ETV Bharat / international

अफगानिस्तान में अटक सकता है शांति समझौता, UN की रिपोर्ट में दावा - taliban-militants

अफगानिस्तान से अमेरिका सेना की वापसी के साथ ही तालिबान तेजी से सक्रिय हो रहा है. जिससे इस मध्य और दक्षिण एशिया के देश में शांति व्यवस्था अस्थिर हो चुकी है. एक चिंताजनक बात और है जो यूएन (United Nations Organization) की हालिया रिपोर्ट में सामने आई है.

taliban, UN report
UN की रिपोर्ट
author img

By

Published : Jul 24, 2021, 3:31 PM IST

वाशिंगटन: अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति समझौते का प्रयास हाल फिलहाल खटाई में जाता नजर आ रहा है. ये दावा संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organization) की एक रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में सक्रिय आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत-खोरासन (ISIL-K) के नेता अमेरिका तथा अफगान तालिबान के बीच हुए शांति समझौते को खारिज कराने के ​लिए तालिबान को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. रिपोर्ट में युद्ध ग्रस्त देश में पहले से ही अस्थिर सुरक्षा स्थिति के और बिगड़ने का खतरा होने पर चिंता जताई गई है.

एनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंगशंज मॉनिटरिंग टीम की 28वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि फिर से सिर उठाने की कोशिश में आईएसआईएल-खुरासन ने नए समर्थकों की भर्ती और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके नेताओं को तालिबान के उन आतंकवादियों को भी शामिल करने की उम्मीद है, जिन्होंने अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान में शांति लाने का समझौता खारिज कर दिया है. उसे सीरिया, इराक और अन्य संघर्षरत देशों से लड़ाकों की भर्ती करने की भी उम्मीद है.

लड़ाकों की लगातार बढ़ रही संख्या

आईएसआईएल के 500 से 1,500 लड़ाके होने का अनुमान जताया है और कहा गया है कि यह संख्या 10,000 तक बढ़ सकती है. संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश ने कहा कि आईएसआईएल-के गुप्त रूप से काम करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन का नेता शाहाब अल-मुहाजिर उर्फ सनाउल्लाह अल-सादिक कार्यालय के प्रमुख शेख तामिम के साथ सहयोग करता है.

पढ़ें: तालिबान 'रणनीतिक गति' हासिल करता दिख रहा है : जनरल मार्क मिले

इस आतंकवादी समूह ने काबुल में और उसके आसपास अपनी स्थिति मजबूत की है, जहां वह ज्यादातर हमले करता है और अल्पसंख्यकों, कार्यकर्ताओं, सरकारी कर्मचारियों और अफगान राष्ट्रीय रक्षा एवं सुरक्षा बलों के कर्मियों को निशाना बनाता है.

हालात और बिगड़ने का खतरा

अमेरिका के अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने (US Troop From Afghanistan) के मद्देनजर रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पहले ही अस्थिर है और शांति प्रक्रिया पर अनिश्चितता के कारण हालात और बिगड़ने का खतरा है. मॉनिटरिंग टीम ने सुरक्षा परिषद समिति को जून में सौंपी अपनी 12वीं रिपोर्ट में कहा कि अल-कायदा कम से कम 15 अफगान प्रांतों में मौजूद हैं जिनमें मुख्यत: पूर्वी, दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र शामिल हैं.

इस समूह में मुख्यत: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के नागरिक शामिल हैं लेकिन इसमें बांग्लादेश, भारत और म्यांमा के नागरिक भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा नेता अयमन अल-जवाहिरी की स्थिति अभी पता नहीं है, लेकिन वह अफगानिस्तान में 'जिंदा परंतु बीमार है.' सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों का मानना है कि उसका संभावित उत्तराधिकारी मोहम्मद सलाहलदिन अब्द अल हालिम जिदान है जो अभी ईरान में है.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन: अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति समझौते का प्रयास हाल फिलहाल खटाई में जाता नजर आ रहा है. ये दावा संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organization) की एक रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में सक्रिय आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत-खोरासन (ISIL-K) के नेता अमेरिका तथा अफगान तालिबान के बीच हुए शांति समझौते को खारिज कराने के ​लिए तालिबान को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. रिपोर्ट में युद्ध ग्रस्त देश में पहले से ही अस्थिर सुरक्षा स्थिति के और बिगड़ने का खतरा होने पर चिंता जताई गई है.

एनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंगशंज मॉनिटरिंग टीम की 28वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि फिर से सिर उठाने की कोशिश में आईएसआईएल-खुरासन ने नए समर्थकों की भर्ती और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके नेताओं को तालिबान के उन आतंकवादियों को भी शामिल करने की उम्मीद है, जिन्होंने अमेरिका और तालिबान के बीच अफगानिस्तान में शांति लाने का समझौता खारिज कर दिया है. उसे सीरिया, इराक और अन्य संघर्षरत देशों से लड़ाकों की भर्ती करने की भी उम्मीद है.

लड़ाकों की लगातार बढ़ रही संख्या

आईएसआईएल के 500 से 1,500 लड़ाके होने का अनुमान जताया है और कहा गया है कि यह संख्या 10,000 तक बढ़ सकती है. संयुक्त राष्ट्र के एक सदस्य देश ने कहा कि आईएसआईएल-के गुप्त रूप से काम करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन का नेता शाहाब अल-मुहाजिर उर्फ सनाउल्लाह अल-सादिक कार्यालय के प्रमुख शेख तामिम के साथ सहयोग करता है.

पढ़ें: तालिबान 'रणनीतिक गति' हासिल करता दिख रहा है : जनरल मार्क मिले

इस आतंकवादी समूह ने काबुल में और उसके आसपास अपनी स्थिति मजबूत की है, जहां वह ज्यादातर हमले करता है और अल्पसंख्यकों, कार्यकर्ताओं, सरकारी कर्मचारियों और अफगान राष्ट्रीय रक्षा एवं सुरक्षा बलों के कर्मियों को निशाना बनाता है.

हालात और बिगड़ने का खतरा

अमेरिका के अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने (US Troop From Afghanistan) के मद्देनजर रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पहले ही अस्थिर है और शांति प्रक्रिया पर अनिश्चितता के कारण हालात और बिगड़ने का खतरा है. मॉनिटरिंग टीम ने सुरक्षा परिषद समिति को जून में सौंपी अपनी 12वीं रिपोर्ट में कहा कि अल-कायदा कम से कम 15 अफगान प्रांतों में मौजूद हैं जिनमें मुख्यत: पूर्वी, दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र शामिल हैं.

इस समूह में मुख्यत: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के नागरिक शामिल हैं लेकिन इसमें बांग्लादेश, भारत और म्यांमा के नागरिक भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-कायदा नेता अयमन अल-जवाहिरी की स्थिति अभी पता नहीं है, लेकिन वह अफगानिस्तान में 'जिंदा परंतु बीमार है.' सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों का मानना है कि उसका संभावित उत्तराधिकारी मोहम्मद सलाहलदिन अब्द अल हालिम जिदान है जो अभी ईरान में है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.