बगदाद : ईरानी सेना की इकाई 'कुद्स फोर्स' के कमांडर ने लंबे समय से ईरान का साथ दे रहे इराकी मिलिशिया गुट के नेताओं के साथ पिछले महीने बगदाद में हुई बैठक में कहा कि जब तक ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता चल रही है तब तक वे शांति बरतें.
हालांकि, इस दौरान उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ा. गुट के छह में से एक नेता ने बैठक में कहा कि जब तक उनके पूर्ववर्ती कासिम सुलेमानी और इराक के वरिष्ठ मिलिशिया कमांडर अबू मेहदी अल-मुहंदिस की अमेरिका ड्रोन हमले में हुई मौत का बदला नहीं ले लिया जाता, तब तक वे चुप नहीं बैठ सकते.
इराक और सीरिया में अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर मिलिशिया के हमले बढ़ रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में हुए तीन मिसाइल हमलों में मामूली नुकसान हुआ है, जिससे टकराव बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है.
तीन शिया राजनीतिक अधिकारियों और दो वरिष्ठ शिया मिलिशिया अधिकारियों ने 'कुद्स फोर्स' के कमांडर इस्माइल गनी की यात्रा के बारे में एसोसिएटेड प्रेस को मिली जानकारी की पुष्टि की है. इससे यह पता चलता है कि ईरान का समर्थन करने वाले इराकी मिलिशिया समूह कभी-कभी तेहरान के आदेशों की अवमानना कर स्वतंत्र रूप से काम करने की कोशिश कर रहे हैं.
ईरान इन्हें काबू में करने के लिए अब लेबनान के हिज़्बुल्लाह निर्भर है और इस बात की संभावना है कि ईरान के नए राष्ट्रपति ऐसा करने में भूमिका निभा सकते हैं. अधिकारियों ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर इन निजी बैठकों के बारे में बताया.
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ईरान और इराकी मिलिशिया के संबंधों में पिछले साल अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी और अल मुहंदिस की हत्या और दूसरे कुछ कारणों से मतभेद पैदा हुए हैं. इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की, जिसके बाद ये मतभेद सामने आने लगे हैं.
एक शिया राजनीतिक नेता ने कहा, ईरान अब वैसा नहीं रहा, जैसा पहले हुआ करता था. जिसका मिलिशिया कमांडरों पर पूरी तरह नियंत्रण होता था.
इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर किए गए रॉकेट और ड्रोन हमलों में वृद्धि ने पश्चिमी और गठबंधन अधिकारियों को चिंतित कर दिया है.
गठबंधन के अधिकारियों के अनुसार जनवरी में बाइडन के पदभार संभालने के बाद से अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर कम से कम आठ ड्रोन और 17 रॉकेट हमले किए गए हैं.
(एपी)