बगदाद : इराक में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की. इसके साथ ही रबर की गोलियां एवं दर्जनों आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इसके बाद मची भगदड़ में 42 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं.
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि लोगों का यह विरोध भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर एक अक्टूबर को शुरू हुआ था. उसके बाद यह विरोध शिया बहुसंख्यक दक्षिणी प्रांतों तक फैल गया और स्थिति संभालने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा और इंटरनेट सेवाएं बाधित करनी पड़ी.
गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह हजारों की संख्या में लोग बगदाद के तहरीर चौक पर एकत्र हुए. उनके हाथों में इराकी झंडे और सुधार की अपील वाली तख्तियां थी. हजारों प्रदर्शनकारियों ने जब अतिसुरक्षित 'ग्रीन जोन' क्षेत्र तक जाने वाले जुम्हूरिया पुल को पार कर लिया तब सुरक्षा बलों ने उन्हें तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
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सुरक्षा और अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि बगदाद में आठ प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है, जबकि अन्य 15 की मौत दक्षिणी इराक के बसरा, नसीरिया, मिसन और मुथन्ना प्रान्त में हुई.
इस बीच, इराक के सबसे वरिष्ठ शिया धर्मगुरु अयातोल्लाह अली अल सिस्तानी ने प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों से शांति की अपील की है. उन्होंने प्रदर्शनकारियों के प्रति सरकार के रुख की भी आलोचना की है.