12:21 AM IST

बेरूत : अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों ने चेतावनी दी कि बढ़ते तापमान, बारिश की कमी और सूखे के कारण जल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बीच सीरिया और इराक में लाखों लोग पानी, बिजली और भोजन तक पहुंच समाप्त होने के खतरे का सामना कर रहे हैं.

समूहों ने कहा कि वर्षों के संघर्ष और कुप्रबंधन से जूझ रहे दोनों पड़ोसी देशों को पानी की गंभीर कमी से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सूखा के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित हो रही है, क्योंकि कम जल स्तर बांधों को प्रभावित करता है और फिर इससे स्वास्थ्य सुविधाओं सहित आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रभावित होता है.

दोनों देशों में 1.2 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हैं. इनमें सीरिया के 50 लाख लोग शामिल हैं जो फरात नदी पर सीधे निर्भर हैं. इराक में फरात नदी और टिग्रिस नदी से मिलने वाले जल तक पहुंच कम होने और सूखे के कारण कम से कम 70 लाख लोगों को खतरा है.

समूहों ने कहा कि लगभग 400 वर्ग किलोमीटर (154 वर्ग मील) कृषि भूमि सूखे का सामना कर रही है. करीब 30 लाख लोगों को बिजली की आपूर्ति करने वाले उत्तरी सीरिया के दो बांध बंद होने के कगार पर है.

आगाह करने वाले सहायता समूहों में शामिल 'नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल' के क्षेत्रीय निदेशक कार्स्टन हैनसेन ने कहा कि सैकड़ों-हजारों इराकी अब भी विस्थापित हैं और सीरिया में कई अपना जीवन बचाने के लिए अब भी पलायन कर रहे हैं, ऐसे में जल संकट 'जल्द ही अभूतपूर्व तबाही बन जाएगा, जिससे विस्थापन और बढ़ेगा.' जल संकट के बारे में आगाह करने वाले अन्य सहायता समूहों में मर्सी कॉर्प्स, डेनिश रिफ्यूजी काउंसिल, केयर इंटरनेशनल, एक्टेड और एक्शन अगेंस्ट हंगर शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें-दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के खिलाफ खतरे मौजूद, लेकिन सरकार हरसंभव कोशिश कर रही : इला गांधी

पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका के लिए केयर की क्षेत्रीय प्रमुख निर्वाण शॉकी ने प्राधिकारियों और दान देने वाली सरकारों से लोगों का जीवन बचाने के लिए त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया.

संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी ने पिछले सप्ताह कहा था कि लेबनान भी गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है, जो पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहा है. लेबनान में 40 लाख की आबादी को आगामी दिनों में भीषण जल संकट का सामना करना होगा.

मुख्य रुप से बच्चे और उनके परिवार भी इससे प्रभावित होंगे. देश में ईंधन संकट भी है, जिससे जेनरेटर भी काम नहीं कर रहे. यूनिसेफ ने जलापूर्ति बहाल करने के लिए बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठीक करने को कहा है. लेबनान की नदियां काफी प्रदूषित हैं. पर्यावरण कार्यकर्ता सीवेज और अपशिष्ट के कारण लितानी नदी में प्रदूषण बढ़ने के बारे में लंबे समय से चेता रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

बेरूत : अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों ने चेतावनी दी कि बढ़ते तापमान, बारिश की कमी और सूखे के कारण जल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के बीच सीरिया और इराक में लाखों लोग पानी, बिजली और भोजन तक पहुंच समाप्त होने के खतरे का सामना कर रहे हैं.

समूहों ने कहा कि वर्षों के संघर्ष और कुप्रबंधन से जूझ रहे दोनों पड़ोसी देशों को पानी की गंभीर कमी से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सूखा के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित हो रही है, क्योंकि कम जल स्तर बांधों को प्रभावित करता है और फिर इससे स्वास्थ्य सुविधाओं सहित आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रभावित होता है.

दोनों देशों में 1.2 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हैं. इनमें सीरिया के 50 लाख लोग शामिल हैं जो फरात नदी पर सीधे निर्भर हैं. इराक में फरात नदी और टिग्रिस नदी से मिलने वाले जल तक पहुंच कम होने और सूखे के कारण कम से कम 70 लाख लोगों को खतरा है.

समूहों ने कहा कि लगभग 400 वर्ग किलोमीटर (154 वर्ग मील) कृषि भूमि सूखे का सामना कर रही है. करीब 30 लाख लोगों को बिजली की आपूर्ति करने वाले उत्तरी सीरिया के दो बांध बंद होने के कगार पर है.

आगाह करने वाले सहायता समूहों में शामिल 'नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल' के क्षेत्रीय निदेशक कार्स्टन हैनसेन ने कहा कि सैकड़ों-हजारों इराकी अब भी विस्थापित हैं और सीरिया में कई अपना जीवन बचाने के लिए अब भी पलायन कर रहे हैं, ऐसे में जल संकट 'जल्द ही अभूतपूर्व तबाही बन जाएगा, जिससे विस्थापन और बढ़ेगा.' जल संकट के बारे में आगाह करने वाले अन्य सहायता समूहों में मर्सी कॉर्प्स, डेनिश रिफ्यूजी काउंसिल, केयर इंटरनेशनल, एक्टेड और एक्शन अगेंस्ट हंगर शामिल हैं.

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पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका के लिए केयर की क्षेत्रीय प्रमुख निर्वाण शॉकी ने प्राधिकारियों और दान देने वाली सरकारों से लोगों का जीवन बचाने के लिए त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया.

संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी ने पिछले सप्ताह कहा था कि लेबनान भी गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है, जो पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहा है. लेबनान में 40 लाख की आबादी को आगामी दिनों में भीषण जल संकट का सामना करना होगा.

मुख्य रुप से बच्चे और उनके परिवार भी इससे प्रभावित होंगे. देश में ईंधन संकट भी है, जिससे जेनरेटर भी काम नहीं कर रहे. यूनिसेफ ने जलापूर्ति बहाल करने के लिए बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठीक करने को कहा है. लेबनान की नदियां काफी प्रदूषित हैं. पर्यावरण कार्यकर्ता सीवेज और अपशिष्ट के कारण लितानी नदी में प्रदूषण बढ़ने के बारे में लंबे समय से चेता रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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