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इजराइल ने परमाणु वार्ता में ईरान के खिलाफ कड़ा रूख अपनाने की अपील की

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Published : Dec 5, 2021, 7:45 PM IST

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने के लिए उसके खिलाफ कड़ा रूख अपनाए जाने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने विश्व शक्तियों से अपील की.

nuclear talks
परमाणु वार्ता

तेल अवीव : इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने रविवार को विश्व शक्तियों से अपील की कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने के लिए उसके खिलाफ कड़ा रूख अपनाए जाएं.

परमाणु समझौते को फिर से शुरू करने के लिए विश्व शक्तियों की ईरान के साथ वार्ता को लेकर इजराइल चिंतित है. ईरान ने पिछले हफ्ते वियना में वार्ता बहाल होने पर अपने कड़े रूख से पीछे हटने के संकेत दिए और कहा कि पिछले दौर की वार्ता में जो चर्चाएं हुईं थी उन पर फिर से बातचीत हो सकती है. साथ ही ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की गति धीमी नहीं कर रहा है, जिसका असर वार्ता पर पड़ सकता है.

वियना में हुई वार्ता का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से प्रतिबंध लगाना है.

ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते का इजराइल विरोधी रहा है और उसका कहना है कि उसके परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने में यह कारगर साबित नहीं होगा और इजराइल के साथ लगते देशों में ईरान की सेना की संलिप्तता का समाधान भी इससे नहीं होगा.

पढ़ें :- ईरान ने वियना में परमाणु वार्ता फिर से शुरू होने पर अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने की मांग दोहराई

इजराइल वार्ता में शामिल नहीं है लेकिन वार्ता के दौरान इसने यूरोपीय एवं अमेरिकी सहयोगियों के साथ संवाद कायम रखा. वार्ता इस हफ्ते फिर शुरू होने की उम्मीद है.

(पीटीआई-भाषा)

तेल अवीव : इजराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने रविवार को विश्व शक्तियों से अपील की कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने के लिए उसके खिलाफ कड़ा रूख अपनाए जाएं.

परमाणु समझौते को फिर से शुरू करने के लिए विश्व शक्तियों की ईरान के साथ वार्ता को लेकर इजराइल चिंतित है. ईरान ने पिछले हफ्ते वियना में वार्ता बहाल होने पर अपने कड़े रूख से पीछे हटने के संकेत दिए और कहा कि पिछले दौर की वार्ता में जो चर्चाएं हुईं थी उन पर फिर से बातचीत हो सकती है. साथ ही ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम की गति धीमी नहीं कर रहा है, जिसका असर वार्ता पर पड़ सकता है.

वियना में हुई वार्ता का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से प्रतिबंध लगाना है.

ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते का इजराइल विरोधी रहा है और उसका कहना है कि उसके परमाणु कार्यक्रम पर लगाम कसने में यह कारगर साबित नहीं होगा और इजराइल के साथ लगते देशों में ईरान की सेना की संलिप्तता का समाधान भी इससे नहीं होगा.

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इजराइल वार्ता में शामिल नहीं है लेकिन वार्ता के दौरान इसने यूरोपीय एवं अमेरिकी सहयोगियों के साथ संवाद कायम रखा. वार्ता इस हफ्ते फिर शुरू होने की उम्मीद है.

(पीटीआई-भाषा)

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